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वन गुर्जरों को विस्थापित करने का मामला, 17 नवंबर तक हाईकोर्ट ने मांगी रिपोर्ट - वन गुर्जरों के संरक्षण एवं विस्थापन करने के मामले में दायर जनहित याचिकाओं

हाईकोर्ट ने उत्तराखंड में वन गुर्जरों के संरक्षण एवं विस्थापन करने के मामले में दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पुनर्गठित कमेटी से 17 नवंबर तक रिपोर्ट पेश करने को कहा है.

वन गुर्जरों को विस्थापित करने का मामला
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Published : Oct 23, 2021, 5:56 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट में उत्तराखंड में वन गुर्जरों के संरक्षण एवं विस्थापन करने के मामले में दायर जनहित याचिकाओं की सुनवाई हुई. मामले में हाईकोर्ट ने पुनर्गठित कमेटी से 17 नवंबर तक रिपोर्ट पेश करने को कहा है. कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद अगली सुनवाई हेतु 17 नवंबर की तारीख तय की है. साथ ही कोर्ट ने नई कमेटी को वन गुर्जरों से जुड़े सभी बिन्दुओं पर बिंदुवार रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए हैं.

मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान एवं एनएस धनिक की खंडपीठ में हुई. आज कोर्ट में एनजीओ थिंक एक्ट राइजिंग फाउंडेशन एवं हिमालयन युवा ग्रामीण की ओर से दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई हुई. पूर्व में कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिये थे कि वन गूर्जरों के मामले में कमेटी का पुर्नगठन कर अन्य सक्षम अधिकारियों को भी इस कमेटी में शामिल किया जाए. ताकि उनकी समस्याओं का पता चल सके. सरकार की तरफ से आज कोर्ट को अवगत कराया गया कि हाईकोर्ट के आदेश पर नई कमेटी गठित कर दी है.

ये भी पढ़ें: वन गुर्जरों को हटाए जाने पर नैनीताल हाईकोर्ट सख्त, 23 अक्टूबर को अगली सुनवाई

याचिकाकर्ताओं की ओर से दायर याचिकाओं में कहा गया है कि सरकार वन गुर्जरों को उनके परंपरागत हक-हकूकों से वंचित कर रही है. वन गुर्जर पिछले 150 सालों से वनों में रह रहे हैं और उन्हें हटाया जा रहा है. उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज किये जा रहे हैं. लिहाजा उनको सभी अधिकार देकर विस्थापित किया जाए.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट में उत्तराखंड में वन गुर्जरों के संरक्षण एवं विस्थापन करने के मामले में दायर जनहित याचिकाओं की सुनवाई हुई. मामले में हाईकोर्ट ने पुनर्गठित कमेटी से 17 नवंबर तक रिपोर्ट पेश करने को कहा है. कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद अगली सुनवाई हेतु 17 नवंबर की तारीख तय की है. साथ ही कोर्ट ने नई कमेटी को वन गुर्जरों से जुड़े सभी बिन्दुओं पर बिंदुवार रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए हैं.

मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान एवं एनएस धनिक की खंडपीठ में हुई. आज कोर्ट में एनजीओ थिंक एक्ट राइजिंग फाउंडेशन एवं हिमालयन युवा ग्रामीण की ओर से दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई हुई. पूर्व में कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिये थे कि वन गूर्जरों के मामले में कमेटी का पुर्नगठन कर अन्य सक्षम अधिकारियों को भी इस कमेटी में शामिल किया जाए. ताकि उनकी समस्याओं का पता चल सके. सरकार की तरफ से आज कोर्ट को अवगत कराया गया कि हाईकोर्ट के आदेश पर नई कमेटी गठित कर दी है.

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याचिकाकर्ताओं की ओर से दायर याचिकाओं में कहा गया है कि सरकार वन गुर्जरों को उनके परंपरागत हक-हकूकों से वंचित कर रही है. वन गुर्जर पिछले 150 सालों से वनों में रह रहे हैं और उन्हें हटाया जा रहा है. उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज किये जा रहे हैं. लिहाजा उनको सभी अधिकार देकर विस्थापित किया जाए.

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