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जर्जर भवन मौत को दे रहे दावत, कुमाऊं कमिश्नर के इस आदेश से लोगों में मची खलबली

हल्द्वानी में कई गिरासु भवन मानसून सीजन में हादसे को दावत दे रहे हैं. इसके बाद भी लोग कब्जा जमाने के लिए खाली नहीं कर रहे हैं. वहीं कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने अपने अधीनस्थ अधिकारियों को जर्जर भवनों को चिन्हित कर खाली कराने के निर्देश दिए हैं.

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Published : Jul 16, 2023, 10:24 AM IST

Updated : Jul 16, 2023, 2:12 PM IST

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जर्जर भवन मौत को दे रहे दावत

हल्द्वानी: उत्तराखंड में मानसून का कहर जारी है. भारी बारिश के चलते कई जगहों से आपदा जैसी घटनाएं भी सामने आ रही हैं. कई जगहों से मकान गिरने की भी घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिसमें कई लोगों की जान जा चुकी है. हल्द्वानी शहर के बीचों-बीच कई ऐसे जर्जर भवन हैं, जो बरसात के समय मौत बनकर खड़े हैं. दशकों पुराने यह भवन कभी भी गिर सकते हैं. लेकिन जिला प्रशासन और नगर निगम आपदाओं से सबक नहीं ले रहा है.

हल्द्वानी शहर में करीब एक दर्जन जर्जर भवन ऐसे हैं, जो कभी भी ताश के पत्तों की तरह धराशायी हो सकते हैं. कई ऐसे परिवार और दुकानदार हैं, जो इन भवनों में वर्षों से अपना कब्जा जमाए हुए हैं. मकान कब्जा करने के चलते कई लोग अपना जान जोखिम डाल इन जर्जर भवन में रह रहे हैं. यही नहीं कई भवन ऐसे हैं, जिनके विवाद का मामला न्यायालय में चल रहा है. जिला प्रशासन और नगर निगम कई बार इन लोगों को घर खाली करने के नोटिस जारी कर चुका है. लेकिन लोग कब्जा जमाने के चक्कर में घर खाली नहीं कर रहे हैं. ऐसे में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.

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गिरासु भवनों को लेकर कुमाऊं कमिश्नर सख्त
पढ़ें-हल्द्वानी शहर का मास्टर प्लान से होगा कायाकल्प, कुमाऊं कमिश्नर ने दिए ये निर्देश

लगातार हो रही बरसात से जर्जर भवन कभी भी धराशायी हो सकते हैं. वहीं कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत का कहना है कि बरसात और आपदा के दृष्टिगत सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि जहां कहीं भी जर्जर भवन स्थित हैं, उनको चिन्हित कर खाली कराया जाए. उन मकानों में रहने वाले लोगों को ग्राम पंचायत भवन या कृषि सरकारी भवन में अस्थायी रूप से शिफ्ट कर, उनके खाने पीने की व्यवस्था कराई जाए. इसके अलावा सरकार द्वारा किराया देने की भी सुविधा उपलब्ध कराई गई है.

जर्जर भवन मौत को दे रहे दावत

हल्द्वानी: उत्तराखंड में मानसून का कहर जारी है. भारी बारिश के चलते कई जगहों से आपदा जैसी घटनाएं भी सामने आ रही हैं. कई जगहों से मकान गिरने की भी घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिसमें कई लोगों की जान जा चुकी है. हल्द्वानी शहर के बीचों-बीच कई ऐसे जर्जर भवन हैं, जो बरसात के समय मौत बनकर खड़े हैं. दशकों पुराने यह भवन कभी भी गिर सकते हैं. लेकिन जिला प्रशासन और नगर निगम आपदाओं से सबक नहीं ले रहा है.

हल्द्वानी शहर में करीब एक दर्जन जर्जर भवन ऐसे हैं, जो कभी भी ताश के पत्तों की तरह धराशायी हो सकते हैं. कई ऐसे परिवार और दुकानदार हैं, जो इन भवनों में वर्षों से अपना कब्जा जमाए हुए हैं. मकान कब्जा करने के चलते कई लोग अपना जान जोखिम डाल इन जर्जर भवन में रह रहे हैं. यही नहीं कई भवन ऐसे हैं, जिनके विवाद का मामला न्यायालय में चल रहा है. जिला प्रशासन और नगर निगम कई बार इन लोगों को घर खाली करने के नोटिस जारी कर चुका है. लेकिन लोग कब्जा जमाने के चक्कर में घर खाली नहीं कर रहे हैं. ऐसे में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.

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लगातार हो रही बरसात से जर्जर भवन कभी भी धराशायी हो सकते हैं. वहीं कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत का कहना है कि बरसात और आपदा के दृष्टिगत सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि जहां कहीं भी जर्जर भवन स्थित हैं, उनको चिन्हित कर खाली कराया जाए. उन मकानों में रहने वाले लोगों को ग्राम पंचायत भवन या कृषि सरकारी भवन में अस्थायी रूप से शिफ्ट कर, उनके खाने पीने की व्यवस्था कराई जाए. इसके अलावा सरकार द्वारा किराया देने की भी सुविधा उपलब्ध कराई गई है.

Last Updated : Jul 16, 2023, 2:12 PM IST
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