रामनगरः आपने कई तरह के फल देखे होंगे, क्या आपने जलेबी की तरह फल देखा है तो आपका जवाब ना ही होगा. लेकिन, रामनगर वन प्रभाग कोसी रेंज में इन दिनों जलेबी की तरह लगने वाले फल लहलहा रहे हैं. जी हां, इन फलों को जंगल जलेबी कहा जाता है. जो जलेबी के आकार के होते हैं. जंगल जलेबी में औषधीय भी गुण होते हैं.
दरअसल, रामनगर के कोसी रेंज में वन विभाग ने बीते कुछ साल पहले जंगल जलेबी के एक दर्जन से ज्यादा पौधे लगाए और उनकी देखभाल की. जिसका नतीजा ये हुआ कि आज वन विभाग के प्रांगण में जंगल जलेबी के सैकड़ों पेड़ तैयार हो गए हैं. जो आज वृक्षों का रूप ले रहे हैं. इतना ही नहीं पेड़ों पर फल भी लगने लगे हैं. रेंज अधिकारी आनंद सिंह रावत ने बताया कि इनमें फल हर साल अगस्त से दिसंबर तक आता है. इसका फल पक्षियों का पसंदीदा भोजन होता है. इन पेड़ों से काफी मात्रा में ऑक्सीजन भी मिलती है.
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आमतौर पर यह फल अधिकांश जंगलों में पाया जाता है. हालांकि, देहात को लोग इस फल से परिचित होते हैं. जंगल जलेबी के अंदर का फल सफेद होता है और इसका आकार इमली की तरह होता है, लेकिन पकने के बाद ये फल लाल हो जाता है. इसके फल का स्वाद हल्का खट्टा-मीठा होता है.
जंगल जलेबी के कई नाम
जंगल जलेबी का वानस्पतिक नाम पिथेसेलोबियम (Pithecellobium) है. अलग-अलग इलाकों में लोग इसे अलग-अलग नामों से जानते हैं. जैसे- विलायती इमली, गंगा जलेबी, मीठी इमली आदि. एक सपुष्पी पादप है. यह मटर के प्रजाति का है. यह फल मूलतः मेक्सिको का है और दक्षिण पूर्व एशिया में बहुतायत से पाया जाता है.
कई औषधीय गुणों से भरपूर जंगल जलेबी
इस फल में प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, फॉस्फोरस, लौह, राइबोफ्लेविन आदि तत्व भरपूर मात्र में पाए जाते हैं. इसके पेड़ की छाल की काढे से पेचिश का इलाज किया जाता है. त्वचा रोगों, मधुमेह और आंख के जलन में भी इसका इस्तेमाल होता है. पत्तियों का रस दर्द निवारक का काम भी करती है. जबकि, डायबिटीज रोगियों के लिए बहुत यह फायदेमंद माना जाता है. इस फल में कई एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर को लाभ पहुंचाते हैं.