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पद्मश्री सम्मान मिलने के बाद पहली बार रामनगर पहुंचे कल्याण सिंह रावत

मैती एक भावनात्मक पर्यावरण आंदोलन है. उत्तराखंड में जीव विज्ञान के प्रवक्ता रहे कल्याण सिंह रावत की सोच से इस मुहिम की शुरुआत हुई. आज यह आंदोलन चमोली जिले में एक अभियान का रूप ले चुकी है.

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कल्याण सिंह रावत
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Published : Jan 30, 2020, 11:12 PM IST

Updated : Jan 30, 2020, 11:41 PM IST

रामनगरः मैती आंदोलन के प्रणेता पर्यावरणविद् कल्याण सिंह रावत पद्मश्री सम्मान मिलने के बाद पहली बार रामनगर पहुंचे. जहां पर प्रकृति प्रेमियों, समाज सेवियों और स्थानीय लोगों ने जोरदार स्वागत किया गया. इस दौरान कल्याण सिंह रावत ने कहा कि पद्मश्री मिलने के बाद उनकी जिम्मेदारी और बढ़ गई है.

रामनगर पहुंचे कल्याण सिंह रावत.

बता दें कि कि 'मैती' एक भावनात्मक पर्यावरण आंदोलन है. उत्तराखंड में जीव विज्ञान के प्रवक्ता रहे कल्याण सिंह रावत की सोच से इस मुहिम की शुरुआत हुई. आज यह आंदोलन चमोली जिले में एक अभियान का रूप ले चुकी है. मैती के तहत जब किसी बेटी की शादी होती है, तो वह विदाई से पहले एक पौधा रोपती है. इसके जरिए वह पर्यावरण संरक्षण के साथ ही अपने मायके में गुजारी यादों के साथ-साथ विदाई लेती है.

ये भी पढ़ेंः दिल्ली चुनाव में उत्तराखंडी वोटरों को रिझाने के लिए खूब चल रहा गढ़वाली गाना 'केजरी दिदा..'

इसी आंदोलन की वजह से कल्याण सिंह रावत 'मैंती' को पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया. रामनगर पहुंचे कल्याण सिंह रावत ने कहा कि पद्मश्री मिलने के बाद और भी जिम्मेदारी बढ़ जाती है. यह भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है. इसे पाना एक बहुत बड़ी उपलब्धि है. हम मैती आंदोलन और पर्यावरण संरक्षण के लिए लगातार काम कर रहे हैं. ऐसे में अब हमारी एक और चुनौती बढ़ जाती है.

रामनगरः मैती आंदोलन के प्रणेता पर्यावरणविद् कल्याण सिंह रावत पद्मश्री सम्मान मिलने के बाद पहली बार रामनगर पहुंचे. जहां पर प्रकृति प्रेमियों, समाज सेवियों और स्थानीय लोगों ने जोरदार स्वागत किया गया. इस दौरान कल्याण सिंह रावत ने कहा कि पद्मश्री मिलने के बाद उनकी जिम्मेदारी और बढ़ गई है.

रामनगर पहुंचे कल्याण सिंह रावत.

बता दें कि कि 'मैती' एक भावनात्मक पर्यावरण आंदोलन है. उत्तराखंड में जीव विज्ञान के प्रवक्ता रहे कल्याण सिंह रावत की सोच से इस मुहिम की शुरुआत हुई. आज यह आंदोलन चमोली जिले में एक अभियान का रूप ले चुकी है. मैती के तहत जब किसी बेटी की शादी होती है, तो वह विदाई से पहले एक पौधा रोपती है. इसके जरिए वह पर्यावरण संरक्षण के साथ ही अपने मायके में गुजारी यादों के साथ-साथ विदाई लेती है.

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इसी आंदोलन की वजह से कल्याण सिंह रावत 'मैंती' को पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया. रामनगर पहुंचे कल्याण सिंह रावत ने कहा कि पद्मश्री मिलने के बाद और भी जिम्मेदारी बढ़ जाती है. यह भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है. इसे पाना एक बहुत बड़ी उपलब्धि है. हम मैती आंदोलन और पर्यावरण संरक्षण के लिए लगातार काम कर रहे हैं. ऐसे में अब हमारी एक और चुनौती बढ़ जाती है.

Intro:intro.- प्रकृति पुत्र मैती आंदोलन के प्रणेता पर्यावरणविद कल्याण सिंह मैती को पद्मश्री सम्मान मिलने के बाद आज रामनगर आगमन पर प्रकृतिप्रेमियों,समजसेविकों की ओर से किया गया नागरिक अभिनंदन कार्यक्रम।|


Body:vo.-आज रामनगर में प्रकृति पुत्र मैती आंदोलन के प्रणेता पर्यावरणविद कल्याण सिंह मैती को पद्मश्री सम्मान मिलने के बाद,पहली बार उनके रामनगर पहुंचने पर प्रकृतिप्रेमियों व समाजसेवियों की ओर से उनका नागरिक अभिनंदन कार्यक्रम रखा गया। जिसमें सभी समाजसेवी व प्रकृतिप्रेमियों ने उनका माल्यार्पण कर सम्मान किया। आपको बता दें मैती एक भावनात्मक पर्यावरण आंदोलन है ।उत्तराखंड में जीव विज्ञान के प्राध्यापक कल्याण सिंह रावत की सोच से इस मुहिम की शुरुआत हुई। तथा आज वहां के चमोली जनपद में एक अभियान का रूप ले चुकी है। इसी कारण कल्याण सिंह रावत" मैंती "को पद्म श्री सम्मान से नवाजा गया। इस मौके पर कल्याण सिंह रावत ने कहा,कि पहले तो मैं रामनगर प्रकृति प्रेमियों का आभार व्यक्त करता हूं कि, उन्होंने पदम श्री मिलने के बाद मुझे आज यह सम्मान दिया ।उन्होंने कहा पद्मश्री मिलने के बाद और भी जिम्मेदारी बढ़ जाती है। यह भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। इसको पाना एक बहुत बड़ी उपलब्धि है ।और जो हम मैती आंदोलन और पर्यावरण संरक्षण के लिए काम कर रहे हैं, इसके प्रति हमारी एक और चुनौती बढ़ जाती है।

byte.-कल्याण सिंह रावत(मैती आंदोलन जनक)


Conclusion:
Last Updated : Jan 30, 2020, 11:41 PM IST
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