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उत्तराखंड में पट्टे की भूमि को भू-माफियाओं की ओर से बेचे जाने पर HC सख्त, सरकार से मांगा जवाब

देहरादून निवासी सुरभि सक्सेना की ओर से उत्तराखंड में पट्टे की सरकारी कृषि भूमि को अकृषि भूमि दिखाकर भू-माफिया द्वारा बेचे जाने वाले याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. जिस पर कोर्ट ने राज्य सरकार से दो हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है.

nainital high court
नैनीताल हाईकोर्ट
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Published : Mar 3, 2020, 8:39 PM IST

नैनीतालः उत्तराखंड में पट्टे की सरकारी कृषि भूमि को अकृषि भूमि दिखाकर भू-माफिया द्वारा बेचे जाने पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार को दो हफ्ते के भीतर विस्तृत जवाब शपथ पत्र के जरिए पेश करने के आदेश दिए हैं. वहीं, अब मामले की अगली सुनवाई आगामी 24 मार्च को होगी.

बता दें कि, देहरादून निवासी सुरभि सक्सेना ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार ने साल 2012 से अब तक सरकारी आदेश जारी कर पट्टे की भूमि खेती के लिए बड़े पैमाने पर दी गई, लेकिन कई स्थानों पर पट्टेदारों ने भूमि अपने नाम पर करवाकर सरकारी भूमि का दुरुपयोग किया है. इतना ही नहीं कई जगहों पर तो जमीन भी बेच दी गई है.

जानकारी देते अधिवक्ता याचिकाकर्ता कार्तिके हरि गुप्ता.

ये भी पढ़ेंः शिक्षा मंत्री का बड़ा बयान, गैरसैंण को स्थायी राजधानी पर दिया अपना समर्थन

साथ ही कहा है कि राज्य सरकार के द्वारा इन कब्जेदारों से साल 2000 के आधार पर सर्किल रेट लिए गए, जो गलत है. लिहाजा सरकार की ओर से की जा रही भूमि हस्तांतरण पर रोक लगाई जाए. इसी कड़ी में मंगलवार को मामले को गंभीरता से लेते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने राज्य सरकार को 2 हफ्ते के भीतर अपना विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है.

नैनीतालः उत्तराखंड में पट्टे की सरकारी कृषि भूमि को अकृषि भूमि दिखाकर भू-माफिया द्वारा बेचे जाने पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार को दो हफ्ते के भीतर विस्तृत जवाब शपथ पत्र के जरिए पेश करने के आदेश दिए हैं. वहीं, अब मामले की अगली सुनवाई आगामी 24 मार्च को होगी.

बता दें कि, देहरादून निवासी सुरभि सक्सेना ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार ने साल 2012 से अब तक सरकारी आदेश जारी कर पट्टे की भूमि खेती के लिए बड़े पैमाने पर दी गई, लेकिन कई स्थानों पर पट्टेदारों ने भूमि अपने नाम पर करवाकर सरकारी भूमि का दुरुपयोग किया है. इतना ही नहीं कई जगहों पर तो जमीन भी बेच दी गई है.

जानकारी देते अधिवक्ता याचिकाकर्ता कार्तिके हरि गुप्ता.

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साथ ही कहा है कि राज्य सरकार के द्वारा इन कब्जेदारों से साल 2000 के आधार पर सर्किल रेट लिए गए, जो गलत है. लिहाजा सरकार की ओर से की जा रही भूमि हस्तांतरण पर रोक लगाई जाए. इसी कड़ी में मंगलवार को मामले को गंभीरता से लेते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने राज्य सरकार को 2 हफ्ते के भीतर अपना विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है.

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