रामनगर: सुंदरखाल गांव के सैकड़ों लोग सोमवार को पैदल मार्च निकालकर रामनगर तहसील कार्यलाय में पहुंचे. उन्होंने सुंदरखाल को राजस्व गांव घोषित करने की मांग उठाई है. उनका कहना है कि उन्हें मूलभूत सुविधाओं से दूर रखा गया है. ग्रामीणों ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि एक हफ्ते में उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वे आत्मदाह कर लेंगे. कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत रावत ने भी ग्रामीणों को अपना समर्थन दिया.
ग्रामीणों का कहना है कि हर बार चुनाव से पहले सभी पार्टियों के नेता उनके यहां आते हैं और कहते हैं कि वे वन ग्राम को राजस्व गांव घोषित करेंगे, लेकिन चुनाव के बाद कोई नेता उनके गांव में आता तक नहीं है. सुंदरखाल को राजस्व गांव बनाने को लेकर अभीतक कोई पहल नहीं हुई है. ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं और मांगों को लेकर तहसील प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भेजा.
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ग्रामीणों का कहना है कि मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित हैं. उनका कहना है कि वे हर बार यहां से अपना प्रतिनिधि चुनकर लोकसभा और विधानसभा में भेजते हैं, लेकिन वहां पर कोई भी उनका मुद्दा नहीं उठाता है. कांग्रेस नेता रणजीत सिंह रावत ने बताया कि पिछली सरकार ने वन ग्रामों को मूलभूत सुविधाएं देने संबंधित प्रस्ताव पारित करके भारत सरकार को भेजा है, लेकिन भारत सरकार ने उस पर अभीतक कोई एक्शन नहीं लिया.