हल्द्वानी: लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद एक बार फिर कांग्रेस में नेताओं के बीच तल्खियां देखने को मिल रही है. नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने हरीश रावत को लेकर एक बार फिर बड़ी बात कही है. इंदिरा ने हरीश रावत को नसीहत देते हुए कहा है कि कोई भी कार्यक्रम करे तो संगठन को साथ लेकर चलें. इंदिरा का इशारा सोमवार को देहरादून में दलित युवक की हत्या के विरोध में हरीश रावत ने जो उपवास किया था उस पर था.
पढ़ें- दलित हत्याकांड के विरोध में हरीश रावत ने रखा मौन व्रत, घटना पर राजनीति नहीं करने की अपील
दरअसल, सोमवार को देहरादून के गांधी पार्क में हरीश रावत दलित युवक की हत्या के विरोध में करीब एक घंटे तक मौन व्रत पर बैठे थे. इस दौरान उन्होंने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए मृतक के परिजनों के लिए सरकारी नौकरी की मांग की. हरीश रावत के इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस के कई नेता शामिल हुए थे. लेकिन ये प्रदर्शन पार्टी के मंच पर नहीं किया गया था.
इसी पर इंदिरा ने हरीश रावत को नसीहत देते हुए कहा कि हरीश रावत पार्टी लाइन से हटकर इस तरह के कार्यक्रम करना बंद करें. इसके अलावा वो संगठन को न स्वीकार करने की प्रवृति को भी बंद कर दें. जब हरीश रावत अध्यक्ष थे तो सब उनके हिसाब से काम करते थे, वो मुख्यमंत्री रहे पार्टी उनके हिसाब के काम करती थी और हम उनका सहयोग भी करते थे. हरीश रावत ने चुनाव लड़ा पार्टी ने मजबूती से उनका सहयोग दिया.
पढ़ें- राजीव गांधी पर PM मोदी के बयान से बौखलाई कांग्रेस, प्रीतम बोले- चौकीदार की विदाई तय
इंदिरा ने साफ कर दिया है कि यदि हरीश रावत अगल से कोई धरना प्रदर्शन करते हैं तो वो इसके पक्ष में नहीं है. इंदिरा ने हरीश रावत को सलाह देते हुए कहा है कि राजनीति जीवन के आखिरी दिनों में उन्हें सभल जाना चाहिए.
इंदिरा ने कहा कि वो किसी को बड़ा नहीं मानती है. अगर राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी कोई निर्देश देते हैं तो पार्टी के सभी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं को मानना पड़ेगा. इसके अलावा वो प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के निर्देश पर कार्यक्रम करेगी.
पीएम मोदी पर हमला
पीएम मोदी की पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर की गई टिप्पणी के विरोध में सोमवार को इंदिरा के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकताओं ने बुद्ध पार्क में पीएम मोदी की पुतला फूंका. इस दौरान उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की अपनी हार का आभास हो गया है. इसलिए वे बौखलाहट में ऐसे बयान दे रहे है.