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हल्द्वानीः गरीबों और असहायों के लिए मसीहा बनीं प्रियंका गोस्वामी, 12 सालों से कर रही समाज सेवा

कल अंतरराष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस है. हल्द्वानी के गोरापड़ाव गांव की प्रियंका गोस्वामी गरीबों, असहाय और मंदबुद्धि के जीवन में खुशहाली ला रही हैं.

अंतरराष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस
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Published : Oct 14, 2019, 3:15 PM IST

Updated : Oct 14, 2019, 3:32 PM IST

हल्द्वानीः आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों को अपनों के लिए समय नहीं है, लेकिन हल्द्वानी के गोरापड़ाव गांव की रहने वाली प्रियंका गोस्वामी गरीबों, असहाय और मंदबुद्धि के लिए मसीहा बन रही हैं. प्रियंका पिछले कई वर्षों से समाज सेवा में अपने जिंदगी को लगाकर दूसरे को जिंदगी दे रही हैं. प्रियंका महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ गरीबों और मंदबुद्धि बच्चों और समाज से उपेक्षित महिलाओं के लिए काम कर रही हैं.

गरीबों की जिंदगी में खुशहाली ला रहीं प्रियंका.

ऐसे में ईटीवी भारत ऐसे महिलाओं के हौसलों को सलाम करता है.हल्द्वानी के गोरापड़ाव गांव की रहने वाली प्रियंका गोस्वामी को बचपन से ही मां-बाप का प्यार नहीं मिल पाया. प्रियंका ने जिंदगी में कभी हार न मानते हुए अपने भाई बहन की जिम्मेदारी भी बखूबी निभाई.

मां बाप के प्यार से वंचित और निर्धन प्रियंका ने छोटे से समय से ही समाज सेवा का बीड़ा उठाया. जिसके बाद प्रियंका ने अपने जीवन को समाज सेवा में लगा दिया और आज प्रियंका गरीबों और असहाय के लिए मददगार बन रही हैं.

प्रियंका ने बताया कि वह पिछले 12 सालों से समाज सेवा के क्षेत्र में काम कर रही हैं. उन्होंने शुरुआत स्कूली बच्चों से की जहां उन्होंने गरीब और असहाय बच्चों को शिक्षा दिलाने की बीड़ा उठाते हुए कॉपी, किताब, पेंसिल स्कूली ड्रेस उपलब्ध कराईं, जिसके बाद प्रियंका ने मुड़कर नहीं देखा और समाज सेवा में लगी रहीं.

प्रियंका समय-समय पर गरीब और असहाय को भोजन वितरण के साथ-साथ उनको कपड़े उपलब्ध कराना मंदबुद्धि बच्चों और बालिकाओं को संरक्षित और सुरक्षित करने के लिए काम करती हैं. यही नहीं समाज से भटकी हुई महिलाओं के लिए भी प्रियंका काम करती हैं और सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी को उठाती हैं.

प्रियंका ने बताया कि उन्होंने सबसे ज्यादा मंदबुद्धि बालिकाओं पर काम किया है जिससे कि उन बालिकाओं को सुरक्षित रखा जाए. प्रियंका ने बताया कि महिला सशक्तिकरण के लिए भी काम कर रही हैं जिससे कि ग्रामीण महिलाएं पंचायत में ज्यादा से ज्यादा भागीदारी कर सकती हैं जिसके लिए वह पंचायत में चुनकर आने वाली महिलाओं की प्रशिक्षण भी देती हैं.

यह भी पढ़ेंः देहरादूनः रेलवे स्टेशन के बाहर पुलिस बूथ पर टैक्सी संचालकों का कब्जा, यात्री हो रहे परेशान

साथ ही प्रियंका नशा मुक्ति को लेकर भी जन जागरूकता अभियान समय-समय पर चलाती रहती हैं जिससे कि युवा पीढ़ी को नशे से दूर रखा जाए. प्रियंका की इस मुहिम को ईटीवी भारत सलाम करता है. प्रियंका इसी तरह से समाज सेवा के क्षेत्र में काम करती रहें.

