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खस्ताहाल हुआ कालाढूंगी पशु चिकित्सालय, सुविधाओं का भी है टोटा

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Published : Aug 4, 2022, 2:16 PM IST

Updated : Aug 4, 2022, 3:57 PM IST

कालाढूंगी का पशु चिकित्सालय का यहां के लोगों को लाभ नहीं दे पा रहा है. पशु चिकित्सालय में सुविधाएं न होने के कारण लोगों को प्राइवेट पशु चिकित्सकों को दिखाना पड़ रहा है.

lack of facilities in Kaladhungi Veterinary Hospital
खस्ताहाल हुआ कालाढूंगी पशु चिकित्सालय

कालाढूंगी: एकमात्र पशु चिकित्सालय अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ा हुआ है. यहां सुविधाओं के नाम पर बस एक बिल्डिंग खड़ी कर दी गई है, जो आज बिल्कुल जर्जर हो चुकी है. कई बार ग्रामीण अधिकारियों से इसे लेकर गुहार लगा चुके हैं. मगर आज तक किसी के कान में जूं तक नहीं रेंगी.

बता दें कालाढूंगी का पशु चिकित्सालय 11 से 15 हजार की पशु आबादी का अस्पताल है. मगर फिर भी यहां सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है. कालाढूंगी और नजदीक के लोग ज्यादातर निजी पशु चिकित्सकों के भरोसे ही रहते हैं. जिसके चलते ग्रामीणों को पशु चिकित्सा के लिए अधिक धनराशि खर्च करनी पड़ती है.

खस्ताहाल हुआ कालाढूंगी पशु चिकित्सालय
पढ़ें- बाबा रामदेव बोले- 'बच्चा' है मेडिकल साइंस, बूस्टर डोज के बाद भी हो रहा है कोरोना

ग्रामीण कमलेश देऊपा ने बताया कि पशुओं की अधिकांश आबादी गांव में है. लेकिन पशु चिकित्सालय मुख्य बाजार कालाढूंगी के बीच है. इसके बावजूद अस्पताल में कोई सुविधाएं नहीं हैं. जिसके चलते हमको निजी पशु चिकित्सकों का रुख करना पड़ता है.
पढ़ें- हरिद्वार में मजदूर के खाते से ₹95 लाख का लेनदेन, जांच को आई राजस्थान पुलिस को मिला करोड़ों का 'खेल'

वहीं, कालाढूंगी के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी राजीव कुमार ने बताया कि भवन निर्माण के लिए कई बार अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है. मगर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है. इसी के साथ सुविधाओं की भी यहां कमी है.

कालाढूंगी: एकमात्र पशु चिकित्सालय अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ा हुआ है. यहां सुविधाओं के नाम पर बस एक बिल्डिंग खड़ी कर दी गई है, जो आज बिल्कुल जर्जर हो चुकी है. कई बार ग्रामीण अधिकारियों से इसे लेकर गुहार लगा चुके हैं. मगर आज तक किसी के कान में जूं तक नहीं रेंगी.

बता दें कालाढूंगी का पशु चिकित्सालय 11 से 15 हजार की पशु आबादी का अस्पताल है. मगर फिर भी यहां सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है. कालाढूंगी और नजदीक के लोग ज्यादातर निजी पशु चिकित्सकों के भरोसे ही रहते हैं. जिसके चलते ग्रामीणों को पशु चिकित्सा के लिए अधिक धनराशि खर्च करनी पड़ती है.

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ग्रामीण कमलेश देऊपा ने बताया कि पशुओं की अधिकांश आबादी गांव में है. लेकिन पशु चिकित्सालय मुख्य बाजार कालाढूंगी के बीच है. इसके बावजूद अस्पताल में कोई सुविधाएं नहीं हैं. जिसके चलते हमको निजी पशु चिकित्सकों का रुख करना पड़ता है.
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वहीं, कालाढूंगी के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी राजीव कुमार ने बताया कि भवन निर्माण के लिए कई बार अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है. मगर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है. इसी के साथ सुविधाओं की भी यहां कमी है.

Last Updated : Aug 4, 2022, 3:57 PM IST
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