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NCC प्रशिक्षण संस्थान पौड़ी शिफ्ट करने पर हाईकोर्ट सख्त, CM को पक्षकार बनाकर मांगा जवाब

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Published : Sep 19, 2019, 8:47 AM IST

एनसीसी प्रशिक्षण संस्थान टिहरी गढ़वाल के देवप्रयाग में मालड़ा के बजाय पौड़ी गढ़वाल में स्थापित करने का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है.

हाईकोर्ट

नैनीतालः एनसीसी प्रशिक्षण संस्थान को टिहरी के देवप्रयाग से पौड़ी गढ़वाल शिफ्ट करने का मामला नैनीताल हाईकोर्ट की शरण में पहुंच गया है. मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. एनसीसी प्रशिक्षण संस्थान टिहरी गढ़वाल के देवप्रयाग में मालड़ा के बजाय पौड़ी गढ़वाल में स्थापित करने पर नैनीताल हाईकोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की है. कोर्ट ने राज्य व केंद्र सरकार को 4 सप्ताह में जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं. याचिका में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को भी पक्षकार बनाया गया है.

आपको बता दें कि टिहरी गढ़वाल के हिंडोलाखाल निवासी गबर सिंह बंगारी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि 2014-15 में पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में देवप्रयाग के मालड़ा में एनसीसी प्रशिक्षण संस्थान का शिलान्यास किया गया था.

यह भी पढ़ेंः उत्तराखंड में महंगा हुआ सरकारी इलाज, जानिए अब कितना देना होगा शुल्क

इसके लिए भूमि को ग्रामीणों द्वारा दान में दिया गया, जिसकी डीपीआर भी बन चुकी थी, मगर विभागीय अधिकारियों की लापरवाही की वजह से भूमि हस्तांतरित नहीं हो सकी. वर्तमान सरकार द्वारा प्रशिक्षण संस्थान को वहां से हटाकर पौड़ी गढ़वाल में बनाने का फैसला किया गया है, जिसके लिए सरकार ने शिलान्यास भी कर दिया है. याचिकाकर्ता के अनुसार पौड़ी मुख्यमंत्री का गृह जनपद है. इसलिए उनके द्वारा पौड़ी में शिलान्यास किया गया. याचिका में मुख्यमंत्री को पक्षकार बनाया गया है.

नैनीतालः एनसीसी प्रशिक्षण संस्थान को टिहरी के देवप्रयाग से पौड़ी गढ़वाल शिफ्ट करने का मामला नैनीताल हाईकोर्ट की शरण में पहुंच गया है. मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. एनसीसी प्रशिक्षण संस्थान टिहरी गढ़वाल के देवप्रयाग में मालड़ा के बजाय पौड़ी गढ़वाल में स्थापित करने पर नैनीताल हाईकोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की है. कोर्ट ने राज्य व केंद्र सरकार को 4 सप्ताह में जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं. याचिका में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को भी पक्षकार बनाया गया है.

आपको बता दें कि टिहरी गढ़वाल के हिंडोलाखाल निवासी गबर सिंह बंगारी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि 2014-15 में पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में देवप्रयाग के मालड़ा में एनसीसी प्रशिक्षण संस्थान का शिलान्यास किया गया था.

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इसके लिए भूमि को ग्रामीणों द्वारा दान में दिया गया, जिसकी डीपीआर भी बन चुकी थी, मगर विभागीय अधिकारियों की लापरवाही की वजह से भूमि हस्तांतरित नहीं हो सकी. वर्तमान सरकार द्वारा प्रशिक्षण संस्थान को वहां से हटाकर पौड़ी गढ़वाल में बनाने का फैसला किया गया है, जिसके लिए सरकार ने शिलान्यास भी कर दिया है. याचिकाकर्ता के अनुसार पौड़ी मुख्यमंत्री का गृह जनपद है. इसलिए उनके द्वारा पौड़ी में शिलान्यास किया गया. याचिका में मुख्यमंत्री को पक्षकार बनाया गया है.

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एनसीसी प्रशिक्षण संस्थान को टिहरी के देवप्रयाग से पौड़ी गढ़वाल शिफ्ट करने का मामला नैनीताल हाईकोर्ट की शरण में पहुंच गया है मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं।

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एनसीसी प्रशिक्षण संस्थान टिहरी गढ़वाल के देवप्रयाग में मालड़ा के बजाय पौड़ी गढ़वाल में स्थापित करने नैनीताल हाईकोर्ट नाराजी व्यक्त करते हुए राज्य व केंद्र सरकार को 4 सप्ताह में जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं, याचिका में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को भी पक्षकार बनाया गया है।

Body:आपको बता दें कि टिहरी गढ़वाल के हिंडोलाखाल निवासी गबर सिंह बंगारी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि 2014-15 में पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में देवप्रयाग के मालड़ा में एनसीसी प्रशिक्षण संस्थान का शिलान्यास किया गया था, इसके लिए भूमि को ग्रामीणों द्वारा दान में दिया गया, जिसकी डीपीआर भी बन चुकी थी मगर विभागीय अधिकारियों की लापरवाही की वजह से भूमि हस्तांतरित नहीं हो सकी। Conclusion:वर्तमान सरकार द्वारा प्रशिक्षण संस्थान को वहां से हटाकर पौड़ी गढ़वाल में बनाने का फैसला करा है , जिसके लिए सरकार ने शिलान्यास भी कर दिया गया है। याचिकाकर्ता के अनुसार पौड़ी मुख्यमंत्री का गृह जनपद है, इसलिए उनके द्वारा पौड़ी में शिलान्यास किया, याचिका में मुख्यमंत्री को पक्षकार बनाया गया है।

बाईट- एम सी पंत, अधिवक्ता याचिकाकर्ता।
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