हल्द्वानीः आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों को अपनों के लिए समय नहीं है, लेकिन हल्द्वानी के गोरापड़ाव गांव की रहने वाली प्रियंका गोस्वामी गरीबों, असहाय और मंदबुद्धि के लिए मसीहा बन रही हैं. प्रियंका पिछले कई वर्षों से समाज सेवा में अपने जिंदगी को लगाकर दूसरे को जिंदगी दे रही हैं. प्रियंका महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ गरीबों और मंदबुद्धि बच्चों और समाज से उपेक्षित महिलाओं के लिए काम कर रही हैं.

गरीबों की जिंदगी में खुशहाली ला रहीं प्रियंका.

ऐसे में ईटीवी भारत ऐसे महिलाओं के हौसलों को सलाम करता है.हल्द्वानी के गोरापड़ाव गांव की रहने वाली प्रियंका गोस्वामी को बचपन से ही मां-बाप का प्यार नहीं मिल पाया. प्रियंका ने जिंदगी में कभी हार न मानते हुए अपने भाई बहन की जिम्मेदारी भी बखूबी निभाई.

मां बाप के प्यार से वंचित और निर्धन प्रियंका ने छोटे से समय से ही समाज सेवा का बीड़ा उठाया. जिसके बाद प्रियंका ने अपने जीवन को समाज सेवा में लगा दिया और आज प्रियंका गरीबों और असहाय के लिए मददगार बन रही हैं.

प्रियंका ने बताया कि वह पिछले 12 सालों से समाज सेवा के क्षेत्र में काम कर रही हैं. उन्होंने शुरुआत स्कूली बच्चों से की जहां उन्होंने गरीब और असहाय बच्चों को शिक्षा दिलाने की बीड़ा उठाते हुए कॉपी, किताब, पेंसिल स्कूली ड्रेस उपलब्ध कराईं, जिसके बाद प्रियंका ने मुड़कर नहीं देखा और समाज सेवा में लगी रहीं.

प्रियंका समय-समय पर गरीब और असहाय को भोजन वितरण के साथ-साथ उनको कपड़े उपलब्ध कराना मंदबुद्धि बच्चों और बालिकाओं को संरक्षित और सुरक्षित करने के लिए काम करती हैं. यही नहीं समाज से भटकी हुई महिलाओं के लिए भी प्रियंका काम करती हैं और सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी को उठाती हैं.

प्रियंका ने बताया कि उन्होंने सबसे ज्यादा मंदबुद्धि बालिकाओं पर काम किया है जिससे कि उन बालिकाओं को सुरक्षित रखा जाए. प्रियंका ने बताया कि महिला सशक्तिकरण के लिए भी काम कर रही हैं जिससे कि ग्रामीण महिलाएं पंचायत में ज्यादा से ज्यादा भागीदारी कर सकती हैं जिसके लिए वह पंचायत में चुनकर आने वाली महिलाओं की प्रशिक्षण भी देती हैं.

यह भी पढ़ेंः देहरादूनः रेलवे स्टेशन के बाहर पुलिस बूथ पर टैक्सी संचालकों का कब्जा, यात्री हो रहे परेशान

साथ ही प्रियंका नशा मुक्ति को लेकर भी जन जागरूकता अभियान समय-समय पर चलाती रहती हैं जिससे कि युवा पीढ़ी को नशे से दूर रखा जाए. प्रियंका की इस मुहिम को ईटीवी भारत सलाम करता है. प्रियंका इसी तरह से समाज सेवा के क्षेत्र में काम करती रहें.

