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नीति आयोग के सर्वे में बड़ा खुलासा, नैनीताल में पानी की गुणवत्ता बेहद खराब

नीति आयोग के सर्वे (NITI Aayog survey) में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. नैनीताल के पानी गुणवत्ता बेहद खराब होती जा रही है. नैनीताल के लोग खराब पानी पीने से कैंसर, टीबी और पथरी जैसी घातक बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. संयुक्त मजिस्ट्रेट प्रतीक जैन ने बताया कि नीति आयोग के द्वारा देशभर में शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा सुधारने के लिए अध्ययन किया जा रहा है, जिसमें नैनीताल, लुधियाना, जबलपुर, जोधपुर, बेंगलुरु, शिलांग, वारंगल और रांची शामिल है.

NITI Aayog survey
नैनीताल में पानी गुणवत्ता बेहद खराब
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Published : Jun 2, 2022, 3:23 PM IST

नैनीताल: पर्यटन के लिए सुमार नैनीताल शहर के लोगों में किडनी में पथरी, डायबिटीज और हार्ट संबंधी दिक्कतें बढ़ रही हैं. इसका खुलासा नीति आयोग के सर्वे में हुआ है. मैदानी क्षेत्रों की अपेक्षा नैनीताल में इन बीमारियों से ग्रसित रोगी अधिक मिले हैं. नीति आयोग ने नैनीताल में नेशनल अर्बन हेल्थ मिशन योजना के तहत दो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने की भी सिफारिश की है. इससे मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेंगी.

नैनीताल के मल्लीताल क्षेत्र में निजी होटल में नीति आयोग के एडवाइजर कुंदन कुमार (Advisor Kundan Kumar) की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें नैनीताल शहर को बेहतर स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र से जुड़े जाने पर चर्चा की गई, जिसमें शहर के विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों ने अपने विचार रखें. नैनीताल के संयुक्त मजिस्ट्रेट प्रतीक जैन ने बताया कि आयोग के द्वारा बैठक को गोपनीय रखा था. आयोग के अधिकारियों के निर्देश पर पत्रकार वार्ता कर बैठक में हुए फैसले की जानकारी दी जा रही है.

नैनीताल में पानी की गुणवत्ता बेहद खराब.

प्रतीक जैन ने बताया कि बैठक का आयोजन नीति आयोग के एडवाइजर कुंदन कुमार की अध्यक्षता में शहर में करीब 12 दिनों तक सर्वे किया गया. इस दौरान टीम को शहर की पेयजल गुणवत्ता, यातायात व्यवस्था, सीवेज लाइन, कूड़ा एकत्रीकरण समेत विभिन्न गंभीर समस्या दिखी, जिनसे शहर के लोगों के स्वास्थ्य पर बड़ा संकट दिखा.

बैठक के दौरान चर्चा की गई कि शहर के अस्पताल में लोग उपचार करवाने में दिलचस्पी ना दिखाते हुए हल्द्वानी के अस्पतालों में उपचार कराने पर दिलचस्पी दिखा रहे हैं. शहर के सरकारी अस्पताल बीडी पांडे पर जनता का भरोसा नहीं है, जिसके चलते लोग उपचार करवाने के लिए मैदानी क्षेत्र की तरफ जाते हैं. आयोग की टीम के द्वारा निकाय स्तर, होटल संगठन, टैक्सी ट्रैवल्स संगठन समेत कई अन्य लोगों के साथ चर्चा की और उनसे सुझाव एकत्र किए.
पढ़ें- हल्द्वानी पहुंचे CM धामी को कांग्रेसियों ने दिखाए काले झंडे, पुलिस ने हिरासत में लिया

संयुक्त मजिस्ट्रेट प्रतीक जैन ने बताया कि नीति आयोग के द्वारा देशभर में शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा सुधारने के लिए अध्ययन किया जा रहा है, जिसमें नैनीताल, लुधियाना, जबलपुर, जोधपुर, बेंगलुरु, शिलॉन्ग, वारंगल और रांची शामिल है. पहाड़ी राज्य के अध्ययन के लिए नैनीताल को चनायित किया है, जिसके आधार पर अन्य पहाड़ी राज्यों की स्वास्थ्य व्यवस्था पर फैसला किया जाएगा. नैनीताल में बेहतर स्वास्थ्य सेवा शुरू करने के लिए दो स्थानों पर पीएचसी स्तर के अस्पताल का निर्माण किया जाएगा, जिसके लिए नगर पालिका द्वारा भूमिका चयन किया जाएगा.

उन्होंने बताया कि नैनीताल में सफाई व्यवस्था चाक-चौबंद रखने के लिए मैन पावर पर अधिक व्यय होता है. हर जगह कूड़ा वाहन नहीं पहुंच पाते हैं. आगामी भविष्य में नैनीताल के लिए सफाई बजट को दोगुना रखा जाएगा. वहीं, नारायण नगर में वेस्ट मैनेजमेंट प्लान धरातल पर उतारने के लिए अब कवायद शुरू की जाएगी, जिसे लेकर आयोग की बैठक में भी चर्चा हुई.

