हल्द्वानीः मानसून के मद्देनजर रविवार से प्रदेश की नदियों में खनन का चुगान बंद कर दिया गया है. इस बार कुमाऊं की तीन बड़ी नदियों से 43 लाख 54 हजार घन मीटर खनन निकासी का लक्ष्य रखा गया था. लेकिन लॉकडाउन के चलते इन नदियों से मात्र 32 लाख घन मीटर ही खनन निकासी हो पाई है. जबकि, सरकार को करीब 241 करोड़ के राजस्व के सापेक्ष में मात्र 156 करोड़ का ही राजस्व मिल सका. जिससे सरकार को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.
क्षेत्रीय प्रबंधक वन विकास निगम जीसी पंत ने बताया कि कुमाऊं मंडल की गौला नदी, नंधौर नदी और शारदा नदी से मानसून सत्र के मद्देनजर खनन कार्य 31 मई को शाम 5 बजे से बंद हो गया है. शासन की ओर से नंधौर नदी से निर्धारित 6 लाख 94 हजार घन मीटर की निकासी की जानी थी, जिसके सापेक्ष 6 लाख 4 हजार घन मीटर की निकासी हुई है. जिससे सरकार को 26 करोड़ 67 लाख रुपए का राजस्व मिला है.
शारदा नदी से 4 लाख 44 हजार घन मीटर खनन के सापेक्ष में 2 लाख 48 हजार घन मीटर खनन हो चुका है. जिससे 10 करोड़ 20 लाख रुपए का राजस्व मिला है. वहीं, कुमाऊं की सबसे बड़ी गौला नदी में 32 हजार 16 लाख घन मीटर की निकासी की जानी थी. जिसके सापेक्ष में मात्र 24 लाख घन मीटर की खनन निकासी ही हो पाई है. गौला नदी में खनन से सरकार को 119 करोड़ रुपए राजस्व के रूप में मिले हैं.
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लॉकडाउन के चलते इन नदियों से 2 महीने तक खनन कार्य बंद था. ऐसे में अब तीन नदियों से खनन का काम अगले मानसून सत्र के लिए बंद हो गया. सरकार की ओर से निर्धारित लक्ष्य को विभाग पूरा नहीं कर सका है. जिसकी वजह से सरकार को राजस्व में भारी नुकसान हुआ है.
मानसून के मद्देनजर 31 मई से नदियों में खनन बंद हो गया है. लेकिन सरकार की तरफ से निर्धारित 43 हजार 54 लाख घन मीटर के सापेक्ष में मात्र 32 लाख घन मीटर खनन होना वन विभाग और वन विकास निगम के कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं.