हल्द्वानी: कुमाऊं की लाइफ लाइन और सरकार को हर साल करोड़ों का राजस्व देने वाली गौला और नंधौर नदी से होने वाले खनिज निकासी की रॉयल्टी को सरकार द्वारा निजी हाथों में देने के आदेश के बाद खनन कारोबारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. जिसके तहत आज खनन कारोबारियों ने हल्द्वानी के एसडीएम कोर्ट में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि पिछले कई दशकों से गौला नदी का खनन निकासी का कारोबार सरकारी एजेंसी द्वारा कराया जाता है, लेकिन सरकार ने इस बार खनन रॉयल्टी को निजी हाथों में दे दिया है.
खनन कारोबारियों का कहना है कि खनन कारोबार से जुड़े वाहनों का फिटनेस पूर्व में आरटीओ कार्यालय में किया जाता था, लेकिन फिटनेस को भी अब निजी हाथों में दे दिया गया है. जिसके चलते खनन कारोबार से जुड़े वाहन स्वामियों के ऊपर आर्थिक बोझ पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि जब तक सरकार अपने इस फैसले को वापस नहीं ले लेती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा और खनन कारोबारी खनन कार्य भी नहीं होगा.
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बता दें कि अक्टूबर में हर साल गौला नदी से खनन निकासी का कार्य शुरू हो जाता था, लेकिन 2 माह बीत जाने के बाद भी इन नदियों से खनन कार्य शुरू नहीं हो पाया है. जिसके चलते सरकार को राजस्व और खनन कारोबार से जुड़े लोगों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. अपनी मांगों को लेकर खनन कारोबारी सरकार और मुख्यमंत्री से भी गुहार लगा चुके हैं. ऐसे में खनन कारोबारियों ने बड़ा आंदोलन करने की सरकार को चेतावनी दी है.
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