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स्टाफ की कमी से जूझ रहा हल्द्वानी का उप कारागार - Corona virus

नैनीताल जिले की कुमाउं की हल्द्वानी उप कारागार स्टाफ की कमी से जूझ रहा है. उप कारागार में क्षमता से 4 गुना अधिक कैदी बंद है. स्टाफ के चलते कई बार कैदियों के बीच आपसी संघर्ष के घटनाएं भी देखी जा चुकी है, लेकिन प्रशासन जेल की क्षमता को नहीं बढ़ा पा रहा है.

haldwani jail.
स्टाफ की कमी से जूझ रहा उप कारागार
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Published : Nov 28, 2020, 4:15 PM IST

Updated : Nov 28, 2020, 6:11 PM IST

हल्द्वानी : कुमाऊं की हल्द्वानी जेल सितारगंज के बाद दूसरी सबसे बड़ी जेल मानी जाती है. यहां पर कई तरह के खूंखार अपराधी भी बंद है. लेकिन वर्षों पुरानी जेल आज भी पुराने ढर्रे से चल रही है. जेल में क्षमता से अधिक कैदी बंद है तो वहीं जेल स्टाफ से जूझ रहा है. स्टाफ के चलते कई बार कैदियों के बीच आपसी संघर्ष के घटनाएं भी देखी जा चुकी है, लेकिन प्रशासन जेल की क्षमता को नहीं बढ़ा पा रहा है. वरिष्ठ जेल अधीक्षक मनोज आर्य ने कहा कि इसको लेकर शासन से कई बार अवगत करा चुके हैं.

बता दें कि उप कारागार में कैदियों 382 कैदियों की क्षमता है, लेकिन वर्तमान समय में 1488 कैदी बंद है. जिसमें 52 महिलाएं भी शामिल हैं. बात जेल की व्यवस्था की करें तो कई बार यहां पर कैदियों में आपसी संघर्ष की घटनाएं देखी जा चुकी है. जेल में टोटल 104 पद स्वीकृत हैं. लेकिन उसके सापेक्ष में 55 कर्मचारी ही मात्र कार्यरत हैं जबकि 49 पद अभी भी रिक्त चल रहे हैं.

स्टाफ की कमी से जूझ रहा हल्द्वानी का उप कारागार.

बताया जा रहा है कि जेल प्रशासन द्वारा शासन को कई बार अवगत कराए जाने के बाद भी पद नहीं भरे जा रहे हैं और पिछले कई सालों से यह पद खाली है. यही नहीं सबसे बड़ी विडंबना यह है कि डिप्टी जेलर के पांच पद स्वीकृत होने के बाद भी पिछले कई सालों से यह पांचों पद खाली हैं. जेल संचालन में डिप्टी जेलर का सबसे बड़ा योगदान माना जाता है.

क्रम संख्यापदनामस्वीकृत पदों की संख्याकार्यरत पदों की संख्यारिक्त पदों की संख्या
1कारापाल010100
2उप कारापाल050005
3सहायक चिकित्साधिकारी010001
4चीफ फार्मासिस्ट010100
5फार्मासिस्ट020101
6कनिष्ठ सहायक020200
7प्रधान बंदीरक्षक080503
8प्रधान महिला बंदीरक्षक010100
9बंदीरक्षक673928
10रिजर्व बंदीरक्षक060303
11महिला बंदीरक्षक040004
12आटा चक्की मिस्त्री010001
13बारबर010100
14सिविलियम020002
15स्वच्छकार010001
योग1045542

ये भी पढ़ें : JNNURM रोडवेज डिपो का काठगोदाम डिपो में विलय, घाटा बना वजह

गौरतलब है कि जेल की क्षमता से 4 गुना अधिक कैदी यहां बंद हैं. वही कोविड-19 में जेल मैं कैदियों की संख्या में भी वृद्धि हुई है. पिछले 6 महीनों के अंदर में जेल की संख्या में करीब 200 कैदियों की अतिरिक्त इजाफा हुआ है. वरिष्ठ जेल अधीक्षक मनोज आर्य ने बताया कि जेल में स्टाफ की भारी कमी है. जिसके चलते कई बार समस्याएं सामने खड़ी होती है. पीआरडी के तहत कुछ कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है. जिनके माध्यम से काम चलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस को लेकर शासन को कई बार पत्र लिख चुके हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि शासन से जल्द पदों की स्वीकृति मिल जाएगी.

