नैनीताल: कुमाऊं की कुलदेवी मां नंदा-सुनंदा धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आज अष्टमी के दिन अपने मायके धरती पर पधारी हैं. आज माता की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही विधिवत रूप से अब मां नंदा सुनंदा महोत्सव का आगाज हो गया है. परंपरा के तहत एकादशी यानी 28 अगस्त को कुलदेवी मां नंदा-सुनंदा अपने ससुराल लौट जाएंगी.
मां की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के बाद नैनीताल के मां नैना देवी मंदिर को भक्तों के दर्शनों के लिए खोल दिया गया है. इससे पहले अल सुबह 2 बजे मंदिर के वरिष्ठ पुजारी पंडित भगवती प्रसाद जोशी ने मां की विशेष पूजा अर्चना आरंभ की. ये पूजा सुबह करीब साढ़े 5 बजे तक चली, जिसके बाद मंदिर के कपाट भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिए गए.
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बता दें कि हर साल नंदाअष्टमी के मौके पर देश-विदेश से मां के भक्त नैनीताल के नैना देवी मंदिर पहुंचते थे, लेकिन इस बार कोरोना वायरस संक्रमण के चलते मंदिर में सन्नाटा पसरा है. प्रशासन ने मां के दर्शनों के लिए सोशल मीडिया और लोकल केबल नेटवर्क की व्यवस्था की है. भक्त इन्हीं के माध्यम से मां के दर्शन कर रहे हैं.
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गौर हो कि मां नंदा-सुनंदा को कुमाऊं के लोग कुलदेवी के रूप में पूजते हैं. चंद्र राजवंश के दौर से मां नंदा सुनंदा को कुलदेवी के रूप में पूजा जाता है. ऐसी मान्यता है कि मां नंदा सुनंदा साल में एक बार अपने मायके यानी कुमाऊं की धरती पर आती हैं और यही कारण है कि अष्टमी के दिन यानी आज कुमाऊं के विभिन्न स्थानों पर मां नंदा सुनंदा की प्रतिमा तैयार कर प्राण प्रतिष्ठा की जाती है.
अगले 3 दिनों तक कुमाऊं में लोग मां नंदा-सुनंदा की उपासना करेंगे और 28 अगस्त को मां की मूर्ति का नैनी झील में विसर्जन कर दिया जाएगा. विसर्जन की यह परंपरा उसी तरह है जिस तरह से लोग अपनी बेटी को ससुराल विदा करते हैं.