नैनीतालः प्रदेश में बीते लंबे समय से बंद पड़े स्लाटर हाउस के मामले में हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. इसी के तहत हाई कोर्ट ने स्लॉटर हाउस के निर्माण को लेकर नैनीताल और रामनगर नगर पालिका से जवाब मांगा है. हाई कोर्ट ने नैनीताल और रामनगर के ईओ को शपथ पत्र पेश कर एक हफ्ते के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.
गौर हो कि नैनीताल हाई कोर्ट की एकल पीठ ने प्रदेश के सभी अवैध स्लाटर हाउसों को बंद करने और मीट कारोबरियों से खुले में मीट का कारोबार न करने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद से पूरे प्रदेश में स्लाटर हाउस बंद हैं. वहीं, कोर्ट के इस आदेश के बाद मीट कारोबरियों ने नैनीताल हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर हाई कोर्ट ने बीते 9 दिसंबर 2011 को एक आदेश जारी कर प्रदेश में सरकार को मानक के अनुसार स्लाटर हाउस बनाने को कहा था, लेकिन कोर्ट के आदेश के 8 साल बीत जाने के बाद भी स्लाटर हाउस बनाने के आदेश का पालन नहीं किया गया, जिसकी वजह से स्लाटर हाउस का मामला अधर में है.
मामले को लेकर बुधवार को सुनवाई हुई. इस दौरान नैनीताल नगर पालिका के ईओ ने स्लाटर हाउस निर्माण को लेकर आचार संहिता का हवाला दिया साथ ही कहा कि प्रदेश में आचार संहिता लागू है, जिस वजह से वो इस मामले में कार्रवाई नहीं कर सकते हैं. हाई कोर्ट ने स्लाटर हाउस के निर्माण में हो रही देरी को लेकर नाराजगी जताई. कोर्ट ने बीते 2011 के आदेश का पालन ना करने के मामले में नगर पालिका ईओ के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई करने की बात कही है.
वहीं, दूसरी ओर रामनगर नगर पालिका ने कोर्ट में बताया कि उन्होंने स्लाटर हाउस के लिए DPR तैयार कर ली है. साथ ही कहा कि स्लॉटर हाउस निर्माण के लिए राज्य सरकार से साढ़े चार करोड़ रुपये की मांग की गई है. जिससे स्लॉटर हाउस बनाया जा सके. इस पर कोर्ट ने आपत्ति जताते हुए कहा कि स्लॉटर हाउस बनाना नगर पालिका का दायित्व है. नगर पालिका इन व्यवसायियों से टैक्स लेती रही है. लिहाजा नगर पालिका ही अपने शहरों में स्लॉटर हाउस का निर्माण करें. साथ ही एक सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिये हैं.