हल्द्वानी: हरीश धामी के इस्तीफे की पेशकश से कांग्रेस की कलह अब सबके सामने आ चुकी है. हरीश धामी ने कांग्रेस सचिव पद से इस्तीफा देने के बाद नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश पर आरोपों की झड़ी लगा दी. जिसका पलटवार करते हुए इंदिरा हृदयेश ने कहा कि हरीश धामी कहां से संचालित हो रहे हैं नहीं पता, लेकिन जब से वो नेता प्रतिपक्ष बनी हैं, तब से वो नाराज चल रहे हैं और प्रदेश कार्यकारिणी घोषित होते ही उनकी नाराजगी और बढ़ गई. उन्होंने जो आरोप लगाए हैं, वो सरासर गलत है.
धारचूला विधायक हरीश धामी के आरोपों पर नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने सफाई देते हुए कहा कि उन्हें नहीं पता कि हरीश धामी उनसे क्यों नाराज हैं. लंबे समय से वे दोनों सदन में साथ काम करते हैं. आखिर वे क्यों मुझसे नाराज हैं इस बारे में नहीं पता, लेकिन वो किसी भी आरोप-प्रत्यारोप से नहीं डरती हैं. प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी से बात करने के बाद ही वो इसके बारे में कुछ कहेंगी.
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उन्होंने कहा कि प्रदेश कार्यकारिणी घोषित होते ही धामी जो गुस्सा दिखा रहे हैं. वो उनके प्रति गुस्सा दिखाएं, जिन्होंने उन्हें प्रदेश कार्यकारिणी में पद दिया. इसके अलावा हरीश धामी द्वारा उनके पीआरओ के सिडकुल में हुई नियुक्ति किये जाने की बात पर इंदिरा हृदयेश ने कहा कि चयन समिति ही किसी का चयन करती है या कमीशन से चयन होता है, लेकिन हरीश धामी के आरोप सरासर गलत हैं. चयन कमेटी द्वारा ही इन पदों पर रखा जाता है. इसलिए यह सवाल सरासर गलत है.
गौरतलब धारचूला विधायक हरीश धामी ने इस्तीफा देने के साथ-साथ इंदिरा हृदयेश पर आरोप लगाते हुए कहा कि इंदिरा हृदयेश नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद से पार्टी को खत्म करने में जुटी हैं. कांग्रेस के 11 विधायकों में 7-8 विधायक उनके साथ हैं और विधायकों के साथ मिलकर कांग्रेस हाईकमान से बात कर नेता प्रतिपक्ष को हटाने की बात कहेंगे और हटाकर रहेंगे.