हल्द्वानी: प्रदेश सरकार को खनन से हर साल करोड़ों का राजस्व मिलता है. ये राजस्व नदियों में काम करने वाले मजदूरों की मेहनत के बदौलत ही मिलता है. लेकिन मजदूरों की हितों के लिए बनाए गए वेलफेयर सोसाइटी पिछले 2 सालों से कंबल,जूते ,पोलूशन मास्क, सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही है. ऐसे में विभागीय अधिकारी जान कर भी अंजान बने हुए हैं. ऐसे में बाहर से आकर नदियों में खनन करने वाले मजदूर कड़कड़ाती ठंड में कार्य करने को मजबूर हैं.
बता दें कि कुमाऊं की गौला नदी,नंधौर नदी, कोसी नदी सहित कई अन्य नदियों में खनन का काम चल रहा है. इन नदियों में करीब 12 हजार से अधिक मजदूर काम कर रहे हैं. वहीं, खनन काम करने वाले अधिकतर मजदूर बाहरी प्रदेशों के हैं. जो यहां मजदूरी कर अपना परिवार का पालन पोषण करते हैं. इन मजदूरों की बदौलत प्रदेश सरकार को हर साल करोड़ों का राजस्व मिलता है. ऐसे में सरकार द्वारा मजदूरों के हितों के लिए वेलफेयर सोसाइटी और खनन न्यास की स्थापना की गई है. जिसके माध्यम से इन मजदूरों के लिए पीने का पानी, शौचालय की व्यवस्था, ठंड से बचने के लिए कंबल, जूते ,मास्क ,गल्पस मेडिकल कैंप, सहित कई अन्य जरूरी व्यवस्था करने की जिम्मेदारी वन विकास निगम की है.
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वहीं, खनन कार्य में लगे मजदूरों का कहना है कि उनको हर साल सुविधा उपलब्ध कराने के नाम पर उनको रजिस्ट्रेशन तक किया जाता है. लेकिन पिछले 2 सालों से सुविधा के नाम पर उनको कुछ भी नहीं मिल पा रहा है. मजदूरों का कहना है कि उनको पीने के पानी के लिए नदी से काफी दूर जाकर पानी लाना पड़ता है. लेकिन वन विकास निगम द्वारा पानी की व्यवस्था तक नहीं कराई जा रही है. ना ही कोई शौचालय की व्यवस्था है.
वहीं क्षेत्रीय प्रबंधक वन विकास निगम केएन भारती बताया कि खनन से जुड़े मजदूरों के हितों के लिए विभाग द्वारा लगातार काम किया जा रहा है. ठंड से बचने के लिए मजदूरों को दिए जाने वाली सुविधा के लिए टेंडर प्रक्रिया की जा चुका है. शासन से अनुमति मिलते ही कंबल, जूते ,मास्क ,ग्लव्स सहित अन्य सुविधा उपलब्ध करा दी जाएगी. फिलहाल ठंड से बचने के लिए जलौनी लकड़ी वितरण के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया जा चुका है.