हल्द्वानी : कुमाऊं की हल्द्वानी जेल सितारगंज के बाद दूसरी सबसे बड़ी जेल मानी जाती है. यहां पर कई तरह के खूंखार अपराधी भी बंद है. लेकिन वर्षों पुरानी जेल आज भी पुराने ढर्रे से चल रही है. जेल में क्षमता से अधिक कैदी बंद है तो वहीं जेल स्टाफ से जूझ रहा है. स्टाफ के चलते कई बार कैदियों के बीच आपसी संघर्ष के घटनाएं भी देखी जा चुकी है, लेकिन प्रशासन जेल की क्षमता को नहीं बढ़ा पा रहा है. वरिष्ठ जेल अधीक्षक मनोज आर्य ने कहा कि इसको लेकर शासन से कई बार अवगत करा चुके हैं.

बता दें कि उप कारागार में कैदियों 382 कैदियों की क्षमता है, लेकिन वर्तमान समय में 1488 कैदी बंद है. जिसमें 52 महिलाएं भी शामिल हैं. बात जेल की व्यवस्था की करें तो कई बार यहां पर कैदियों में आपसी संघर्ष की घटनाएं देखी जा चुकी है. जेल में टोटल 104 पद स्वीकृत हैं. लेकिन उसके सापेक्ष में 55 कर्मचारी ही मात्र कार्यरत हैं जबकि 49 पद अभी भी रिक्त चल रहे हैं.

स्टाफ की कमी से जूझ रहा हल्द्वानी का उप कारागार.

बताया जा रहा है कि जेल प्रशासन द्वारा शासन को कई बार अवगत कराए जाने के बाद भी पद नहीं भरे जा रहे हैं और पिछले कई सालों से यह पद खाली है. यही नहीं सबसे बड़ी विडंबना यह है कि डिप्टी जेलर के पांच पद स्वीकृत होने के बाद भी पिछले कई सालों से यह पांचों पद खाली हैं. जेल संचालन में डिप्टी जेलर का सबसे बड़ा योगदान माना जाता है.

क्रम संख्यापदनामस्वीकृत पदों की संख्याकार्यरत पदों की संख्यारिक्त पदों की संख्या
1कारापाल010100
2उप कारापाल050005
3सहायक चिकित्साधिकारी010001
4चीफ फार्मासिस्ट010100
5फार्मासिस्ट020101
6कनिष्ठ सहायक020200
7प्रधान बंदीरक्षक080503
8प्रधान महिला बंदीरक्षक010100
9बंदीरक्षक673928
10रिजर्व बंदीरक्षक060303
11महिला बंदीरक्षक040004
12आटा चक्की मिस्त्री010001
13बारबर010100
14सिविलियम020002
15स्वच्छकार010001
योग1045542

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गौरतलब है कि जेल की क्षमता से 4 गुना अधिक कैदी यहां बंद हैं. वही कोविड-19 में जेल मैं कैदियों की संख्या में भी वृद्धि हुई है. पिछले 6 महीनों के अंदर में जेल की संख्या में करीब 200 कैदियों की अतिरिक्त इजाफा हुआ है. वरिष्ठ जेल अधीक्षक मनोज आर्य ने बताया कि जेल में स्टाफ की भारी कमी है. जिसके चलते कई बार समस्याएं सामने खड़ी होती है. पीआरडी के तहत कुछ कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है. जिनके माध्यम से काम चलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस को लेकर शासन को कई बार पत्र लिख चुके हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि शासन से जल्द पदों की स्वीकृति मिल जाएगी.

Last Updated : Nov 28, 2020, 6:11 PM IST
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