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खनन को लेकर संकट, गौला नदी से कम निकल रहा उप खनिज

गौला नदी से हर साल करीब 54 लाख घन मीटर उप खनिज नदी से निकला जाता है, लेकिन अभी तक 29 लाख घन मीटर की निकासी हुई है.

गौला नदी से कम निकल रहा उप खनिज
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Published : Apr 16, 2019, 11:04 AM IST

हल्द्वानीः गौला नदी से इस साल खनन सत्र संकट के दौर से गुजर रहा है. हर साल करीब 54 लाख घन मीटर उप खनिज नदी से निकला जाता है, लेकिन अभी तक 29 लाख घन मीटर की निकासी हुई है. ऐसे में प्रदेश सरकार को इस साल कम राजस्व की आमदनी होने की संभावना है. वहीं, खनन से जुड़े कई लोगों के सामने भी संकट आ सकता है.

जानकारी देते वन विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक एमपीएस रावत.


बता दें कि कुमाऊं की लाइफलाइन कही जाने वाली गौला नदी में इस बार खनन सत्र धीमी गति से चल रहा है. बीते मानसून सत्र में गौला नदी में कम उप खनिज आया था. इसे देखते हुए सरकार ने 2018-19 के लिए नदी से 34 लाख 50 हजार घन मीटर का लक्ष्य रखा है, लेकिन अभी तक मात्र 29 लाख घन मीटर ही नदी से खनन की निकासी हो पाई है. जबकि राजस्व के तौर पर 1 अरब 51 करोड़ रुपये की राजस्व की प्राप्ति हुई है. ऐसे में पिछले 10 सालों की तुलना में इस साल गौला नदी से सरकार को सबसे कम राजस्व ही मिला है. बीते साल भी सरकार को गौला नदी से खनन के तौर पर 2 अरब का राजस्व मिला था. वहीं, 40 लाख घन मीटर उपखनिज गौला नदी से निकाला गया था.

ये भी पढ़ेंः पैराग्लाइडिंग का रखते हैं शौक तो चले आइये यहां, पर्यटक जमकर उठा रहे लुत्फ

गौर हो कि केंद्रीय मृदा और जल संरक्षण की टीम ने गौला नदी का सर्वे कर शासन को रिपोर्ट भेजी है. जिसमें बताया गया है कि इस साल कम बरसात होने से गौला नदी में खनिज कम मात्रा में पहुंचा है. ऐसे में नदी से खनिज नहीं निकाला जाए.


वहीं, मामले पर वन विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक एमपीएस रावत का कहना है कि गौला नदी से खनन सुचारू चल रहा है. केंद्रीय मृदा और जल संरक्षण की रिपोर्ट को शासन को भेज दिया गया है. शासन से निर्देश मिलने के बाद इस साल खनन क्षेत्र के बंद करने पर विचार किया जाएगा.

हल्द्वानीः गौला नदी से इस साल खनन सत्र संकट के दौर से गुजर रहा है. हर साल करीब 54 लाख घन मीटर उप खनिज नदी से निकला जाता है, लेकिन अभी तक 29 लाख घन मीटर की निकासी हुई है. ऐसे में प्रदेश सरकार को इस साल कम राजस्व की आमदनी होने की संभावना है. वहीं, खनन से जुड़े कई लोगों के सामने भी संकट आ सकता है.

जानकारी देते वन विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक एमपीएस रावत.


बता दें कि कुमाऊं की लाइफलाइन कही जाने वाली गौला नदी में इस बार खनन सत्र धीमी गति से चल रहा है. बीते मानसून सत्र में गौला नदी में कम उप खनिज आया था. इसे देखते हुए सरकार ने 2018-19 के लिए नदी से 34 लाख 50 हजार घन मीटर का लक्ष्य रखा है, लेकिन अभी तक मात्र 29 लाख घन मीटर ही नदी से खनन की निकासी हो पाई है. जबकि राजस्व के तौर पर 1 अरब 51 करोड़ रुपये की राजस्व की प्राप्ति हुई है. ऐसे में पिछले 10 सालों की तुलना में इस साल गौला नदी से सरकार को सबसे कम राजस्व ही मिला है. बीते साल भी सरकार को गौला नदी से खनन के तौर पर 2 अरब का राजस्व मिला था. वहीं, 40 लाख घन मीटर उपखनिज गौला नदी से निकाला गया था.

