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दुग्ध उत्पादकों का सरकार पर 25 करोड़ बकाया, एक साल से नहीं मिली प्रोत्साहन राशि - Milk producers have not received incentive money

उत्तराखंड डेयरी फेडरेशन (Uttarakhand Dairy Federation) से जुड़े प्रदेश के दुग्ध उत्पादकों को सरकार से पिछले एक साल से प्रोत्साहन राशि नहीं मिली है. वहीं एससी, एसटी दुग्ध उत्पादकों का वित्तीय वर्ष 2021-22 तक भुगतान हो चुका है. लेकिन सामान्य वर्ग के दुग्ध उत्पादकों का भुगतान बकाया है.

Aanchal Dairy Haldwani
आंचल डेयरी हल्द्वानी
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Published : May 3, 2022, 11:56 AM IST

हल्द्वानी: उत्तराखंड सरकार प्रदेश में दुग्ध क्रांति को लेकर कई तरह की योजनाएं चला रही है. वहीं उत्तराखंड डेयरी फेडरेशन (Uttarakhand Dairy Federation) से जुड़े प्रदेश के दुग्ध उत्पादकों को सरकार से पिछले एक साल से प्रोत्साहन राशि नहीं मिली है. ऐसे में दुग्ध व्यवसाय (Haldwani Milk Producer) से जुड़े उत्पादकों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो रहा है.

बताया जा रहा है कि उत्तराखंड डेयरी फेडरेशन यानी आंचल डेयरी से प्रदेश के करीब 52 हजार दुग्ध उत्पादकों को ₹4 प्रति लीटर मिलने वाली प्रोत्साहन राशि वित्तीय वर्ष 2021-22 का नहीं मिला है, जो करीब ₹25 करोड़ की राशि बकाया है. निदेशक उत्तराखंड डेयरी फेडरेशन जयदीप अरोड़ा ने बताया कि दुग्ध उत्पादकों को मिलने वाली ₹4 प्रति लीटर प्रोत्साहन राशि देने की कवायद चल रही है. वित्तीय वर्ष 2021- 22 का करीब ₹25 करोड़ का बकाया है. जिसके लिए शासन से बजट की डिमांड की गई है, बजट मिलते ही दुग्ध उत्पादकों का उनकी प्रोत्साहन राशि बकाया भुगतान कर दिया जाएगा.

पढ़ें-चारधाम यात्रा मार्ग पर आंचल ब्रांड के खुलेंगे आउटलेट, यात्री आइसक्रीम और लस्सी का उठा सकेंगे लुत्फ

इसके अलावा सरकार से आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए भी 26 करोड़ की बजट की मांग की गई है. जिससे कि समय रहते दुग्ध उत्पादकों की प्रोत्साहन राशि का भुगतान हो सके. उन्होंने बताया कि एससी, एसटी दुग्ध उत्पादकों का वित्तीय वर्ष 2021- 22 तक भुगतान हो चुका है. लेकिन सामान्य वर्ग के दुग्ध उत्पादकों का भुगतान बकाया है. प्रदेश में करीब 52,000 दुग्ध उत्पादक हैं जो रोजाना आंचल डेयरी को करीब दो लाख लीटर दूध देते हैं. ऐसे में 1 साल से प्रोत्साहन राशि नहीं मिलने से दूध उत्पादकों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो रहा है.

हल्द्वानी: उत्तराखंड सरकार प्रदेश में दुग्ध क्रांति को लेकर कई तरह की योजनाएं चला रही है. वहीं उत्तराखंड डेयरी फेडरेशन (Uttarakhand Dairy Federation) से जुड़े प्रदेश के दुग्ध उत्पादकों को सरकार से पिछले एक साल से प्रोत्साहन राशि नहीं मिली है. ऐसे में दुग्ध व्यवसाय (Haldwani Milk Producer) से जुड़े उत्पादकों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो रहा है.

बताया जा रहा है कि उत्तराखंड डेयरी फेडरेशन यानी आंचल डेयरी से प्रदेश के करीब 52 हजार दुग्ध उत्पादकों को ₹4 प्रति लीटर मिलने वाली प्रोत्साहन राशि वित्तीय वर्ष 2021-22 का नहीं मिला है, जो करीब ₹25 करोड़ की राशि बकाया है. निदेशक उत्तराखंड डेयरी फेडरेशन जयदीप अरोड़ा ने बताया कि दुग्ध उत्पादकों को मिलने वाली ₹4 प्रति लीटर प्रोत्साहन राशि देने की कवायद चल रही है. वित्तीय वर्ष 2021- 22 का करीब ₹25 करोड़ का बकाया है. जिसके लिए शासन से बजट की डिमांड की गई है, बजट मिलते ही दुग्ध उत्पादकों का उनकी प्रोत्साहन राशि बकाया भुगतान कर दिया जाएगा.

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इसके अलावा सरकार से आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए भी 26 करोड़ की बजट की मांग की गई है. जिससे कि समय रहते दुग्ध उत्पादकों की प्रोत्साहन राशि का भुगतान हो सके. उन्होंने बताया कि एससी, एसटी दुग्ध उत्पादकों का वित्तीय वर्ष 2021- 22 तक भुगतान हो चुका है. लेकिन सामान्य वर्ग के दुग्ध उत्पादकों का भुगतान बकाया है. प्रदेश में करीब 52,000 दुग्ध उत्पादक हैं जो रोजाना आंचल डेयरी को करीब दो लाख लीटर दूध देते हैं. ऐसे में 1 साल से प्रोत्साहन राशि नहीं मिलने से दूध उत्पादकों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो रहा है.

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