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खनन कारोबार से जुड़े खनन वाहन स्वामियों ने आरटीओ को बताई परेशानी, जल्द निराकरण की उठाई मांग

Haldwani Mining Business खनन से जुडे़ वाहन स्वामियों ने तमाम परेशानियों को लेकर संभागीय परिवहन अधिकारी के माध्यम से परिवहन मुख्यालय को ज्ञापन भेजा. साथ ही मांग पूरी ना होने पर नदियों से खनन रोकने की चेतावनी दी है. उन्होंने शासन से जल्द मांगों पर गौर करने की मांग की.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 31, 2023, 9:03 AM IST

Updated : Oct 31, 2023, 10:30 AM IST

खनन वाहन स्वामियों ने आरटीओ को बताई परेशानी

हल्द्वानी: नदियों के खनन कारोबार से जुड़े खनन वाहन स्वामी को आरटीओ कार्यालय पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि नदियों से खनन कारोबार शुरू होने जा रहा है, लेकिन खनन कारोबार में लगे गाड़ियों से जीपीएस सिस्टम खत्म किया जाए. नदियों से निकलने वाले ओवरलोड को बंद करने और गाड़ियों के फिटनेस को निजी हाथों में देने का विरोध करते हुए संभागीय परिवहन अधिकारी के माध्यम से परिवहन मुख्यालय को ज्ञापन भेजा गया.

खनन कारोबारी ने प्रदर्शन करते हुए कहा कि उनके वाहन केवल 5 महीने तक नदियों से केवल खनन कार्य करते हैं. निजी एजेंसी द्वारा जीपीएस सिस्टम लगाने के नाम पर उनसे मोटी रकम वसूली जाती है, जहां गाड़ी स्वामियों को करीब 15 हजार रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ता है. यहां तक की नदियों से खनन 108 कुंतल निकासी की वैधता थी, लेकिन अब सरकार ने 125 कुंतल कर दिया है. ऐसे में पूर्व की भांति निकासी की वैधता रखी जाए. यहां तक कि उनके वाहनों का आरटीओ कार्यालय में ₹1500 में फिटनेस हो जाता है, लेकिन सरकार ने अब फिटनेस को निजी हाथों में दे दिया है.
पढ़ें-इस वजह से गौला और नंधौर नदी से नहीं हो पा रहा खनन, दोनों नदियां उगलती हैं सोना!

जिसके चलते वाहनों को फिटनेस करने में मोटी रकम देनी पड़ रही है. जिसके चलते खनन कारोबारी के ऊपर अधिक बोझ पड़ रहा है. खनन कारोबारी ने आरटीओ को ज्ञापन देते हुए जल्द मांगे पूरी करने की मांग उठाई. खनन कारोबारी ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो नदियों से होने वाले खनन कार्य को नहीं करेंगे.मामले में संभागीय परिवहन अधिकारी संदीप सैनी का कहना है कि वाहन खनन कारोबारी का ज्ञापन लेकर शासन को भेजा गया है. शासन से जो भी निर्देश होंगे, उसका पालन कराया जाएगा.

खनन वाहन स्वामियों ने आरटीओ को बताई परेशानी

हल्द्वानी: नदियों के खनन कारोबार से जुड़े खनन वाहन स्वामी को आरटीओ कार्यालय पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि नदियों से खनन कारोबार शुरू होने जा रहा है, लेकिन खनन कारोबार में लगे गाड़ियों से जीपीएस सिस्टम खत्म किया जाए. नदियों से निकलने वाले ओवरलोड को बंद करने और गाड़ियों के फिटनेस को निजी हाथों में देने का विरोध करते हुए संभागीय परिवहन अधिकारी के माध्यम से परिवहन मुख्यालय को ज्ञापन भेजा गया.

खनन कारोबारी ने प्रदर्शन करते हुए कहा कि उनके वाहन केवल 5 महीने तक नदियों से केवल खनन कार्य करते हैं. निजी एजेंसी द्वारा जीपीएस सिस्टम लगाने के नाम पर उनसे मोटी रकम वसूली जाती है, जहां गाड़ी स्वामियों को करीब 15 हजार रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ता है. यहां तक की नदियों से खनन 108 कुंतल निकासी की वैधता थी, लेकिन अब सरकार ने 125 कुंतल कर दिया है. ऐसे में पूर्व की भांति निकासी की वैधता रखी जाए. यहां तक कि उनके वाहनों का आरटीओ कार्यालय में ₹1500 में फिटनेस हो जाता है, लेकिन सरकार ने अब फिटनेस को निजी हाथों में दे दिया है.
पढ़ें-इस वजह से गौला और नंधौर नदी से नहीं हो पा रहा खनन, दोनों नदियां उगलती हैं सोना!

जिसके चलते वाहनों को फिटनेस करने में मोटी रकम देनी पड़ रही है. जिसके चलते खनन कारोबारी के ऊपर अधिक बोझ पड़ रहा है. खनन कारोबारी ने आरटीओ को ज्ञापन देते हुए जल्द मांगे पूरी करने की मांग उठाई. खनन कारोबारी ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो नदियों से होने वाले खनन कार्य को नहीं करेंगे.मामले में संभागीय परिवहन अधिकारी संदीप सैनी का कहना है कि वाहन खनन कारोबारी का ज्ञापन लेकर शासन को भेजा गया है. शासन से जो भी निर्देश होंगे, उसका पालन कराया जाएगा.

Last Updated : Oct 31, 2023, 10:30 AM IST
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