Intro:sammry- ग्रामीण महिला दिवस स्पेशल -हल्द्वानी के गोरा पड़ाव के रहने वाले प्रियंका गोस्वामी गरीबों और असहायो की बन रही है मसीहा।
(बाइट मोजो से उठाए जबकि विजुअल मेल से) कल के लिए स्पेशल खबर


एंकर- आज के भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों को अपनों के लिए ही समय नहीं है लेकिन हल्द्वानी के गोरापड़ाव गांव के रहने वाली प्रियंका गोस्वामी गरीबों असहाय और मंदबुद्धि के लिए मसीहा बन रही हैं प्रियंका पिछले कई वर्षों से समाज सेवा में अपने जिंदगी को लगाकर दूसरे को जिंदगी दे रही हैं। प्रियंका महिला सशक्तिकरण के साथ साथ गरीबों और मंदबुद्धि बच्चों और समाज से उपेक्षित महिलाओं के लिए काम कर रही हैं। ऐसे में ईटीवी भारत ऐसे महिलाओं के हौसलों को सलाम करता है।


Body:हल्द्वानी के गोरापड़ाव गांव की रहने वाली प्रियंका गोस्वामी को बचपन से ही मां बाप का प्यार नहीं मिल पाया। और प्रियंका ने जिंदगी में कभी हार नहीं माना और अपने भाई बहन की जिम्मेदारी भी बखूबी निभाई। मां बाप के प्यार से वंचित और निर्धन प्रियंका ने छोटे से समय से ही समाज सेवा की बीड़ा उठाई जिसके बाद प्रियंका ने अपने जीवन को समाज सेवा में लगा दिया और आज प्रियंका गरीबों और असहाय के लिए मददगार बन रही हैं। प्रियंका ने बताया कि वह पिछले 12 सालों से समाज सेवा के क्षेत्र में काम कर रही हैं उन्होंने शुरुआत स्कूली बच्चों से कि जहां उन्होंने गरीब और असहाय बच्चों को शिक्षा दिलाने की बीड़ा उठाते हुए कॉपी किताब पेंसिल स्कूली ड्रेस उपलब्ध कराई जिसके बाद प्रियंका ने मुड़कर नहीं देखा और समाज सेवा में लगी रही। प्रियंका समय-समय पर गरीब और असहाय को भोजन वितरण के साथ-साथ उनको कपड़े उपलब्ध कराना मंदबुद्धि बच्चों और बालिकाओं को संरक्षित और सुरक्षित करने के लिए काम करती हैं। यही नहीं समाज से भटकी हुई महिलाओं के लिए भी प्रियंका काम करती है और सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी को उठाती हैं।

प्रियंका ने बताया कि उन्होंने सबसे ज्यादा मंदबुद्धि बालिकाओं पर काम किया है जिससे कि उन बालिकाओं को सुरक्षित रखा जाए जो मंदबुद्धि है क्योंकि समाज में इन मंदबुद्धि बालिकाओं विपरीत असर पड़ता है।

प्रियंका गोस्वामी ने बताया कि महिला सशक्तिकरण के लिए भी काम कर रहे हैं जिससे कि ग्रामीण महिलाएं पंचायत में ज्यादा से ज्यादा भागीदारी कर सकते हैं जिसके लिए वह पंचायत में चुनकर आने वाली महिलाओं की प्रशिक्षण भी देती है जिससे कि पंचायत में महिलाओं की कितना योगदान है और पत्तियों के सहारे नहीं रहे।
प्रियंका नशा मुक्ति को लेकर भी जन जागरूकता अभियान समय-समय पर चलाती रहती हैं जिससे कि युवा पीढ़ी को नशे से दूर रखा जाए।


Conclusion:फिलहाल प्रियंका के इस मुहिम को ईटीवी भारत सलाम करता है प्रियंका इसी तरह से समाज के क्षेत्र में अग्रसर काम करते रहें और गरीब और असहाय के लिए मसीहा बने।

बाइट- प्रियंका गोस्वामी सामाजिक कार्यकर्ता

बाइट मोजो से उठाए जबकि विजुअल मेल से
Last Updated : Oct 14, 2019, 3:32 PM IST
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