नैनीताल: विश्व प्रसिद्ध शेरवुड कॉलेज पर स्वामित्व को लेकर चल रही लड़ाई में एक नया मोड़ आया है. स्कूल पर लखनऊ डायसिस ने अपना अधिकार बताते हुए प्रधानाचार्य अमनदीप संधू और नवनियुक्त प्रिंसिपल पीटर इमैनुएल को फर्जी करार दिया है. प्रिंसिपल पद और स्कूल पर स्वामित्व को लेकर उपजे विवाद के बाद लखनऊ डायसिस के विधिक सलाहकार राकेश सोबती नैनीताल पहुंचे. उन्होंने कहा कि स्कूल के शुरुआत से ही से शेरवुड कॉलेज पर लखनऊ डायसिस का अधिकार है.
कॉलेज का असल में प्रिंसिपल कौन होगा ? इस पर विवाद फिर से गहराता जा रहा है. क्योंकि बीते दिनों आगरा डायसिस ने स्कूल के प्रिंसिपल अमनदीप संधू को भ्रष्टाचारी बताते हुए पद से हटाने की बात कही. साथ ही पीटर एमैनुएल को स्कूल का प्रधानाचार्य नियुक्त किया. वहीं, अब लखनऊ डायसिस ने दोनों प्रधानाचार्य और इनकी संस्था को फर्जी बताते हुए इन पर कार्रवाई करने की मांग की है. साथ ही लखनऊ डायसिस द्वारा हाईकोर्ट में इंटरवेंशन एप्लीकेशन दायर की गई है. ताकि लखनऊ डायसिस का स्कूल के प्रिंसिपल और स्कूल पर स्वामित्व मामले पर पक्ष सुना जा सके.
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प्रिंसिपल पद और स्कूल पर स्वामित्व को लेकर उपजे विवाद के बाद लखनऊ डायसिस के विधिक सलाहकार राकेश सोबती नैनीताल पहुंचे. उन्होंने कहा कि स्कूल के शुरुआत से ही से शेरवुड कॉलेज पर लखनऊ डायसिस का अधिकार है. 1976 में अवैधानिक तरीके से चर्च ऑफ नार्थ इंडिया ने डायसिस और संपत्ति का बंटवारा कर दिया और नैनीताल के शेरवुड और आल सेंट कॉलेज पर कब्जा कर लिया.
जिसके बाद से इन संपत्तियों के लिए चर्च ऑफ लखनऊ डायसिस उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट और जिला न्यायालय कानपुर में केस लड़ रही है. इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट ने लखनऊ डायसिस के हक में फैसला सुनाया है और इसी के आधार पर नैनीताल के स्कूल पर लखनऊ डायसिस का अधिकार है और स्कूल पर अधिकार जता रहे दोनों प्रिंसिपल और उनके लोग फर्जी हैं.