हल्द्वानी: कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने कैंप कार्यालय में अधिकारियों के साथ बैठक की. कई विभागों के अधिकारियों और फरियादियों को कमिश्नर ने आमने-सामने बैठाकर उनकी समस्याओं का निराकरण करने के लिए निर्देश दिए. जल जीवन मिशन के तहत किए जा रहे कामों में लापरवाही बरतने पर पूरे मामले में सीडीओ को कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए.
जल जीवन मिशन की समीक्षा की: कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने कैंप कार्यालय में बैठक लेते हुए कहा कि जिले की जल जीवन मिशन की समीक्षा की गई. विधानसभा क्षेत्र में आ रही दिक्कतों को अधिकारियों को सामने बुलाकर समस्याओं के निस्तारण के निर्देश दिये. कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने कहा कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत भीमताल विधानसभा क्षेत्र और नैनीताल विधानसभा क्षेत्र में कई प्रकार की दिक्कतें आ रही थी, जिनका रिव्यू किया गया है. साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि इसके साथ ही हल्द्वानी शहर में यातायात की व्यवस्था ठीक हो और जाम की दिक्कत से पर्यटक व राहगीरों को निजात मिले.
फरियादियों और अफसरों को आमने-सामने बिठाया: कमिश्नर ने कहा कि इसके लिए प्राधिकरण फंड से ढाई करोड़ रुपए भी रिलीज किए गए हैं, जिससे कि पुलिस विभाग यातायात सुचारू करने के लिए जैसी व्यवस्था चाहेगा लोक निर्माण विभाग उस तरह की व्यवस्था को बना कर देगा. कमिश्नर ने कहा कि वह हर शनिवार को जनता दरबार लगाते हैं, जहां भारी संख्या में समस्याएं आती हैं. कई बार जनता की समस्याओं का निराकरण नहीं होने पर आम जनता परेशान होती है, जिसको देखते हुए फरियादियों को सूचना देकर बुलाया गया था. अधिकारियों और फरियादियों को आमने-सामने बिठाकर उनकी समस्याओं का निस्तारण करने का भी निर्देश दिया गया.
कुमाऊं कमिश्नर ने बताया कि अक्सर उनके जनता दरबार में बिजली, पानी, सड़क, और भूमि संबंधित मामले आते हैं. इसी प्रकार आज भी उनके पास कई ऐसे मामले आए हैं, जिनमें शहर की गलियों में अतिक्रमण और बिजली के पोल संबंधी समस्याओं सहित पुलिस से संबंधित मामले और सड़क, बिजली और पानी की विभिन्न समस्याएं आई हैं. समस्याओं का निस्तारण करने के कमिश्नर ने निर्देश दिए हैं.
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उन्होंने बताया कि पिछले साल 2022 में उनके जनता दरबार में 1250 से अधिक मामले लाए गए थे. जिनमें से ज्यादातर समस्याओं के तत्काल निस्तारण की कार्रवाई की गई. कुछ मामले ऐसे हैं जो कोर्ट में विचाराधीन हैं तो कुछ अधिकारियों के पास लंबित हैं. उनकी पहली प्राथमिकता ये है कि जनता द्वारा बताई गई समस्या का स्थानीय स्तर पर निदान हो, जिससे फरियादियों को ज्यादा घूमना और भटकना न पड़े.