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उत्तराखंड के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों ने बकाया भुगतान को लेकर हाई कोर्ट से लगाई गुहार

पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी और विजय बहुगुणा ने नैनीताल हाई कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की. जिसमें कहा है कि सरकार द्वारा किराया तय करने से पहले उनको कोई नोटिस नहीं दिया गया, लिहाजा मामले में फिर से सुनवाई की जाए. जानकारी के अनुसार सरकार ने 5 पूर्व मुख्यमंत्रियों पर 2 करोड़ 85 लाख रुपए की राशि बकाया होने की रिर्पोट कोर्ट में पेश की थी.

नैनीताल हाई कोर्ट
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Published : Jun 13, 2019, 8:03 PM IST

नैनीताल: प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों द्वारा 6 माह के भीतर सरकारी घर का किराया जमा कराने का मामला एक बार फिर नैनीताल हाई कोर्ट पहुंच गया है. पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी और विजय बहुगुणा ने नैनीताल हाई कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ से मामले में फिर से विचार करने की मांग की है.

अधिवक्ता कार्तिके हरी गुप्ता.

बता दें कि नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश नारायण सिंह धनिक की खंडपीठ ने प्रदेश के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों से 6 माह के अंदर बाजार दर से सरकारी घर का किराया जमा कराने के आदेश दिए थे. साथ ही कोर्ट ने सरकार से 4 माह के भीतर अन्य खर्चे जैसे बिजली-पानी, गनर, टेलिफोन, पेट्रोल सहित अन्य सभी खर्चों की गणना करके 4 माह के भीतर वसूलने के आदेश दिए थे. वहीं कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत नारायण दत्त तिवारी के मामले में कहा था कि सरकार चाहे तो उनकी संपत्ति से किराया वसूल कर सकती है.

पढे़ं- उत्तराखंड में रोजगार की दशा सुधारने के लिए इस परियोजना से जुड़े सीएम, बेरोजगार युवाओं को होगा फायदा

कोर्ट के इस फैसले के बाद दोनों पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी और विजय बहुगुणा ने नैनीताल हाई कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की. जिसमें कहा है कि सरकार द्वारा किराया तय करने से पहले उनको कोई नोटिस नहीं दिया गया, लिहाजा मामले में फिर से सुनवाई की जाए. जानकारी के अनुसार सरकार ने 5 पूर्व मुख्यमंत्रियों पर 2 करोड़ 85 लाख रुपए की राशि बकाया होने की रिर्पोट कोर्ट में पेश की थी.

इतना है बकाया
पूर्व मुख्‍यमंत्री निशंक पर 40 लाख 95 हजार रुपये
पूर्व मुख्‍यमंत्री बीसी खंडूरी पर 46 लाख 59 हजार रुपये
पूर्व मुख्‍यमंत्री विजय बहुगुणा पर 37 लाख 50 हजार रुपये
पूर्व मुख्‍यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी पर 47 लाख 57 हजार रुपए
पूर्व मुख्‍यमंत्री दिवंगत एनडी तिवारी के नाम पर एक करोड़ 13 लाख रुपए की राशि बकाया है.

बता दें कि देहरादून की रूलर लिटिगेशन संस्था ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें कहा गया था कि प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकार द्वारा जो सरकारी भवन और सुविधाएं दी जा रही हैं, वे गलत हैं. इसके साथ ही सरकारी भवन का प्रयोग कर रहे पूर्व मुख्यमंत्रियों से किराया वसूलने की मांग भी की गई है.

नैनीताल: प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों द्वारा 6 माह के भीतर सरकारी घर का किराया जमा कराने का मामला एक बार फिर नैनीताल हाई कोर्ट पहुंच गया है. पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी और विजय बहुगुणा ने नैनीताल हाई कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ से मामले में फिर से विचार करने की मांग की है.

अधिवक्ता कार्तिके हरी गुप्ता.

बता दें कि नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश नारायण सिंह धनिक की खंडपीठ ने प्रदेश के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों से 6 माह के अंदर बाजार दर से सरकारी घर का किराया जमा कराने के आदेश दिए थे. साथ ही कोर्ट ने सरकार से 4 माह के भीतर अन्य खर्चे जैसे बिजली-पानी, गनर, टेलिफोन, पेट्रोल सहित अन्य सभी खर्चों की गणना करके 4 माह के भीतर वसूलने के आदेश दिए थे. वहीं कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत नारायण दत्त तिवारी के मामले में कहा था कि सरकार चाहे तो उनकी संपत्ति से किराया वसूल कर सकती है.

