हल्द्वानी: मानसून सत्र शुरू होते ही कुमाऊं की तीन बड़ी नदियों से खनन निकासी का काम 2 दिन बाद बंद हो जाएगा. कुमाऊं की लाइफलाइन कही जाने वाली गौला नदी में 1 जून से फावड़े, बेलचे की खनक सुनाई नहीं देगी. इस साल सरकार द्वारा निर्धारित 30 लाख घन मीटर खनन निकासी का लक्ष्य रखा गया था. लेकिन, लॉकडाउन के चलते अभी तक मात्र 23 लाख घन मीटर ही खनन निकासी हो पाया है. ऐसे में सरकार को इस वर्ष खनन से भी राजस्व का भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.
जिला खनन अधिकारी रवि नेगी ने बताया कि केंद्र सरकार के गाइडलाइन के अनुसार 31 मई तक इन नदियों में खनन होनी है. ऐसे में मानसून सत्र के मद्देनजर 1 जून से तीन नदियों से खनन का काम बंद हो जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा निर्धारित 30 लाख घन मीटर के सापेक्ष इस वर्ष 23 लाख घन मीटर ही खनन की निकासी हो पाई है. ऐसे में 7 लाख घन मीटर अभी भी गौला नदी से खनन निकासी बाकी है.
ऐसे में पिछले वर्ष सरकार को गौला नदी से करीब 150 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ था. लेकिन, इस बार लॉकडाउन के चलते खनन निकासी की मात्रा कम हो गई है. जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि खनन से सरकार को राजस्व का नुकसान होगा.
वहीं जिला खनन अधिकारी रवि नेगी ने कहा कि सरकार को गौला नदी में खनन से भारी राजस्व की प्राप्ति होती है. इसके अलावा खनन से लगे हजारों लोगों को रोजगार भी मिलता है. इसके साथ ही गौला नदी के 11 खनन गेटों पर करीब 25 हजार मजदूर खनन निकासी का काम करते हैं. जबकि, साढ़े सात हजार वाहन खनन ढुलान का काम करते हैं.