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उत्तराखंड आपदा: जलभराव से बढ़ा बीमारियों का खतरा, स्वास्थ्य विभाग ने तैनात की एक हजार टीमें

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से साथ लगातार आपदा ग्रस्त इलाकों का दौरा कर रहे स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने ईटीवी भारत से कहा है कि दो-तीन दिन में हालात सामान्य हो जाएंगे. सरकार आपदा पीड़ितों को लगातार मदद पहुंचाने का काम कर रही है. साथ ही महामारी और संक्रमण के खतरे को देखते हुए पूरे प्रदेश में एक हजार टीमों की तैनाती की गई है.

Health Minister Dhan Singh Rawat
Health Minister Dhan Singh Rawat
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Published : Oct 24, 2021, 9:15 AM IST

हल्द्वानी: बीते दिनों उत्तराखंड में आई दैवीय आपदा के बाद अब हालात सामान्य हो रहे हैं. कई इलाकों में अभी भी राहत और बचाव का कार्य चल रहा है. 18, 19 और 20 अक्टबूर को हुई भारी बारिश के बाद कई क्षेत्रों में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई है. ऐसे में संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा भी बना हुआ है. लिहाजा, स्वास्थ्य विभाग भी पूरी तरह से अलर्ट नजर आ रहा है.

शनिवार देर शाम स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ आपदा प्रभावित 4 जिलों का दौरा कर हल्द्वानी पहुंचे. इस मौके पर ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में कहा कि जिन क्षेत्रों में भारी तबाही हुई है. उन क्षेत्रों का वह मुख्यमंत्री के साथ स्थलीय निरीक्षण कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार आपदा पीड़ितों की हर संभव मदद के लिए सरकार तैयार है. सरकारी मशीनरी आपदा पीड़ितों तक राहत पहुंचाने का काम कर रही है.

उत्तराखंड आपदा के बाद जलभराव होने से बढ़ा बीमारियों का खतरा.

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आपदा में जिन लोगों ने अपनी जान गंवाई है. उनके परिजनों को सरकार की ओर से 4-4 लाख रुपये मुआवजा राशि दी जा रही है. उन्होंने कहा कि दो-तीन दिन में स्थिति सामान्य हो जाएगी. इसके अलावा आपदा से पूरे राज्य में कितना नुकसान हुआ है, उसकी रिपोर्ट आनी शुरू हो गई है. दो-तीन दिन के भीतर नुकसान का सही आकलन कर लिया जाएगा.

स्वास्थ्य विभाग ने 1000 टीमें बनाई: स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा है कि भारी बारिश के बाद जगह-जगह जलभराव और मलबा आने की वजह से डेंगू, मलेरिया सहित अन्य संक्रमण बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने पूरे प्रदेश में 1000 टीमें बनाई हैं, जिसके माध्यम से जलभराव वाले स्थानों और ग्रामीण क्षेत्रों में मच्छर मारने की दवाइयों का छिड़काव किया जा रहा है. इसके अलावा मोबाइल वैन के माध्यम से लोगों तक स्वास्थ्य सेवा भी पहुंचाई जा रही है.

पढ़ें- उत्तराखंड आपदा: किशोर उपाध्याय बोले- रैणी आपदा से भी सरकार ने नहीं लिया सबक

उन्होंने बताया कि आपदा से कुछ क्षेत्रों में सरकारी अस्पतालों को भी नुकसान पहुंचा है, जहां व्यवस्था ठीक करने का काम किया जा रहा है. लेकिन मरीजों के लिए किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं है. मरीजों के लिए सभी तरह की व्यवस्था की जा रही है. मोबाइल वैन के माध्यम से लोगों तक उपचार पहुंचाने का काम किया जा रहा है. इसके अलावा लोगों तक पैसा कैसे पहुंचे. इसके लिए मोबाइल एटीएम वैन भी लगाए गए हैं, जिसके माध्यम से पैसे पहुंचाए जाने का काम किया जा रहा है.

हल्द्वानी: बीते दिनों उत्तराखंड में आई दैवीय आपदा के बाद अब हालात सामान्य हो रहे हैं. कई इलाकों में अभी भी राहत और बचाव का कार्य चल रहा है. 18, 19 और 20 अक्टबूर को हुई भारी बारिश के बाद कई क्षेत्रों में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई है. ऐसे में संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा भी बना हुआ है. लिहाजा, स्वास्थ्य विभाग भी पूरी तरह से अलर्ट नजर आ रहा है.

शनिवार देर शाम स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ आपदा प्रभावित 4 जिलों का दौरा कर हल्द्वानी पहुंचे. इस मौके पर ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में कहा कि जिन क्षेत्रों में भारी तबाही हुई है. उन क्षेत्रों का वह मुख्यमंत्री के साथ स्थलीय निरीक्षण कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार आपदा पीड़ितों की हर संभव मदद के लिए सरकार तैयार है. सरकारी मशीनरी आपदा पीड़ितों तक राहत पहुंचाने का काम कर रही है.

उत्तराखंड आपदा के बाद जलभराव होने से बढ़ा बीमारियों का खतरा.

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आपदा में जिन लोगों ने अपनी जान गंवाई है. उनके परिजनों को सरकार की ओर से 4-4 लाख रुपये मुआवजा राशि दी जा रही है. उन्होंने कहा कि दो-तीन दिन में स्थिति सामान्य हो जाएगी. इसके अलावा आपदा से पूरे राज्य में कितना नुकसान हुआ है, उसकी रिपोर्ट आनी शुरू हो गई है. दो-तीन दिन के भीतर नुकसान का सही आकलन कर लिया जाएगा.

स्वास्थ्य विभाग ने 1000 टीमें बनाई: स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा है कि भारी बारिश के बाद जगह-जगह जलभराव और मलबा आने की वजह से डेंगू, मलेरिया सहित अन्य संक्रमण बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने पूरे प्रदेश में 1000 टीमें बनाई हैं, जिसके माध्यम से जलभराव वाले स्थानों और ग्रामीण क्षेत्रों में मच्छर मारने की दवाइयों का छिड़काव किया जा रहा है. इसके अलावा मोबाइल वैन के माध्यम से लोगों तक स्वास्थ्य सेवा भी पहुंचाई जा रही है.

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उन्होंने बताया कि आपदा से कुछ क्षेत्रों में सरकारी अस्पतालों को भी नुकसान पहुंचा है, जहां व्यवस्था ठीक करने का काम किया जा रहा है. लेकिन मरीजों के लिए किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं है. मरीजों के लिए सभी तरह की व्यवस्था की जा रही है. मोबाइल वैन के माध्यम से लोगों तक उपचार पहुंचाने का काम किया जा रहा है. इसके अलावा लोगों तक पैसा कैसे पहुंचे. इसके लिए मोबाइल एटीएम वैन भी लगाए गए हैं, जिसके माध्यम से पैसे पहुंचाए जाने का काम किया जा रहा है.

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