पढे़ं- उत्तराखंड में रोजगार की दशा सुधारने के लिए इस परियोजना से जुड़े सीएम, बेरोजगार युवाओं को होगा फायदा

कोर्ट के इस फैसले के बाद दोनों पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी और विजय बहुगुणा ने नैनीताल हाई कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की. जिसमें कहा है कि सरकार द्वारा किराया तय करने से पहले उनको कोई नोटिस नहीं दिया गया, लिहाजा मामले में फिर से सुनवाई की जाए. जानकारी के अनुसार सरकार ने 5 पूर्व मुख्यमंत्रियों पर 2 करोड़ 85 लाख रुपए की राशि बकाया होने की रिर्पोट कोर्ट में पेश की थी.

इतना है बकाया
पूर्व मुख्‍यमंत्री निशंक पर 40 लाख 95 हजार रुपये
पूर्व मुख्‍यमंत्री बीसी खंडूरी पर 46 लाख 59 हजार रुपये
पूर्व मुख्‍यमंत्री विजय बहुगुणा पर 37 लाख 50 हजार रुपये
पूर्व मुख्‍यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी पर 47 लाख 57 हजार रुपए
पूर्व मुख्‍यमंत्री दिवंगत एनडी तिवारी के नाम पर एक करोड़ 13 लाख रुपए की राशि बकाया है.

बता दें कि देहरादून की रूलर लिटिगेशन संस्था ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें कहा गया था कि प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकार द्वारा जो सरकारी भवन और सुविधाएं दी जा रही हैं, वे गलत हैं. इसके साथ ही सरकारी भवन का प्रयोग कर रहे पूर्व मुख्यमंत्रियों से किराया वसूलने की मांग भी की गई है.

Intro:स्लग- पुनः विचार याचिका

रिपोर्ट- गौरव जोशी

स्थान-नैनीताल

एंकर- प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों को 6 माह के भीतर सरकारी घर का किराया समेत अन्य सुविधाओं का किराया जमा कराने के मामला एक बार फिर से नैनीताल हाईकोर्ट की शरण में पहुंच गया है,,, पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी और विजय बहुगुणा ने नैनीताल हाई कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ से मामले में फिर से विचार करने की मांग की है।


Body:आपको बता दें कि नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश नारायण सिंह धनिक की खंडपीठ ने पूर्व प्रदेश के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों से 6 माह के अंदर बाजार दर से सरकारी घर का किराया जमा कराने के आदेश दिए थे साथ ही कोर्ट ने सरकार से 4 माह के भीतर अन्य खर्चे बिजली-पानी, गनर, टेलिफोन, पेट्रोल सहित अन्य सभी खर्चों की गणना करके 4 माह के भीतर वसूलने के आदेश दिए थे,,,
वहीं कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय नारायण दत्त तिवारी के मामले में कहा था कि सरकार चाहे तो उनकी संपत्ति से किराया वसूल कर सकती है।
कोर्ट के इस फैसले के बाद दोनों पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी और विजय बहुगुणा ने नैनीताल हाई कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की जिसमें कहा है कि सरकार द्वारा किराया तय करने से पहले उनको कोई नोटिस नहीं दिया गया लिहाजा मामले में फिर से सुनवाई की जाए।



Conclusion:पूर्व में सरकार ने 5 पूर्व मुख्यमंत्रीयो पर 2 करोड़ 85 लाख रुपए की राशि बकाया होने की रिर्पोट कोर्ट में पेश करी,,, जिसमें सरकार ने बताया की पूर्व सीएम निशंक पर 40 लाख 95 हजार, 

बीसी खण्डूरी पर 46 लाख 59 हजार, 

विजय बहुगुणा पर 37 लाख 50 हजार, 

भगत सिंह कोश्यारी पर 47 लाख 57 हजार रुपए बकाया हैं,,,

जबकी पूर्व मुख्‍यमंत्री स्व. एनडी तिवारी के नाम पर एक करोड़ 13 लाख रुपए की राशि बकाया है,,,

अपाको बता दे कि नैनीताल हाईकोर्ट में देहरादून की रूरल लिटिगेशन संस्था ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि प्रदेश में पुर्व मुख्यमंत्रीयो को सरकार द्धारा जो सरकारी भवन और सुविधाए दी जा रही है वो गलत है साथ ही जब से पुर्व मुख्यमंत्री सरकारी भवन का प्रयोग कर रहे है उनसे उक्त अवधि के दौरान का किराया वसूलने की मांग भी की गई है.

बाईट- कार्तिके हरी गुप्ता, अधिवक्ता याचिकाकर्ता।
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