रामनगर: इस बार आम के पेड़ों पर अत्यधिक बौर आई हैं तो वहीं लीची का उत्पादन अच्छा होने के कयास लगाए जा रहे हैं. इसे लेकर आम और लीची के बागबानों के चेहरे खिल उठे हैं. बागबानों का कहना है कि अगर मौसम ठीक रहा तो आम और लीची की पैदावार उम्मीद से ज्यादा होगी.
जानकारी के मुताबिक, भारत में लीची का सबसे अधिक उत्पादन बिहार में होता है. उसके बाद उत्तराखंड के रामनगर में. किसानों का कहना है कि अगर इस बार आंधी-तूफान नहीं आया और फसल में रोग का पभाव कम रहा तो आम और लीची की फसल अच्छी होगी, जिससे किसान और बगीचों को ठेके पर लेने वाले ठेकेदार अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. दरअसल, रामनगर में लगभग 900 हेक्टेयर भूमि में आम की फसल होती है.
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फल उद्यान अधिकारी अर्जुन सिंह परवाल का कहना है कि कम से कम 18 से 20 हजार मैट्रिक टन आम की पैदावार होने की उम्मीद है. अगर रामनगर की बात करें तो यहां पर इस बार 800 हेक्टेयर भूमि पर 4,000 मैट्रिक टन लीची की पैदावार होने की उम्मीद जताई जा रही है. वहीं, अधिकारी अर्जुन सिंह परवाल ने बताया कि साल 2019 से 20 के बीच लीची का उत्पादन कम हुआ था. वहीं, साल 26 सौ मैट्रिक टन लीची की पैदावार हुई थी और आम की पैदावार वहीं, 8 हजार मैट्रिक टन हुई थी.