कालाढूंगी: नौला फाउंडेशन के लोग पर्वतीय इलाकों के गांव-गांव जाकर लोगों को जल संचय के बारे में जागरूक कर रहे हैं. नौला फाउंडेशन के प्रतिनिधि केसी भट्ट ने बताया कि नौला फाउंडेशन लोगों व क्षेत्र की समस्याओं को पता करने कोशिश में वे आए हैं. साथ ही उन्होंने कहा की लोगों के सहयोग के बिना कुछ भी सम्भव नहीं है. मानव का विकास जल, जंगल, जमीन से जुड़ा हुआ है ना कि जल, जंगल, जमीन का विकास मानव से.
बता दें कि नौला फाउंडेशन जल संचयन करने के उद्देश्य से बनाया गया फाउंडेशन है, जिसके तहत फाउंडेशन के लोग पर्वतीय इलाकों के गांव-गांव जाकर जल संचय के बारे मे जागरूक कर रहे हैं और पर्वतीय इलाकों में झरने, तालाब और गाड़, गेदेरे के पानी को संचय आगे आने वाली पीढ़ी को सुखमय भविष्य दिया जा सके.
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तेजी से बढ़ता जगंल सफारी व जंगल पर्यटन आज उन्हीं वनों व क्षेत्रीय जैव विविधता के लिये गंभीर खतरा बन गया है. पर्यटक अपने साथ प्लास्टिक कचरे को वहीं छोड़ जाते हैं, जिससे पर्यावरण के साथ वन सम्पदा, वन्य जीवों के साथ स्थानीय निवासियों पर भी असर आ चुका है जिसका परिणाम साल दर साल आता जायेगा . देश के इन्हीं वन अभयारण्यों में से हिमालय की तलहटी में बाघ व हाथियों के लिये प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट की जलीय पारिस्थितिकी व जैव विविधता से मानव वन्य जीव संघर्ष बढ़ता जायेगा.