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गौर हो कि केंद्रीय मृदा और जल संरक्षण की टीम ने गौला नदी का सर्वे कर शासन को रिपोर्ट भेजी है. जिसमें बताया गया है कि इस साल कम बरसात होने से गौला नदी में खनिज कम मात्रा में पहुंचा है. ऐसे में नदी से खनिज नहीं निकाला जाए.


वहीं, मामले पर वन विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक एमपीएस रावत का कहना है कि गौला नदी से खनन सुचारू चल रहा है. केंद्रीय मृदा और जल संरक्षण की रिपोर्ट को शासन को भेज दिया गया है. शासन से निर्देश मिलने के बाद इस साल खनन क्षेत्र के बंद करने पर विचार किया जाएगा.

Intro:स्लग- गौला नदी से खनन का संकट नहीं हो पाएगा खनन का लक्ष्य पूरा
रिपोर्टर -भावनाथ पंडित /हल्द्वानी
एंकर -कुमाऊ की लाइफ लाइन कहलाने वाली गौला नदी में इस वर्ष खनन सत्र संकट के दौर से गुजर रहा है। हर वर्ष 54 लाख घन मीटर नदी से निकलने वाला उप खनिज अभी तक मात्र 29 लाख घन मीटर की ही निकासी हो पाया है ऐसे में प्रदेश सरकार को इस वर्ष कम राजस्व की आमदनी के साथ नदी से जुड़े खनन कारोबारियों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। ऐसे में गौला नदी कब बंद हो जाए इस पर संकट मंडरा रहा है।


Body:गौरतलब है कि कुमाऊं की लाइफलाइन कहे जाने वाली गौला नदी इस बार खनन सत्र धीमी गति से चल रहा है। पिछले मानसून सत्र में गोला नदी में कम उप खनिज आने के चलते सरकार ने 2018 -19 के लिए नदी से 34लाख 50 हजार घन मीटर का लक्ष्य रखा है लेकिन अभी तक मात्र 29 लाख घन मीटर है नदी से खनन का निकासी हो पाया है। जबकि राजस्व के तौर पर 1 अरब 51 करोड़ रुपए की राजस्व की प्राप्ति हुई है। ऐसे में पिछले 10 सालों की तुलना में इस वर्ष गोला नदी में सरकार को सबसे कम राजस्व की प्राप्ति हुई है जबकि खनन कारोबारी भी इस बार ज्यादा मुनाफा नहीं कमा पाए। पिछले वर्ष सरकार को गौला नदी से खनन के तौर पर 2 अरब का राजस्व की प्राप्ति हुई थी। जबकि 40 लाख घन मीटर उपखनिज गौला नदी से निकाला था।
गौरतलब है कि केंद्रीय मृदा एवं जल संरक्षण की टीम ने गौला नदी का सर्वे कर रिपोर्ट शासन को भेजा है जिसमें बताया गया है कि इस वर्ष कम बरसात होने के चलते गोला नदी में खनिज कम मात्रा में पहुंचा है ऐसे में नदी से खनिज नहीं निकाला जाए।
वहीं वन विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक एमपीएस रावत का कहना है कि गौला नदी से खनन सुचारू चल रहा है ।केंद्रीय मृदा एवं जल संरक्षण की रिपोर्ट को शासन को भेज दिया गया है। शासन से निर्देश मिलने के बाद इस वर्ष खनन क्षेत्र के बंद करने पर विचार किया जाएगा।



Conclusion:कुमाऊं में रोजगार का सबसे बड़ा साधन माने जाने वाली गौला नदी संकट के दौर से गुजर रही हैं। शासन नदी से खनन बंद के निर्देश देता है तो करीब 25 हजार श्रमिक और साले सात हजार वाहन चालाक और स्वामी को ऊपर रोजी रोटी का संकट गहरा जाएगा साथी प्रदेश सरकार को भी 50 करोड से अधिक का नुकसान उठाना पड़ेगा।

बाइट- एमपीएस रावत क्षेत्रीय प्रबंधक वन विकास निगम
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