हल्द्वानी: कुमाऊं का एकमात्र हल्द्वानी का महिला अस्पताल इन दिनों डॉक्टरों और स्टाफ की कमी से जूझ रहा है. ऐसे में दूर दूराज से आने वाले महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इतना ही नहीं इलाज के अभाव में गर्भवती महिलाओं को निजी अस्पताल की ओर रुख करना पड़ रहा है. मामले में अस्पताल प्रशासन भी मान रहा है कि डॉक्टरों की कमी दूर हो जाती तो अस्पताल की व्यवस्थाएं भी ठीक हो जाती.
बता दें कि कुमाऊं के सबसे बड़े राजकीय महिला अस्पताल हल्द्वानी (Government Women Hospital Haldwani) में रोजाना 10 से 15 महिलाएं डिलीवरी के लिए आती हैं. इसके अलावा 150 से 200 महिलाएं रोजाना ओपीडी के लिए पहुंचती हैं. महिला अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी उषा जंगपांगी के मुताबिक, अस्पताल में 29 डॉक्टरों समेत टेक्नीशियन के पद खाली हैं. जिसमें मात्र 20 कार्यरत हैं. स्त्री रोग विशेषज्ञ के 8 पद खाली हैं, जिसमें मात्र 3 पदों पर स्त्री रोग विशेषज्ञ तैनात हैं.
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हल्द्वानी महिला अस्पताल में एनेस्थेटिस्ट के 4 पद हैं, जिसमें एक पद खाली हैं. रेडियोलॉजिस्ट के 2 पद में 1 पद खाली है. पैथोलॉजिस्ट के 2 पद में 1 पद खाली हैं. अस्पताल प्रशासन की मानें तो अस्पताल में 29 स्त्री रोग विशेषज्ञ समेत अन्य पद स्वीकृत हैं, जिसके सापेक्ष में 20 पद पर डॉक्टर तैनात हैं. ऐसे में असप्ताल में डॉक्टर और स्टाफ का टोटा बना हुआ है. जिस वजह से मरीजों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है.
क्या बोली सीएमओ ऊषा जंगपांगी? महिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधिकारी ऊषा जंगपांगी (CMO Usha Jangpangi) ने बताया कि डॉक्टर की कमी को लेकर शासन स्तर पर पूर्व में भी पत्र लिख चुकी हैं, डॉक्टरों की कमी पूरी हो जाती तो अस्पताल की व्यवस्थाएं दुरुस्त हो जाएगी.