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हल्द्वानी में पहली बार लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन, सहित्यकारों से रूबरू हुए बच्चे

हल्द्वानी लिटरेचर फेस्टिवल में सबसे ज्यादा स्टॉल के लिए लगाए गए है. ताकि वे साहित्य और साहित्यकारों से रुबरू हो सकें.

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Published : Jan 25, 2020, 10:29 PM IST

haldwani
लिटरेचर फेस्टिवल

हल्द्वानी: शहर में पहली बार दो दिवसीय लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन किया गया. लिटरेचर फेस्टिवल में देशभर के करीब 50 से अधिक लेखक और साहित्यकार हिस्सा ले रहे हैं. इस फेस्टिवल का खासियत यह है कि इसमें बच्चों से जुड़ी किताबों के ज्यादातर स्टॉल लगाए गए हैं, जिससे बच्चों को साहित्य के प्रति जागरूक किया जा सके.

लिटरेचर फेस्टिवल मे बच्चों के पेंटिंग, लेखन प्रतियोगिता सहित कई साहित्य की किताबें उपलब्ध है, जिसमें बच्चे अपनी रुचि खूब दिखा रहे हैं. लिटरेचर फेस्टिवल का खास मकसद बच्चों को अपनी शिक्षा के साथ-साथ साहित्य की तरफ ध्यान दिलाना भी हैं. ताकि वे साहित्य की तरफ ध्यान दें. फेस्टिवल में बच्चों को साहित्य के बारे में समझाने का प्रयास किया जा रहा है. ताकि भविष्य में बच्चे एक अच्छा लेखक और साहित्यकार बन सकें.

पढ़ें- हरिद्वार: सनातन धर्म की रक्षा के लिए शुरू हुआ मां बगलामुखी का महायज्ञ

साहित्यकार लक्ष्मी खन्ना ने कहा कि साहित्य को बढ़ावा देने के लिहाज से यह सराहनीय कदम है. क्योंकि, हकीकत यह है कि बच्चों के लिए साहित्य तो लिखा जाता है लेकिन उनके पास पहुंच नहीं पा रहा है. लिहाजा, साहित्यकार ऐसे आयोजनों के माध्यम से बच्चों से संवाद करना चाहते हैं और बच्चों को अपनी लिखी हुई कहानियां भी सुनाना चाह रहे हैं, जिससे बच्चे साहित्य के प्रति जागरूक हो सके और आने वाले दिनों में साहित्य को आगे बढ़ाया जा सके.

हल्द्वानी: शहर में पहली बार दो दिवसीय लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन किया गया. लिटरेचर फेस्टिवल में देशभर के करीब 50 से अधिक लेखक और साहित्यकार हिस्सा ले रहे हैं. इस फेस्टिवल का खासियत यह है कि इसमें बच्चों से जुड़ी किताबों के ज्यादातर स्टॉल लगाए गए हैं, जिससे बच्चों को साहित्य के प्रति जागरूक किया जा सके.

लिटरेचर फेस्टिवल मे बच्चों के पेंटिंग, लेखन प्रतियोगिता सहित कई साहित्य की किताबें उपलब्ध है, जिसमें बच्चे अपनी रुचि खूब दिखा रहे हैं. लिटरेचर फेस्टिवल का खास मकसद बच्चों को अपनी शिक्षा के साथ-साथ साहित्य की तरफ ध्यान दिलाना भी हैं. ताकि वे साहित्य की तरफ ध्यान दें. फेस्टिवल में बच्चों को साहित्य के बारे में समझाने का प्रयास किया जा रहा है. ताकि भविष्य में बच्चे एक अच्छा लेखक और साहित्यकार बन सकें.

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साहित्यकार लक्ष्मी खन्ना ने कहा कि साहित्य को बढ़ावा देने के लिहाज से यह सराहनीय कदम है. क्योंकि, हकीकत यह है कि बच्चों के लिए साहित्य तो लिखा जाता है लेकिन उनके पास पहुंच नहीं पा रहा है. लिहाजा, साहित्यकार ऐसे आयोजनों के माध्यम से बच्चों से संवाद करना चाहते हैं और बच्चों को अपनी लिखी हुई कहानियां भी सुनाना चाह रहे हैं, जिससे बच्चे साहित्य के प्रति जागरूक हो सके और आने वाले दिनों में साहित्य को आगे बढ़ाया जा सके.

Intro:sammry- लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन देश के 50 से अधिक साहित्यकार और लेखक कर रहे प्रतिभाग।(खबर wrap से उठाये)

एंकर-हल्द्वानी में पहली बार दो दिवसीय लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है जिसमें देश के कोने कोने से 50 से अधिक लेखक और साहित्यकार हिस्सा ले रहे हैं इस फेस्टिवल का खासियत यह है कि इसमें बच्चों से जुड़ी किताबों के ज्यादातर स्टॉल लगाए गए हैं जिससे बच्चों को साहित्य के प्रति जागरूक किया जा सके ।




Body: लिटरेचर फेस्टिवल मे बच्चों के पेंटिंग, लेखन प्रतियोगिता सहित कई साहित्य की किताबें उपलब्ध है जिसमें बच्चे अपनी रुचि खूब दिखा रहे हैं ।लिटरेचर फेस्टिवल का खास मकसद है की यहा के बच्चे अपनी शिक्षा के साथ-साथ साहित्य की तरफ ध्यान दें जिसमे बच्चों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है कि किताबें पढ़ने से क्या फायदा है और भविष्य में बच्चा एक अच्छा लेखक और साहित्यकार कैसे बन सकता है।

बाइट -एम जोशी आयोजक

लिटरेचर फेस्टिवल में आए लोगों के मुताबिक हल्द्वानी के लिए अच्छी पहल है जिससे बच्चे और अभिभावक दोनों साहित्य के मतलब को जान सकते हैं यही नहीं इस फेस्टिवल में नुक्कड़ नाटक के अलावा लेखन और पेंटिंग प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जा रहा है ।जिसमें बच्चे बड़े पैमाने पर प्रतिभाग कर रहे हैं और यह कोशिश हमेशा की जानी चाहिए जिससे कि अपने साहित्य को जान सके और उसके प्रति बच्चा भी अपनी रुचि रख सके।

बाइट-दिव्या त्रिपाठी विजिटर

साहित्यकारों के मुताबिक साहित्य को बढ़ावा देने के लिहाज से यह सराहनीय कदम है क्योंकि हकीकत यह है कि बच्चों के लिए साहित्य तो लिखा जाता है लेकिन उनके पास पहुंच नहीं पा रहा है लिहाजा साहित्यकार ऐसे आयोजनों के माध्यम से बच्चों से संवाद करना चाहते हैं और बच्चों को अपनी लिखी हुई कहानियां भी सुनाना चाह रहे हैं जिससे बच्चे साहित्य के प्रति जागरूक हो सके और आने वाले दिनों में साहित्य को आगे बढ़ाया जा सके।

वाइट लक्ष्मी खन्ना साहित्यकार




Conclusion:हल्द्वानी में पहली बार आयोजित हुए इस लिटरेचर फेस्टिवल में लोगों की काफी भीड़ उमड़ रही है साहित्यकार भी इस पहल को सराहा ते हुए या उम्मीद कर रहे हैं कि हर साल इस तरह के आयोजन होना चाहिए जिससे कि बच्चों के साथ-साथ आम जनता को साहित्य का ज्ञान हो सके।
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