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स्लाटर हाउस निर्माण पर सख्त HC, 8 साल बाद भी अधर में लटका मामला

प्रदेश में बीते लंबे समय से बंद पड़े स्लाटर हाउस स्लाटर को लेकर हाईकोर्ट ने नैनीताल और रामनगर नगर पालिका से एक हफ्ते के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

नैनीताल उच्च न्यायालय
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Published : Mar 21, 2019, 2:16 AM IST

Updated : Mar 22, 2019, 5:58 PM IST

नैनीतालः प्रदेश में बीते लंबे समय से बंद पड़े स्लाटर हाउस के मामले में हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. इसी के तहत हाई कोर्ट ने स्लॉटर हाउस के निर्माण को लेकर नैनीताल और रामनगर नगर पालिका से जवाब मांगा है. हाई कोर्ट ने नैनीताल और रामनगर के ईओ को शपथ पत्र पेश कर एक हफ्ते के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.


गौर हो कि नैनीताल हाई कोर्ट की एकल पीठ ने प्रदेश के सभी अवैध स्लाटर हाउसों को बंद करने और मीट कारोबरियों से खुले में मीट का कारोबार न करने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद से पूरे प्रदेश में स्लाटर हाउस बंद हैं. वहीं, कोर्ट के इस आदेश के बाद मीट कारोबरियों ने नैनीताल हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर हाई कोर्ट ने बीते 9 दिसंबर 2011 को एक आदेश जारी कर प्रदेश में सरकार को मानक के अनुसार स्लाटर हाउस बनाने को कहा था, लेकिन कोर्ट के आदेश के 8 साल बीत जाने के बाद भी स्लाटर हाउस बनाने के आदेश का पालन नहीं किया गया, जिसकी वजह से स्लाटर हाउस का मामला अधर में है.


मामले को लेकर बुधवार को सुनवाई हुई. इस दौरान नैनीताल नगर पालिका के ईओ ने स्लाटर हाउस निर्माण को लेकर आचार संहिता का हवाला दिया साथ ही कहा कि प्रदेश में आचार संहिता लागू है, जिस वजह से वो इस मामले में कार्रवाई नहीं कर सकते हैं. हाई कोर्ट ने स्लाटर हाउस के निर्माण में हो रही देरी को लेकर नाराजगी जताई. कोर्ट ने बीते 2011 के आदेश का पालन ना करने के मामले में नगर पालिका ईओ के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई करने की बात कही है.


वहीं, दूसरी ओर रामनगर नगर पालिका ने कोर्ट में बताया कि उन्होंने स्लाटर हाउस के लिए DPR तैयार कर ली है. साथ ही कहा कि स्लॉटर हाउस निर्माण के लिए राज्य सरकार से साढ़े चार करोड़ रुपये की मांग की गई है. जिससे स्लॉटर हाउस बनाया जा सके. इस पर कोर्ट ने आपत्ति जताते हुए कहा कि स्लॉटर हाउस बनाना नगर पालिका का दायित्व है. नगर पालिका इन व्यवसायियों से टैक्स लेती रही है. लिहाजा नगर पालिका ही अपने शहरों में स्लॉटर हाउस का निर्माण करें. साथ ही एक सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिये हैं.

नैनीतालः प्रदेश में बीते लंबे समय से बंद पड़े स्लाटर हाउस के मामले में हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. इसी के तहत हाई कोर्ट ने स्लॉटर हाउस के निर्माण को लेकर नैनीताल और रामनगर नगर पालिका से जवाब मांगा है. हाई कोर्ट ने नैनीताल और रामनगर के ईओ को शपथ पत्र पेश कर एक हफ्ते के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.


गौर हो कि नैनीताल हाई कोर्ट की एकल पीठ ने प्रदेश के सभी अवैध स्लाटर हाउसों को बंद करने और मीट कारोबरियों से खुले में मीट का कारोबार न करने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद से पूरे प्रदेश में स्लाटर हाउस बंद हैं. वहीं, कोर्ट के इस आदेश के बाद मीट कारोबरियों ने नैनीताल हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर हाई कोर्ट ने बीते 9 दिसंबर 2011 को एक आदेश जारी कर प्रदेश में सरकार को मानक के अनुसार स्लाटर हाउस बनाने को कहा था, लेकिन कोर्ट के आदेश के 8 साल बीत जाने के बाद भी स्लाटर हाउस बनाने के आदेश का पालन नहीं किया गया, जिसकी वजह से स्लाटर हाउस का मामला अधर में है.


