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मुर्गी पालन से प्रवासी युवाओं की बदलेगी माली हालत, दिया जा रहा प्रशिक्षण

कोरोना के चलते घर लौटे प्रवासियों के सामने रोजगार की समस्या बनी हुई है. सरकार युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है.

nanital
मुर्गी पालन से प्रवासी युवाओं की बदलेगी माली हालत.
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Published : Oct 10, 2020, 5:20 PM IST

नैनीताल: वैश्विक महामारी कोरोना के चलते घर लौटे प्रवासियों के सामने रोजगार की समस्या बनी हुई है. वहीं राज्य सरकार विभिन्न योजनाएं चलाकर प्रवासियों को स्वरोजगार से जोड़ने का प्रयास कर रही है. ताकि घर वापस लौटे युवाओं को घर पर ही रोजगार मिल सकें. इसी के तहत भीमताल के मलवा ताल क्षेत्र के करीब 45 युवाओं को मुर्गी पालन योजना के तहत प्रत्येक को दो चरणों में 90 मुर्गियां दी जा रही हैं. ताकि लॉकडाउन के चलते घर वापस लौटे प्रवासी अपना स्वरोजगार कर जीवन यापन कर सकें. पशुपालन विभाग द्वारा युवाओं को मुर्गी देने के साथ ही प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है.

मुर्गी पालन से प्रवासी युवाओं की बदलेगी माली हालत.
मलवा ताल क्षेत्र के प्रवासी युवकों का कहना है कि लॉकडाउन से पहले गांव के अधिकांश युवा दिल्ली, हैदराबाद, मुंबई समेत आसपास के बड़े महानगरों में काम कर रहे थे. लेकिन लॉकडाउन के बाद अधिकांश युवाओं को कंपनी के द्वारा नौकरी से निकाल दिया गया. जिसके बाद वह अपने घर वापस पहुंचे और अब राज्य सरकार के द्वारा घर वापस लौटे युवाओं के लिए मुर्गी पालन योजना की शुरूआत की गई है.

ये भी पढ़ें : नेता प्रतिपक्ष ने अल्मोड़ा में व्यक्ति की मौत पर सरकार पर साधा निशाना

इस योजना के तहत पशुपालन विभाग द्वारा सभी प्रवासी युवाओं को मुर्गी पालने का एक सप्ताह का प्रशिक्षण दिया गया. इसके बाद अब उनको पहले चरण में 45- 45 मुर्गियां दी गई, जिससे वे अपना स्वरोजगार शुरू कर सकें.

नैनीताल: वैश्विक महामारी कोरोना के चलते घर लौटे प्रवासियों के सामने रोजगार की समस्या बनी हुई है. वहीं राज्य सरकार विभिन्न योजनाएं चलाकर प्रवासियों को स्वरोजगार से जोड़ने का प्रयास कर रही है. ताकि घर वापस लौटे युवाओं को घर पर ही रोजगार मिल सकें. इसी के तहत भीमताल के मलवा ताल क्षेत्र के करीब 45 युवाओं को मुर्गी पालन योजना के तहत प्रत्येक को दो चरणों में 90 मुर्गियां दी जा रही हैं. ताकि लॉकडाउन के चलते घर वापस लौटे प्रवासी अपना स्वरोजगार कर जीवन यापन कर सकें. पशुपालन विभाग द्वारा युवाओं को मुर्गी देने के साथ ही प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है.

मुर्गी पालन से प्रवासी युवाओं की बदलेगी माली हालत.
मलवा ताल क्षेत्र के प्रवासी युवकों का कहना है कि लॉकडाउन से पहले गांव के अधिकांश युवा दिल्ली, हैदराबाद, मुंबई समेत आसपास के बड़े महानगरों में काम कर रहे थे. लेकिन लॉकडाउन के बाद अधिकांश युवाओं को कंपनी के द्वारा नौकरी से निकाल दिया गया. जिसके बाद वह अपने घर वापस पहुंचे और अब राज्य सरकार के द्वारा घर वापस लौटे युवाओं के लिए मुर्गी पालन योजना की शुरूआत की गई है.

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इस योजना के तहत पशुपालन विभाग द्वारा सभी प्रवासी युवाओं को मुर्गी पालने का एक सप्ताह का प्रशिक्षण दिया गया. इसके बाद अब उनको पहले चरण में 45- 45 मुर्गियां दी गई, जिससे वे अपना स्वरोजगार शुरू कर सकें.

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