नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने लोक सेवा आयोग द्वारा उत्तराखंड सम्मिलित राज्य (सिविल) अवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा (लोवर पीसीएस) 2021 की प्रारंभिक परीक्षा से 12 प्रश्न हटाए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की. मामले में न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने लोक सेवा आयोग को निर्देश दिए है कि याचिकाकर्ताओं को लोवर पीसीएस की मेंस परीक्षा में प्रतिभाग करने दिया जाए. साथ ही कोर्ट ने तीन सप्ताह के भीतर आयोग को जवाब पेश करने को कहा है.
ये है मामला: बता दें कि रामनगर निवासी पवन नैनवाल, विकास शर्मा सहित 55 लोगों ने याचिका दायर कर कहा कि लोक सेवा आयोग द्वारा लोवर पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा फरवरी 2021 में कराई थी, जिसमें लोक सेवा आयोग के विशेषज्ञों ने 12 सही प्रश्नों को बिना किसी उचित आधार के गलत घोषित करते हुए हटा दिए और 12 बोनस अंक सभी अभ्यर्थियों को दे दिए. जिस कारण उन 12 प्रश्नों के सही उत्तर देने वाले सैकड़ों अभ्यर्थी निगेटिव अंक प्रणाली के आधार पर अनुत्तीर्ण हो गए और वे मेंस की परीक्षा से वंचित हो गए. लिहाजा, उनको मेंस की परीक्षा में समिल्लित होने की अनुमति दी जाए.
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याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने कोर्ट को बताया कि आयोग के इस निर्णय से ये परीक्षार्थी मेरिट लिस्ट से बाहर हो गए हैं. जबकि इन्होंने ये प्रश्न सही किए थे. जिनके अंक कम थे या जिन्होंने ये प्रश्न नहीं किए थे, वे मेरिट लिस्ट में ऊपर आ गए. मेंस परीक्षा की फार्म भरने की अंतिम तिथि आयोग ने 25 मार्च रखी है और परीक्षा अगस्त में होनी है. इसलिए इन्हें मेंस परीक्षा में प्रतिभाग करने की अनुमति दी जाए.