मामले को लेकर बुधवार को सुनवाई हुई. इस दौरान नैनीताल नगर पालिका के ईओ ने स्लाटर हाउस निर्माण को लेकर आचार संहिता का हवाला दिया साथ ही कहा कि प्रदेश में आचार संहिता लागू है, जिस वजह से वो इस मामले में कार्रवाई नहीं कर सकते हैं. हाई कोर्ट ने स्लाटर हाउस के निर्माण में हो रही देरी को लेकर नाराजगी जताई. कोर्ट ने बीते 2011 के आदेश का पालन ना करने के मामले में नगर पालिका ईओ के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई करने की बात कही है.


वहीं, दूसरी ओर रामनगर नगर पालिका ने कोर्ट में बताया कि उन्होंने स्लाटर हाउस के लिए DPR तैयार कर ली है. साथ ही कहा कि स्लॉटर हाउस निर्माण के लिए राज्य सरकार से साढ़े चार करोड़ रुपये की मांग की गई है. जिससे स्लॉटर हाउस बनाया जा सके. इस पर कोर्ट ने आपत्ति जताते हुए कहा कि स्लॉटर हाउस बनाना नगर पालिका का दायित्व है. नगर पालिका इन व्यवसायियों से टैक्स लेती रही है. लिहाजा नगर पालिका ही अपने शहरों में स्लॉटर हाउस का निर्माण करें. साथ ही एक सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिये हैं.

Intro:स्लग- स्लॉटर हाउस

रिपोर्ट- गौरव जोशी

स्थान - नैनीताल

एंकर- प्रदेश में लंबे समय से बंद स्लॉटर हाउस के मामले में हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए नैनीताल नगर पालिका और राम नगर नगर पालिका को आदेश दिए हैं कि वह 1 सप्ताह के भीतर स्लॉटर हाउस के निर्माण को लेकर विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें ताकि प्रदेश में स्लॉटर हाउस का निर्माण हो सके,,,
वहीं कोर्ट ने नगर पालिका नैनीताल और रामनगर के ई ओ (Excutive officer) को शपथ पत्र पेश कर 1 सप्ताह के भीतर जवाब देने के भी आदेश दिया है,,,,


Body:वहीं स्लॉटर हाउसो के निर्माण में हो रही देरी को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट ने नाराजगी भी व्यक्ति करी वहीं नैनीताल नगर पालिका के योग के द्वारा स्लॉटर हाउस निर्माण को लेकर आचार संहिता का हवाला दिया और कहा कि प्रदेश में आचार संहिता लागू है जिस वजह से वह इस मामले में कार्रवाई नहीं कर सकते मामले पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कोर्ट नेकहा की क्यों ना 2011के आदेश का पालन ना करने के मामले मे नगर पालिका ईओ के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की जाए,,,
वही वहीं नगर पालिका रामनगर द्वारा कोर्ट को बताया गया कि उनके द्वारा स्लॉटर हाउस के लिए DPR बना दी गई है और स्लॉटर हाउस निर्माण के लिए राज्य सरकार से 4 किलो 5000000 रुपए की मांग की गई है ताकि स्लॉटर हाउस बन सके वहीं कोर्ट ने आपत्ति जताते हुए कहा कि स्लॉटर हाउस बनाना नगर पालिका का दायित्व है ना कि राज्य सरकार का क्योंकि अब तक नगर पालिका इन व्यवसायियों से टैक्स लेती रही है लिहाजा नगर पालिका ही अपने शहरों में वॉटर हाउस का निर्माण करें वहीं कोर्ट में राज्य सरकार को यह छोड़ दी है की अगर राज्य सरकार चाहे तो वह स्लॉटर हाउस के निर्माण के लिए नगर पालिकाओं को पैसा दे सकती है



Conclusion:आपको बता दे की पुर्व मे नैनीताल हाई कोर्ट की एकल पीठ ने प्रदेश के सभी अवेध स्लाटर हाऊसो को बन्द करने के आदेश दिये थे ओर कहा था की खुले मे किसी भी प्रकार से जानवर ना काटे जाए,,,जिसके बाद से पुरे प्रदेश मे स्लाटर हाऊस बन्द है,,,कोर्ट के इस आदेश को मीट करोबरियो ने नैनीताल हाई कोर्ट मे चुनौती दी जिसमे कहा की पुर्व मे हाई कोर्ट ने 9दिसंबर 2011को एक आदेश जारी कर प्रदेश मे सरकार को मानक के अनुसार स्लाटर हाऊस बनने के आदेश दिये थे,,लेकिन कोर्ट के आदेश के 8साल बाद भी स्लाटर हाऊस बनाने के आदेश का पालन नही करा गया,,,जिस वझह से स्लाटर हाऊस का मामला अधर मे है,,,लिहाजा कोर्ट के आदेश का पालन ना करने वाले अधिकारी के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की जाए,,,
Last Updated : Mar 22, 2019, 5:58 PM IST
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