हल्द्वानी: गौला नदी (Gaula River haldwani) से जुड़े खनन वाहन कारोबारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से नदी में खनन कार्य पूरी तरह बाधित हो गया है. वहीं खनन कार्य नहीं होने से सरकार को भी रोजाना करोड़ों के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है. ऐसे में खनन वाहन कारोबारी और स्टोन क्रशर स्वामियों की खनन ढुलान किराया को लेकर चल रही आपसी लड़ाई थमने का नाम नहीं ले रही है. वहीं जिला प्रशासन खनन कारोबारियों और स्टोन क्रशर स्वामियों के बीच वार्ता कर हल निकालने में जुटा हुआ है.
बता दें कि, जहां खनन वाहन कारोबारियों के हड़ताल पर चले जाने से सरकार को राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है तो वहीं खनन से जुड़े मजदूरों के आगे भी रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो रहा है.
दरअसल गौला नदी से खनन कारोबार में जुड़े वाहनों को पूर्व में स्टोन क्रशर संचालकों द्वारा 35 रुपये कुंतल भाड़ा दिया जा रहा था. अब स्टोन क्रशर स्वामी 25 रुपये प्रति कुंतल भाड़ा दे रहे हैं. इससे उनको काफी नुकसान हो रहा है. नाराज खनन कारोबारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. बुधवार से हुई अनिश्चितकालीन हड़ताल के तीसरे दिन भी वाहन स्वामियों ने खनन कार्य करने से हाथ खड़े कर दिए हैं.
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खनन वाहन कारोबारियों का कहना है कि इस महंगाई के दौर में डीजल की कीमत में वृद्धि हुई है. स्टोन क्रशर संचालक वाहन स्वामियों का उत्पीड़न कर 35 रुपये भाड़ा के बजाय 25 रुपये प्रति कुंतल भाड़ा दे रहे हैं. इससे उनको काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. वाहन कारोबारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती तब तक वह आगे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे और आने वाले दिनों में अधिकारियों के साथ-साथ मुख्यमंत्री और स्थानीय नेताओं का घेराव करेंगे.
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गौरतलब है कि गौला नदी खनन कारोबार से जुड़े करीब 7,500 वाहन कार्य करते हैं. संचालकों के हड़ताल पर चले जाने से खनन कार्य में जुटे मजदूरों को भी मजदूरी नहीं मिल पा रही है.