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प्लाई फैक्ट्री को जंगलों के पास पुनर्स्थापित करने पर हाई कोर्ट सख्त, सरकार से मांगा जवाब

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Published : Nov 15, 2019, 11:52 PM IST

हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने नियम विरुद्ध तरीके से जंगल के पास पुनर्स्थापित करने पर सभी 6 प्लाईवुड कंपनियों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार से भी पूरे मामले में अपना विस्तृत जवाब 4 हफ्ते के भीतर पेश करने को कहा है.

नैनीताल हाई कोर्ट

नैनीतालः उत्तराखंड में प्लाईवुड फैक्ट्री को नियम विरुद्ध तरीके से जंगल के पास पुनर्स्थापित करने के मामले पर हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने 6 प्लाईवुड कंपनियों को नोटिस जारी कर 4 हफ्ते के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. वहीं, कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार को भी जवाब पेश करने को कहा है.

बता दें कि, रामनगर निवासी रजनी शर्मा ने नैनीताल हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर राज्य सरकार से जारी बीते 27 दिसंबर 2017 के उस शासन आदेश को चुनौती दी है. जिसमें कहा गया कि राज्य सरकार के द्वारा राज्य स्तरीय समिति में प्लाईवुड आधारित उद्योग के संबंध में कार्य किए जाते हैं. साथ ही कुछ प्लाईवुड कंपनियों की क्षमता बढ़ाने और उन्हें जंगल के पास स्थापित करने का फैसला लिया गया था.

जानकारी देते याचिकाकर्ता के अधिवक्ता जितेंद चौधरी.

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इतना ही नहीं राज्य सरकार ने कुछ फैक्ट्रियों के पुनः स्थापित करने के दौरान प्लाईवुड कंपनियों को जंगल से 10 किलोमीटर की दूरी में नगर पालिका की सीमा के अंदर स्थापित करने का आदेश दिया था. जिसे लेकर याचिकाकर्ता ने सरकार के इस आदेश को चुनौती दी है.

याचिकाकर्ता का कहना है कि राज्य सरकार का यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के आदेश टीएन गौड़ाबर्मन के खिलाफ है. क्योंकि, सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में आदेश दिए थे कि वन क्षेत्र से 10 किलोमीटर की दूरी पर कोई भी फैक्ट्री ना तो स्थापित और ना ही पुनः स्थापित की जाएगी.

ये भी पढे़ंः जेपी नड्डा की अध्यक्षता में हुई बीजेपी कार्यकारिणी की बैठक, कई अहम मुद्दों पर चर्चा

इसी कड़ी में मामले में सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने सभी 6 प्लाईवुड कंपनियों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार से भी पूरे मामले में अपना विस्तृत जवाब 4 हफ्ते के भीतर पेश करने को कहा है.

नैनीतालः उत्तराखंड में प्लाईवुड फैक्ट्री को नियम विरुद्ध तरीके से जंगल के पास पुनर्स्थापित करने के मामले पर हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने 6 प्लाईवुड कंपनियों को नोटिस जारी कर 4 हफ्ते के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. वहीं, कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार को भी जवाब पेश करने को कहा है.

बता दें कि, रामनगर निवासी रजनी शर्मा ने नैनीताल हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर राज्य सरकार से जारी बीते 27 दिसंबर 2017 के उस शासन आदेश को चुनौती दी है. जिसमें कहा गया कि राज्य सरकार के द्वारा राज्य स्तरीय समिति में प्लाईवुड आधारित उद्योग के संबंध में कार्य किए जाते हैं. साथ ही कुछ प्लाईवुड कंपनियों की क्षमता बढ़ाने और उन्हें जंगल के पास स्थापित करने का फैसला लिया गया था.

जानकारी देते याचिकाकर्ता के अधिवक्ता जितेंद चौधरी.

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इतना ही नहीं राज्य सरकार ने कुछ फैक्ट्रियों के पुनः स्थापित करने के दौरान प्लाईवुड कंपनियों को जंगल से 10 किलोमीटर की दूरी में नगर पालिका की सीमा के अंदर स्थापित करने का आदेश दिया था. जिसे लेकर याचिकाकर्ता ने सरकार के इस आदेश को चुनौती दी है.

याचिकाकर्ता का कहना है कि राज्य सरकार का यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के आदेश टीएन गौड़ाबर्मन के खिलाफ है. क्योंकि, सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में आदेश दिए थे कि वन क्षेत्र से 10 किलोमीटर की दूरी पर कोई भी फैक्ट्री ना तो स्थापित और ना ही पुनः स्थापित की जाएगी.

ये भी पढे़ंः जेपी नड्डा की अध्यक्षता में हुई बीजेपी कार्यकारिणी की बैठक, कई अहम मुद्दों पर चर्चा

इसी कड़ी में मामले में सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने सभी 6 प्लाईवुड कंपनियों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार से भी पूरे मामले में अपना विस्तृत जवाब 4 हफ्ते के भीतर पेश करने को कहा है.

Intro:Summry

प्लाई फैक्ट्रियों को जंगल के पास पुनर्स्थापित करने का मामला पहुंचा हाई कोर्ट।

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नैनीताल हाईकोर्ट ने प्रदेश में प्लाईवुड फैक्ट्री को नियम विरुद्ध तरीके से जंगल के पास पुनर्स्थापित करने के मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए 6 प्लाईवुड कंपनियों को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं वहीं कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार को भी जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं।


Body:आपको बता दें कि रामनगर निवासी रजनी शर्मा ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर राज्य सरकार द्वारा जारी 27 दिसंबर 2017 के उस शासन आदेश को चुनौती दी है जिसमें राज्य सरकार द्वारा राज्य स्तरीय समिति जिस में प्रकाशित आधारित उद्योग के संबंध में कार्य किए जाते हैं उन्हें पुनः स्थापित करने के लिए कुछ प्लाईवुड कंपनियों की क्षमता वृद्धि करने और उनको जंगल के पास स्थापित करने का फैसला लिया था, जिसमे
सरकार द्वारा कुछ फैक्ट्रीयो को पुनः स्थापित करने के दौरान प्लाईवुड कंपनियों को जंगल से 10 किलोमीटर की दूरी में नगर पालिका की सीमा के अंदर स्थापित करने का राज्य सरकार द्वारा आदेश दिया गया था इसी को लेकर याचिकाकर्ता ने सरकार के इस आदेश को चुनौती दी है, याचिकाकर्ता का कहना है कि राज्य सरकार का यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के आदेश टी एंन गौड़ाबर्मन के खिलाफ है, क्यों की सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में आदेश दिए थे की वन क्षेत्र से 10 किलोमीटर की दूरी पर कोई भी फैक्ट्री ना तो स्थापित की जाएगी और ना ही पुनः स्थापित की जाएंगी।


Conclusion:आज मामले में सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने सभी 6 प्लाईवुड कंपनियों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं,और कोर्ट ने राज्य सरकार से भी पूरे मामले पर अपना विस्तृत जवाब 4 सप्तहा में पेश करने के आदेश दिए है।

बाईट- जितेंद चौधरी, अधिवक्ता याचिकाकर्ता।
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