हल्द्वानी: प्रदेश के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को सेवायोजन विभाग रोजगार देने की बात तो करता है, लेकिन हकीकत इसके ठीक उलट है. पिछले कई वर्षों से पंजीकृत लाखों अभ्यर्थियों को सरकारी और अर्ध सरकारी सेक्टर में नौकरी नहीं मिल पाई है. प्रदेश के 7 लाख 73 हजार पंजीकृत बेरोजगार युवाओं में से इस साल रोजगार मेले में 3652 बेरोजगारों को प्राइवेट नौकरी जरूर मिली. ये तो वही बात हो गई, ऊंट के मुंह में जीरा.
प्रदेश में सरकार के तमाम हवा-हवाई दावों के बीच बेरोजगारी का आलम किसी से छिपी नहीं है. सरकार युवाओं को रोजगार देने की बात तो करती है. लेकिन, प्रदेश सेवायोजन विभाग में पंजीकृत अभ्यर्थियों की सूची ये बताने के लिए काफी है कि उत्तराखंड में रोजगार की क्या स्थिति है. प्रदेश के 24 सेवायोजन कार्यालय में 7 लाख 73 हजार अभ्यर्थी ऑफिशियल बेरोजगार हैं.
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सेवायोजन विभाग के निदेशक जीवन सिंह नगन्याल का कहना है कि साल 2019 में अक्टूबर माह तक प्रदेश के 24 सेवायोजन कार्यालय में 55 रोजगार मेले लगाए गए. जिसके 15 हजार 333 अभ्यर्थियों ने भाग लिया था और 3652 अभ्यर्थियों को निजी क्षेत्र में नौकरी मिली.