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सिंचाई विभाग की लापरवाही से किसानों के सामने धान रोपाई का संकट, ठीक नहीं की टूटी नहर

हल्द्वानी के आसपास के ग्रामीण लंबे समय से क्षतिग्रस्त नहरों को ठीक करने की मांग करते चले आ रहे हैं. लेकिन सिंचाई विभाग के अफसरों तक उनकी बात नहीं पहुंची. अब टूटी नहरों और मलबा जमे नालों से किसानों को धान की रोपाई के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है. इससे किसान नाराज हैं.

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Published : Jun 30, 2023, 9:27 AM IST

हल्द्वानी: मानसून सीजन में सिंचाई विभाग की नहरों की साफ-सफाई नहीं होने से किसानों के साथ-साथ आम जनता को परेशानी उठानी पड़ रही है. यही नहीं सिंचाई विभाग की नहर जगह-जगह से कचरे के ढेर से बंद है. कई जगह पर नहर क्षतिग्रस्त हो चुकी है. ऐसे में नहर से बहने वाला पानी सड़कों पर बह रहा है.

नहरें ठीक नहीं होने से किसान परेशान: क्षतिग्रस्त नहरों के चलते किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच रहा है. इस कारण किसानों के सामने सिंचाई करने की समस्या खड़ी हो रही है. तीनपानी से गोरपड़ाव क्षेत्र को जाने वाली सिंचाई नहर और नालों में कूड़े कचरे के ढेर जमा हैं. इससे नहर और नाले बंद हैं. इसके चलते नहर से बहने वाला पानी सड़कों पर बह रहा है. विभाग के अधिकारी इस समस्या को दूर करने में नाकाम साबित हो रहे हैं. यहां तक कि नहर और नालों का पानी बरसात में सड़कों पर बहने से सड़कें भी खराब हो रही हैं.
ये भी पढ़ें: नहर कवरिंग कार्य की गुणवत्ता पर मुख्य अभियंता ने उठाए सवाल, जांच के दिए निर्देश

पानी नहीं मिलने से धान की रोपाई में देरी: इस पूरे मामले में जिलाधिकारी वंदना सिंह का कहना है कि जहां-जहां नहर क्षतिग्रस्त या बंद है, उनको ठीक करने के लिए विभाग को निर्देशित किया गया है. गौरतलब है कि ग्रामीण क्षेत्रों में सिंचाई का मुख्य साधन नहरें और नाले हैं. लेकिन सिंचाई विभाग की लापरवाही के चलते नहरों की साफ सफाई नहीं हो पाई है. नहरों में जगह-जगह कूड़ा और मलबे का ढेर पड़ा हुआ है. इसको लेकर कई बार ग्रामीण आंदोलन भी कर चुके हैं. इसके बावजूद सिंचाई विभाग आंख बंद किए हुए है. धान की फसल का सीजन है, लेकिन किसानों को नहर का पानी ही नहीं मिल पा रहा है. इसके चलते किसानों को धान की रोपाई में देरी हो रही है.

हल्द्वानी: मानसून सीजन में सिंचाई विभाग की नहरों की साफ-सफाई नहीं होने से किसानों के साथ-साथ आम जनता को परेशानी उठानी पड़ रही है. यही नहीं सिंचाई विभाग की नहर जगह-जगह से कचरे के ढेर से बंद है. कई जगह पर नहर क्षतिग्रस्त हो चुकी है. ऐसे में नहर से बहने वाला पानी सड़कों पर बह रहा है.

नहरें ठीक नहीं होने से किसान परेशान: क्षतिग्रस्त नहरों के चलते किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच रहा है. इस कारण किसानों के सामने सिंचाई करने की समस्या खड़ी हो रही है. तीनपानी से गोरपड़ाव क्षेत्र को जाने वाली सिंचाई नहर और नालों में कूड़े कचरे के ढेर जमा हैं. इससे नहर और नाले बंद हैं. इसके चलते नहर से बहने वाला पानी सड़कों पर बह रहा है. विभाग के अधिकारी इस समस्या को दूर करने में नाकाम साबित हो रहे हैं. यहां तक कि नहर और नालों का पानी बरसात में सड़कों पर बहने से सड़कें भी खराब हो रही हैं.
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पानी नहीं मिलने से धान की रोपाई में देरी: इस पूरे मामले में जिलाधिकारी वंदना सिंह का कहना है कि जहां-जहां नहर क्षतिग्रस्त या बंद है, उनको ठीक करने के लिए विभाग को निर्देशित किया गया है. गौरतलब है कि ग्रामीण क्षेत्रों में सिंचाई का मुख्य साधन नहरें और नाले हैं. लेकिन सिंचाई विभाग की लापरवाही के चलते नहरों की साफ सफाई नहीं हो पाई है. नहरों में जगह-जगह कूड़ा और मलबे का ढेर पड़ा हुआ है. इसको लेकर कई बार ग्रामीण आंदोलन भी कर चुके हैं. इसके बावजूद सिंचाई विभाग आंख बंद किए हुए है. धान की फसल का सीजन है, लेकिन किसानों को नहर का पानी ही नहीं मिल पा रहा है. इसके चलते किसानों को धान की रोपाई में देरी हो रही है.

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