नैनीतालः द्वाराहाट विधायक महेश नेगी पर महिला द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के मामले में नैनीताल हाई कोर्ट के न्यायाधीश नारायण सिंह धनिक की खंडपीठ ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया है. अब इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट की कोई दूसरी बेंच करेगी. वहीं, विधायक के डीएनए टेस्ट पर लगी रोक का आदेश भी अगली डेट तक बरकरार रहेगा.
बता दें कि देहरादून के निचली अदालत ने यौन उत्पीड़न मामले पर विधायक महेश नेगी का डीएनए सैंपल देने के आदेश दिए थे. निचली अदालत के इस आदेश को महेश नेगी ने नैनीताल हाईकोर्ट में चुनौती दी. पिछली सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के न्यायाधीश नारायण सिंह धनिक की एकल पीठ ने अग्रिम आदेशों तक देहरादून की निचली अदालत के आदेश पर रोक लगा दी है.
साथ ही कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार समेत आरोप लगाने वाली महिला को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. आज मामले में अहम सुनवाई होनी थी, लेकिन हाई कोर्ट के न्यायाधीश की नारायण सिंह धनिक की एकल पीठ ने सुनवाई करने से इंकार कर दिया और याचिका को किसी दूसरी बेंच को हस्तांतरित कर दिया. अब हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश किसी दूसरे बेंच को इस याचिका को सुनने के लिए नामित करेंगे.
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जानिए पूरा मामला
6 दिसंबर 2020 को देहरादून की नेहरू कॉलोनी की एक महिला ने विधायक महेश नेगी और उनकी पत्नी के खिलाफ प्रार्थना पत्र देकर कहा था कि विधायक महेश नेगी ने उनका यौन शोषण किया है और विधायक समेत उनकी पत्नी अब उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहे हैं. जिसके बाद महिला के प्रार्थना पत्र के आधार पर देहरादून में मुकदमा दर्ज किया गया.
हाई कोर्ट पहुंची युवती का कहना था कि विधायक सत्ताधारी पार्टी के हैं. जिस वजह से मामले की जांच को प्रभावित किया जा रहा है और सरकार द्वारा दो बार जांच अधिकारी बदल दिए गए हैं. लिहाजा मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए.
वहीं, दूसरी ओर विधायक महेश नेगी ने अपने और पत्नी के ऊपर दायर एफआईआर को रद्द करने के लिए नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसमें कहा गया कि महिला उन्हें जबरन दुष्कर्म के मामले में फंसा रही है. साथ ही महिला पर ब्लैकमेल की आड़ में 5 करोड़ की फिरौती मांग का आरोप लगाया.
इसकी एफआईआर उनके द्वारा देहरादून के नेहरू कॉलोनी थाने में दर्ज करवाई गई. इसके बाद फिरौती मांगने व दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला ने भी विधायक और उनकी पत्नी के खिलाफ क्रॉस एफआईआर लिखवाई है. लिहाजा विधायक और उनकी पत्नी के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर को निरस्त किया जाए.