रामनगर: नैनीताल जनपद के रामनगर क्षेत्र में देर रात आई आंधी तूफान से 17 सौ हेक्टेयर में होने वाली आम और लीची की फसल को 40 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है. उद्यान विभाग की मानें तो आम और लीची की 35 से 40 फीसदी तक फसल बर्बाद हो चुकी है, जिससे किसानों से सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.
बता दें, रामनगर में करीब 800 हेक्टेयर में आम और 900 हेक्टेयर में लीची के बगीचे हैं. यहां के आम और लीची की डिमांड इंटरनेशनल मार्केट तक है. इस बार काश्तकारों को 1 अरब 36 करोड़ रुपये से ज्यादा की फसल होने की उम्मीद थी पर देर रात आये आंधी तूफान से 35 से 40 फीसदी फसल का नुकसान हुआ है. आम और लीची को खरीदने के लिए दूरदराज के व्यापारी रामनगर, बैलपड़ाव, कालाढूंगी और आसपास के क्षेत्रों में पहुंचते हैं.
रामनगर की लीची स्वाद के लिए मशहूर है. रामनगर की लीची पंजाब, हरियाणा, मुम्बई और दुबई समेत अन्य देशों के लोगों की पहली पसंद है. आम को भी काफी नुकसान पहुंचा है. आम के बगीचे के ठेकेदार कल्लू ने बताया कि देर रात आए तूफान में करीब 30 से 35 फीसदी कच्चे आम गिर गए हैं. कई पेड़ में गिर गए हैं. ऐसे में उनको करीब 8 से 10 लाख का नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि इस बार उनको अच्छी फसल की उम्मीद थी लेकिन तूफान ने काफी नुकसान हुआ है.
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बीती रात आए तूफान के बाद उद्यान अधिकारी अर्जुन सिंह परवाल (Horticulture Officer Arjun Singh Parwal) ने रामनगर क्षेत्र के काश्तकारों से मुलाकात की और होने वाले नुकसान का आकलन किया है. उन्होंने बताया कि तूफान से रामनगर क्षेत्र में 30 से 35 फीसदी आम और लीची की फसल को नुकसान हुआ है. 15 से 20 दिन में लीची की फसल तैयार होने वाली थी. पहली खेप में रामनगर में लीची अपनी मिठास के कारण 70 से 80 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिकती है.