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आपदा से कुमाऊं मंडल में दो हजार करोड़ का नुकसान, 61 लोगों की गई जान

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Published : Oct 22, 2021, 3:24 PM IST

Updated : Oct 22, 2021, 4:34 PM IST

आपदा के कारण उधम सिंह नगर और नैनीताल जनपद में सड़कों को सबसे ज्यादा क्षति पहुंची है. सड़कों के पुनर्निर्माण के लिए 90 करोड़ के बजट की आवश्यकता है. दोनों जनपद में 720 किलोमीटर से अधिक की सड़कें क्षतिग्रस्त भी हुई हैं.

दो हजार करोड़ का नुकसान,
दो हजार करोड़ का नुकसान,

हल्द्वानी: उत्तराखंड में आई प्राकृतिक आपदा ने जमकर तबाही मचायी है. वहीं, इस आपदा ने सबसे ज्यादा कुमाऊं मंडल में किया है. जान-माल के साथ-साथ सरकारी संपत्ति को भी भारी नुकसान पहुंचा है. नैनीताल जिले में सबसे ज्यादा सड़क क्षतिग्रस्त होने के चलते अभी भी पहाड़ी मार्ग बंद हैं.

कुमाऊं कमिश्नर सुशील कुमार ने बीते दिनों आई आपदा और राहत-बचाव कार्य की पूरी जानकारी दी. उन्होंने कहा कुमाऊं में अब तक 61 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. 4 लोग अभी भी लापता हैं. जबकि आपदा सहित विभिन्न घटनाओं में 36 लोग घायल हुए हैं, जिनका रेस्क्यू कर उपचार कराया जा रहा है. कई लोगों को सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

उन्होंने कहा पूरे कुमाऊं मंडल में सरकारी संपत्तियों के नुकसान का प्रारंभिक आकलन दो हजार करोड़ का है. जबकि निजी संपत्ति, घर-मकान, जमीन के आकलन के लिए अलग टीम बनाकर सर्वे की जा रही है. फिलहाल रेस्क्यू ऑपरेशन में 7 सेना के हेलीकॉप्टर सहित एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और 1500 पुलिस के जवान सहित पूरा सरकारी तंत्र लगा हुआ है.

इसके अलावा ट्रैकिंग रूट पर गए लापता पर्यटकों को खोजने का कार्य किया जा रहा है. स्वास्थ्य महकमा घायलों के उपचार में जुटा है. पर्वतीय क्षेत्रों में खाद्यान्न संकट के बाद अब हेलीकॉप्टर से हल्द्वानी से जरूरी रसद सामग्री भेजी जा रही है. जिला अधिकारियों को 10-10 करोड़ की राशि अवमुक्त की गई है. आवश्यकता पड़ने पर 10-10 करोड़ और दिए जाएंगे.

करोड़ों का नुकसान

पढ़ें:- नारायणबगड़ के डुंग्री गांव पहुंचे मुख्यमंत्री धामी, आपदा पीड़ितों से की मुलाकात

क्षेत्र में नेटवर्क की समस्या को देखते हुए जीएम बीएसएनल से भी वार्ता की गई है. धारचूला छोड़कर बाकी सभी जगह कनेक्टिविटी पुनः चालू कर दी गई है. इसके अलावा अब केवल 2 नेशनल हाईवे बाधित हैं, जिनमें हल्द्वानी-अल्मोड़ा हाईवे और चंपावत-पिथौरागढ़ हाईवे हैं. बाकी सारे मार्गों को खोल दिया गया है.

पीडब्ल्यूडी विभाग और एनएच विभाग ने प्रारंभिक नुकसान का आकलन करते हुए कहा कि उधम सिंह नगर और नैनीताल जनपद में सड़कों को सबसे ज्यादा क्षति पहुंची है. सड़कों के पुनर्निर्माण के लिए 90 करोड़ के बजट की आवश्यकता है. दोनों जनपदों में 720 किलोमीटर से अधिक की सड़कें क्षतिग्रस्त भी हुई हैं.

मुख्य अभियंता पीडब्ल्यूडी विभाग दीपक कुमार ने बताया कि नैनीताल जनपद में 72 सड़कों करीब 359 किलोमीटर लंबाई की क्षतिग्रस्त हुई हैं. सातताल और बेतालघाट में ब्रिज को भी नुकसान पहुंचा है. प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक नैनीताल जनपद में पीडब्ल्यूडी को 11 करोड़ से अधिक और एनएच विभाग को 32 करोड़ की क्षति हुई है.

उधम सिंह नगर की सड़कों को भी भारी नुकसान पहुंचा है. जहां 113 सड़कें 361 किलोमीटर लंबाई तक ध्वस्त हुई हैं. जिसमें पीडब्ल्यूडी को करीब 22 करोड़ का, जबकि एनएच विभाग को करीब 24 करोड़ का नुकसान हुआ है. सड़क मार्ग खोलने का काम चल रहा है. सड़क मार्ग खुलने के बाद ही नुकसान का आकलन किया जा सकेगा.

सड़क के प्रारंभिक पुनर्निर्माण का काम शुरू कर दिया गया है. पीडब्ल्यूडी के ठेकेदार और कर्मचारी सड़कों को खोलने में जुटे हुए हैं. आठ जेसीबी मशीनें लगाई गई हैं. उधम सिंह नगर के सभी मार्ग सुचारू हो चुके हैं. नैनीताल जनपद के पहाड़ को जाने वाले मुख्य मार्ग लगभग खुल चुके हैं. आंतरिक मार्ग खोलने का काम चल रहा है. कुछ जगह पर सड़कें अधिक क्षतिग्रस्त होने और मलबा आने से काम में बाधा उत्पन्न हो रही है. विभाग द्वारा कार्यों की निगरानी की जा रही है. कार्य तेजी से चल रहा है.

