हल्द्वानी: पिछले कुछ दिनों में सरसों के तेल और रिफाइंड की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया है. महंगाई ने सरसों के तेल से दाल और सब्जी में लगने वाले तड़के के स्वाद को कीफा कर दिया है. सरसों के तेल और रिफाइंड में करीब 10 से 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. जिससे आम लोगों की रसोई का बजट बिगड़ गया है.
आलम ये है कि पिछले एक महीने में खाद्य तेलों के दामों में 10 से 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. सरसों का तेल जहां पिछले महीने 130 रुपए प्रति लीटर था, वो 14 5 रुपए प्रति लीटर मिल रहा है. वहीं जो रिफाइंड पिछले महीने 125 रुपए लीटर बिक रहा था वो अब 145 लीटर मिल रहा है. ऐसे में एक साल के भीतर सरसों के तेल के दाम में 40 से 45 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि हुई है.
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दिसंबर 2019 में सरसों के तेल के टिन का रेट 1500 रुपए का था, वो दिसंबर 2020 में 2100 रुपए का हो गया था. वहीं अब जनवरी में आते-आते उसके दाम 2300 तक हो गए हैं. यानि इस समय सरसों के एक टिन की कीमत 2300 रुपए है. बात रिफाइंड की करें तो दिसंबर 2019 में रिफाइंड की टीन की कीमत 1350 रुपए था जो दिसंबर 2020 में 1750 रुपए में बिक रहा था. वहीं अब इसके दाम 1950 रुपए तक पहुंच गए हैं. बता दें कि एक टिन में 15 किलो का होता है.
हल्द्वानी मंडी के सबसे बड़े तेल व्यापारी विपिन अग्रवाल की मानें तो फसल नहीं होने के चलते खाद्य तेलों में वृद्धि देखी जा रही है. बताया जा रहा है कि मार्च और अप्रैल माह में नई सरसों की फसल आने के बाद तेल के दामों में गिरावट शुरू होगी, लेकिन वर्तमान समय में बाजार के हालात स्थिर हैं. रिफाइंड और सरसों के तेल में अभी भी दामों में वृद्धि की संभावना बनी हुई है.
दुकानदारों की मानें तो पहले ग्राहक रिफाइंड और सरसों के तेल की टिन की कीमत पूछता था लेकिन इस समय हालात ऐसे हो गए हैं कि लोग 1 लीटर तेल लेकर काम चला रहे हैं. दुकानदारों की मानें तो रेट में वृद्धि होने के चलते तेल की बिक्री में भी गिरावट देखी जा रही है, क्योंकि लोग अपने बजट के अनुसार तेल की खपत कर रहे हैं.