आयोग 25 जून को केंद्र में पेश करेगा हेल्थ रिपोर्ट: नैनीताल के हेल्थ सर्वे पर आधारित रिपोर्ट को टीम के द्वारा 25 जून को केंद्र सरकार के समक्ष रखेगी, जिसके आधार पर भविष्य के लिए योजनाएं बनाने का कार्य होगा और धरातल पर स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने का कार्य किया जाएगा.

नैनीताल: पर्यटन के लिए सुमार नैनीताल शहर के लोगों में किडनी में पथरी, डायबिटीज और हार्ट संबंधी दिक्कतें बढ़ रही हैं. इसका खुलासा नीति आयोग के सर्वे में हुआ है. मैदानी क्षेत्रों की अपेक्षा नैनीताल में इन बीमारियों से ग्रसित रोगी अधिक मिले हैं. नीति आयोग ने नैनीताल में नेशनल अर्बन हेल्थ मिशन योजना के तहत दो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने की भी सिफारिश की है. इससे मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेंगी.

नैनीताल के मल्लीताल क्षेत्र में निजी होटल में नीति आयोग के एडवाइजर कुंदन कुमार (Advisor Kundan Kumar) की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें नैनीताल शहर को बेहतर स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र से जुड़े जाने पर चर्चा की गई, जिसमें शहर के विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों ने अपने विचार रखें. नैनीताल के संयुक्त मजिस्ट्रेट प्रतीक जैन ने बताया कि आयोग के द्वारा बैठक को गोपनीय रखा था. आयोग के अधिकारियों के निर्देश पर पत्रकार वार्ता कर बैठक में हुए फैसले की जानकारी दी जा रही है.

नैनीताल में पानी की गुणवत्ता बेहद खराब.

प्रतीक जैन ने बताया कि बैठक का आयोजन नीति आयोग के एडवाइजर कुंदन कुमार की अध्यक्षता में शहर में करीब 12 दिनों तक सर्वे किया गया. इस दौरान टीम को शहर की पेयजल गुणवत्ता, यातायात व्यवस्था, सीवेज लाइन, कूड़ा एकत्रीकरण समेत विभिन्न गंभीर समस्या दिखी, जिनसे शहर के लोगों के स्वास्थ्य पर बड़ा संकट दिखा.

बैठक के दौरान चर्चा की गई कि शहर के अस्पताल में लोग उपचार करवाने में दिलचस्पी ना दिखाते हुए हल्द्वानी के अस्पतालों में उपचार कराने पर दिलचस्पी दिखा रहे हैं. शहर के सरकारी अस्पताल बीडी पांडे पर जनता का भरोसा नहीं है, जिसके चलते लोग उपचार करवाने के लिए मैदानी क्षेत्र की तरफ जाते हैं. आयोग की टीम के द्वारा निकाय स्तर, होटल संगठन, टैक्सी ट्रैवल्स संगठन समेत कई अन्य लोगों के साथ चर्चा की और उनसे सुझाव एकत्र किए.
पढ़ें- हल्द्वानी पहुंचे CM धामी को कांग्रेसियों ने दिखाए काले झंडे, पुलिस ने हिरासत में लिया

संयुक्त मजिस्ट्रेट प्रतीक जैन ने बताया कि नीति आयोग के द्वारा देशभर में शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा सुधारने के लिए अध्ययन किया जा रहा है, जिसमें नैनीताल, लुधियाना, जबलपुर, जोधपुर, बेंगलुरु, शिलॉन्ग, वारंगल और रांची शामिल है. पहाड़ी राज्य के अध्ययन के लिए नैनीताल को चनायित किया है, जिसके आधार पर अन्य पहाड़ी राज्यों की स्वास्थ्य व्यवस्था पर फैसला किया जाएगा. नैनीताल में बेहतर स्वास्थ्य सेवा शुरू करने के लिए दो स्थानों पर पीएचसी स्तर के अस्पताल का निर्माण किया जाएगा, जिसके लिए नगर पालिका द्वारा भूमिका चयन किया जाएगा.

उन्होंने बताया कि नैनीताल में सफाई व्यवस्था चाक-चौबंद रखने के लिए मैन पावर पर अधिक व्यय होता है. हर जगह कूड़ा वाहन नहीं पहुंच पाते हैं. आगामी भविष्य में नैनीताल के लिए सफाई बजट को दोगुना रखा जाएगा. वहीं, नारायण नगर में वेस्ट मैनेजमेंट प्लान धरातल पर उतारने के लिए अब कवायद शुरू की जाएगी, जिसे लेकर आयोग की बैठक में भी चर्चा हुई.

आयोग 25 जून को केंद्र में पेश करेगा हेल्थ रिपोर्ट: नैनीताल के हेल्थ सर्वे पर आधारित रिपोर्ट को टीम के द्वारा 25 जून को केंद्र सरकार के समक्ष रखेगी, जिसके आधार पर भविष्य के लिए योजनाएं बनाने का कार्य होगा और धरातल पर स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने का कार्य किया जाएगा.

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