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लखनऊ की चिटफंड कंपनी के सीएमडी की जमानत नामंजूर, करोड़ों रुपए के गबन का आरोप

चिटफंड कंपनी कैमुना क्रेडिट कार्पोरेशन लिमिटेड लखनऊ के सीएमडी चेयरपर्सन प्रदीप अस्थाना पर लोगों के करोड़ों रुपए गबन करने का आरोप है.

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Published : Jun 8, 2021, 10:43 PM IST

नैनीताल: जिला कोर्ट नैनीताल से चिटफंड कंपनी कैमुना क्रेडिट कार्पोरेशन लिमिटेड लखनऊ के सीएमडी चेयरपर्सन प्रदीप अस्थाना को लगा बड़ा झटका. जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेंद्र जोशी की कोर्ट ने प्रदीप अस्थाना का जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. प्रदीप अस्थाना पर लोगों के करोड़ों रुपए हड़पने का आरोप है.

बता दें कि प्रदीप अस्थाना द्वारा कुमाऊं क्षेत्र में चिटफंड कंपनी की ब्रांच खोलकर खाताधारकों से उनके खाते में एफडी, चालू खाते विभिन्न मदों में निश्चित समयावधि के लिए करोड़ों रुपये जमा कराए और परिपक्वता अवधि पूर्व होने के उपरान्त फरार हो गये थे.

जिसके बाद 28 सितंबर 2020 को कंपनी के ब्रांच मैनेजर लक्ष्मण सिंह ने कालाढूगी थाने में तहरीर देकर चिटफंड कंपनी कैमुना क्रेडिट कार्पोरेशन लिमिटेड लखनऊ के सीएमडी चेयरपर्सन प्रदीप अस्थाना के खिलाफ तहरीर दर्ज करवाई थी. रामनगर निवशी आनंद जोशी समेत कई अन्य लोगों के द्वारा भी थाना रामनगर में चिटफंड कंपनी समेत उनके अधिकारियों के खिलाफ तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की थी.

पढ़ें- PAC-IRB में पदोन्नति का मामला, HC ने सरकार और DGP से मांगा जवाब

तहरीर में कहा गया था कि उक्त चिटफंड कंपनियों के द्वारा ग्राहकों से करोड़ों रुपए जमा करवा कर फरार हो गए हैं. लिहाजा कैमुना क्रेडिट कॉरपोरेशन लिमिटेड के खिलाफ धोखाधड़ी गबन का मुकदमा दर्ज किया जाए. मंगलवार को मामले में सुनवाई के दौरान शासकीय अधिवक्ता सुशील कुमार शर्मा के द्वारा कोर्ट को बताया गया कि कैमुना क्रेडिट कॉरपोरेशन लिमिटेड के सीएमडी प्रदीप अस्थाना के ऊपर आरोप लगाया कि प्रदीप अस्थाना के द्वारा देश के 9 राज्यों में अपने चिटफंड कंपनी कि करीब 300 से अधिक शाखाएं खोल कर करोड़ों रुपए का गबन किया, जिसके बाद आरोपी फरार हो गया.

कुछ समय बाद पुलिस ने प्रदीप को चंपावत के टनकपुर से गिरफ्तार कर लिया था, जिसके बाद से प्रदीप पुलिस की हिरासत में हैं. लिहाजा ऐसे गंभीर मामले के आरोपी को जमानत देना गलत है और मामले में सुनवाई के दौरान जिला व सत्र न्यायाधीश राजेंद्र जोशी की कोर्ट ने आरोपी प्रदीप अस्थाना की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है, जिससे प्रदीप को बड़ा झटका लगा है.

नैनीताल: जिला कोर्ट नैनीताल से चिटफंड कंपनी कैमुना क्रेडिट कार्पोरेशन लिमिटेड लखनऊ के सीएमडी चेयरपर्सन प्रदीप अस्थाना को लगा बड़ा झटका. जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेंद्र जोशी की कोर्ट ने प्रदीप अस्थाना का जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. प्रदीप अस्थाना पर लोगों के करोड़ों रुपए हड़पने का आरोप है.

बता दें कि प्रदीप अस्थाना द्वारा कुमाऊं क्षेत्र में चिटफंड कंपनी की ब्रांच खोलकर खाताधारकों से उनके खाते में एफडी, चालू खाते विभिन्न मदों में निश्चित समयावधि के लिए करोड़ों रुपये जमा कराए और परिपक्वता अवधि पूर्व होने के उपरान्त फरार हो गये थे.

जिसके बाद 28 सितंबर 2020 को कंपनी के ब्रांच मैनेजर लक्ष्मण सिंह ने कालाढूगी थाने में तहरीर देकर चिटफंड कंपनी कैमुना क्रेडिट कार्पोरेशन लिमिटेड लखनऊ के सीएमडी चेयरपर्सन प्रदीप अस्थाना के खिलाफ तहरीर दर्ज करवाई थी. रामनगर निवशी आनंद जोशी समेत कई अन्य लोगों के द्वारा भी थाना रामनगर में चिटफंड कंपनी समेत उनके अधिकारियों के खिलाफ तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की थी.

पढ़ें- PAC-IRB में पदोन्नति का मामला, HC ने सरकार और DGP से मांगा जवाब

तहरीर में कहा गया था कि उक्त चिटफंड कंपनियों के द्वारा ग्राहकों से करोड़ों रुपए जमा करवा कर फरार हो गए हैं. लिहाजा कैमुना क्रेडिट कॉरपोरेशन लिमिटेड के खिलाफ धोखाधड़ी गबन का मुकदमा दर्ज किया जाए. मंगलवार को मामले में सुनवाई के दौरान शासकीय अधिवक्ता सुशील कुमार शर्मा के द्वारा कोर्ट को बताया गया कि कैमुना क्रेडिट कॉरपोरेशन लिमिटेड के सीएमडी प्रदीप अस्थाना के ऊपर आरोप लगाया कि प्रदीप अस्थाना के द्वारा देश के 9 राज्यों में अपने चिटफंड कंपनी कि करीब 300 से अधिक शाखाएं खोल कर करोड़ों रुपए का गबन किया, जिसके बाद आरोपी फरार हो गया.

कुछ समय बाद पुलिस ने प्रदीप को चंपावत के टनकपुर से गिरफ्तार कर लिया था, जिसके बाद से प्रदीप पुलिस की हिरासत में हैं. लिहाजा ऐसे गंभीर मामले के आरोपी को जमानत देना गलत है और मामले में सुनवाई के दौरान जिला व सत्र न्यायाधीश राजेंद्र जोशी की कोर्ट ने आरोपी प्रदीप अस्थाना की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है, जिससे प्रदीप को बड़ा झटका लगा है.

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