हल्द्वानी: उत्तराखंड में आई प्राकृतिक आपदा ने जमकर तबाही मचायी है. वहीं, इस आपदा ने सबसे ज्यादा कुमाऊं मंडल में किया है. जान-माल के साथ-साथ सरकारी संपत्ति को भी भारी नुकसान पहुंचा है. नैनीताल जिले में सबसे ज्यादा सड़क क्षतिग्रस्त होने के चलते अभी भी पहाड़ी मार्ग बंद हैं.

कुमाऊं कमिश्नर सुशील कुमार ने बीते दिनों आई आपदा और राहत-बचाव कार्य की पूरी जानकारी दी. उन्होंने कहा कुमाऊं में अब तक 61 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. 4 लोग अभी भी लापता हैं. जबकि आपदा सहित विभिन्न घटनाओं में 36 लोग घायल हुए हैं, जिनका रेस्क्यू कर उपचार कराया जा रहा है. कई लोगों को सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

उन्होंने कहा पूरे कुमाऊं मंडल में सरकारी संपत्तियों के नुकसान का प्रारंभिक आकलन दो हजार करोड़ का है. जबकि निजी संपत्ति, घर-मकान, जमीन के आकलन के लिए अलग टीम बनाकर सर्वे की जा रही है. फिलहाल रेस्क्यू ऑपरेशन में 7 सेना के हेलीकॉप्टर सहित एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और 1500 पुलिस के जवान सहित पूरा सरकारी तंत्र लगा हुआ है.

इसके अलावा ट्रैकिंग रूट पर गए लापता पर्यटकों को खोजने का कार्य किया जा रहा है. स्वास्थ्य महकमा घायलों के उपचार में जुटा है. पर्वतीय क्षेत्रों में खाद्यान्न संकट के बाद अब हेलीकॉप्टर से हल्द्वानी से जरूरी रसद सामग्री भेजी जा रही है. जिला अधिकारियों को 10-10 करोड़ की राशि अवमुक्त की गई है. आवश्यकता पड़ने पर 10-10 करोड़ और दिए जाएंगे.

करोड़ों का नुकसान

पढ़ें:- नारायणबगड़ के डुंग्री गांव पहुंचे मुख्यमंत्री धामी, आपदा पीड़ितों से की मुलाकात

क्षेत्र में नेटवर्क की समस्या को देखते हुए जीएम बीएसएनल से भी वार्ता की गई है. धारचूला छोड़कर बाकी सभी जगह कनेक्टिविटी पुनः चालू कर दी गई है. इसके अलावा अब केवल 2 नेशनल हाईवे बाधित हैं, जिनमें हल्द्वानी-अल्मोड़ा हाईवे और चंपावत-पिथौरागढ़ हाईवे हैं. बाकी सारे मार्गों को खोल दिया गया है.

पीडब्ल्यूडी विभाग और एनएच विभाग ने प्रारंभिक नुकसान का आकलन करते हुए कहा कि उधम सिंह नगर और नैनीताल जनपद में सड़कों को सबसे ज्यादा क्षति पहुंची है. सड़कों के पुनर्निर्माण के लिए 90 करोड़ के बजट की आवश्यकता है. दोनों जनपदों में 720 किलोमीटर से अधिक की सड़कें क्षतिग्रस्त भी हुई हैं.

मुख्य अभियंता पीडब्ल्यूडी विभाग दीपक कुमार ने बताया कि नैनीताल जनपद में 72 सड़कों करीब 359 किलोमीटर लंबाई की क्षतिग्रस्त हुई हैं. सातताल और बेतालघाट में ब्रिज को भी नुकसान पहुंचा है. प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक नैनीताल जनपद में पीडब्ल्यूडी को 11 करोड़ से अधिक और एनएच विभाग को 32 करोड़ की क्षति हुई है.

उधम सिंह नगर की सड़कों को भी भारी नुकसान पहुंचा है. जहां 113 सड़कें 361 किलोमीटर लंबाई तक ध्वस्त हुई हैं. जिसमें पीडब्ल्यूडी को करीब 22 करोड़ का, जबकि एनएच विभाग को करीब 24 करोड़ का नुकसान हुआ है. सड़क मार्ग खोलने का काम चल रहा है. सड़क मार्ग खुलने के बाद ही नुकसान का आकलन किया जा सकेगा.

सड़क के प्रारंभिक पुनर्निर्माण का काम शुरू कर दिया गया है. पीडब्ल्यूडी के ठेकेदार और कर्मचारी सड़कों को खोलने में जुटे हुए हैं. आठ जेसीबी मशीनें लगाई गई हैं. उधम सिंह नगर के सभी मार्ग सुचारू हो चुके हैं. नैनीताल जनपद के पहाड़ को जाने वाले मुख्य मार्ग लगभग खुल चुके हैं. आंतरिक मार्ग खोलने का काम चल रहा है. कुछ जगह पर सड़कें अधिक क्षतिग्रस्त होने और मलबा आने से काम में बाधा उत्पन्न हो रही है. विभाग द्वारा कार्यों की निगरानी की जा रही है. कार्य तेजी से चल रहा है.

Last Updated : Oct 22, 2021, 4:34 PM IST
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