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19 दिन बाद जिंदगी से जंग हारी हथिनी, लालकुआं में ट्रेन से टकराकर हुई थी घायल - injured Elephant dies

Elephant injured by train dies in Lalkuan हल्द्वानी में ट्रेन से घायल हथिनी की मौत हो गई है. घायल हथिनी का 19 दिनों से उपचार किया जा रहा था. इसके बाद भी घायल हथिनी को नहीं बचाया जा सका.

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19 दिन बाद जिंदगी से जंग हारी हथिनी
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 4, 2023, 8:17 PM IST

हल्द्वानी: तराई केंद्रीय वन प्रभाग के लालकुआं बीते 19 दिन पूर्व ट्रेन की टक्कर से घायल मादा हाथी आखिरकार जिंदगी से जंग हार गई. वन विभाग ने मौके पर ही मादा हाथी के शव का पोस्टमार्टम कर उसे दफना दिया. ट्रेन से टकराकर एक बार फिर से हाथी की मौत के बाद विभाग और रेल प्रशासन पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

बताया जा रहा है कि 14 नवंबर की रात दिल्ली को जाने वाली रानीखेत एक्सप्रेस लालकुआं से करीब 2 किलोमीटर आगे पहुंची तभी तराई पूर्वी वन प्रभाग के टांडा रेंज में रेलगाडी के आगे एक वयस्य मादा हाथी आ गई. जिससे टकराकर हाथी गम्भीर रूप से घायल हो गई. मादा हाथी के पैर में अधिक चोटें आई. जिससे वह खड़ी नहीं हो पा रही थी. वन विभाग की देखरेख में वाइल्डलाइफ चिकित्सकों ने 19 दिनों तक लगातार घायल हाथी को बचाने का प्रयास किया.

पढे़ं- अब उत्तराखंड में वर्चुअली भी हो सकेगी जमीनों की रजिस्ट्री, कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव पास, जानें इसके फायदे

वन विभाग द्वारा भी लगातार घायल हाथी की देखरेख की जा रही थी. 19 दिन के संघर्ष के बाद सोमवार को घायल मादा हाथी ने दम तोड़ दिया. सूचना के बाद मौके पर पहुंची तराई केंद्रीय वन प्रभाग की उप प्रभागीय वन अधिकारी शशि देवा एंव वन क्षेत्राअधिकारी रूपनारायण गौतम की मौजूदगी में वाइल्डलाइफ के चिकित्सक हिमांशु पांगती सहित अन्य चिकित्सको ने मृतक हाथी का पोस्टमार्टम किया. जिसके बाद वन विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में हाथी का अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान वन विभाग के अन्य कर्मी भी मौजूद रहे.

हल्द्वानी: तराई केंद्रीय वन प्रभाग के लालकुआं बीते 19 दिन पूर्व ट्रेन की टक्कर से घायल मादा हाथी आखिरकार जिंदगी से जंग हार गई. वन विभाग ने मौके पर ही मादा हाथी के शव का पोस्टमार्टम कर उसे दफना दिया. ट्रेन से टकराकर एक बार फिर से हाथी की मौत के बाद विभाग और रेल प्रशासन पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

बताया जा रहा है कि 14 नवंबर की रात दिल्ली को जाने वाली रानीखेत एक्सप्रेस लालकुआं से करीब 2 किलोमीटर आगे पहुंची तभी तराई पूर्वी वन प्रभाग के टांडा रेंज में रेलगाडी के आगे एक वयस्य मादा हाथी आ गई. जिससे टकराकर हाथी गम्भीर रूप से घायल हो गई. मादा हाथी के पैर में अधिक चोटें आई. जिससे वह खड़ी नहीं हो पा रही थी. वन विभाग की देखरेख में वाइल्डलाइफ चिकित्सकों ने 19 दिनों तक लगातार घायल हाथी को बचाने का प्रयास किया.

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वन विभाग द्वारा भी लगातार घायल हाथी की देखरेख की जा रही थी. 19 दिन के संघर्ष के बाद सोमवार को घायल मादा हाथी ने दम तोड़ दिया. सूचना के बाद मौके पर पहुंची तराई केंद्रीय वन प्रभाग की उप प्रभागीय वन अधिकारी शशि देवा एंव वन क्षेत्राअधिकारी रूपनारायण गौतम की मौजूदगी में वाइल्डलाइफ के चिकित्सक हिमांशु पांगती सहित अन्य चिकित्सको ने मृतक हाथी का पोस्टमार्टम किया. जिसके बाद वन विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में हाथी का अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान वन विभाग के अन्य कर्मी भी मौजूद रहे.

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