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शंकराचार्य समाधि निर्माण मामले में हाईकोर्ट सख्त, राज्य सरकार से दो हफ्ते में मांगा जवाब - शंकराचार्य समाधि निर्माण मामले में राज्य. सरकार को नोटिस

केदारनाथ में शंकराचार्य समाधि निर्माण मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. साथ ही मामले में दो हफ्ते के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिये हैं.

High court strict in Shankaracharya Samadhi construction case
केदारनाथ में शंकराचार्य समाधि निर्माण मामले में हाईकोर्ट सख्त
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Published : Dec 30, 2020, 8:02 PM IST

नैनीताल: हाईकोर्ट ने केदारनाथ आपदा में क्षतिग्रस्त हुई आदि शंकाराचार्य की समाधि के निर्माण न करने के मामले पर सख्त रुख अपनाया है. हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार को जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. साथ ही कोर्ट ने सरकार से पूछा है क्यों न आपके खिलाफ कोर्ट के आदेश का पालन न करने पर अवमानना की कार्यवाही की जाए.

बता दें कि याचिककर्ता ने हाईकोर्ट में एक प्रार्थना पत्र दायर कर कहा था कि हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 2018 में राज्य सरकार को एक साल के भीतर शंकराचार्य की समाधि का निर्माण करने के आदेश दिए थे. मगर, एक साल बीत जाने के बाद भी राज्य सरकार ने ऐसा नहीं किया.

पढ़ें: बच्ची को बहला-फुसलाकर साथ ले जाने की कर रहा था कोशिश, लोगों ने जमकर की धुनाई

दिल्ली निवासी अजय गौतम ने हाईकोर्ट में पत्र भेज कर कहा है कि जून 2013 में केदारनाथ में आयी आपदा के दौरान आदिशकराचार्य की समाधि पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गयी थी. साथ ही याचिकर्ताकर्ता का कहना है कि शकराचार्य महान दार्शनिक व हिंदू विचारक थे, उन्होंने सनातन धर्म के प्रचार व प्रसार के लिए दस मठों का निर्माण किया था.

पढ़ें-उत्तराखंडः 31 जनवरी तक बढ़ाई गई अनलॉक गाइडलाइन, सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी हवाला

इस लिहाज से शंकराचार्य की समाधि महत्वपूर्ण है. मामले की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश रवि विजय कुमार मलिमथ की खंडपीठ ने राज्य सरकार को 2 सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

नैनीताल: हाईकोर्ट ने केदारनाथ आपदा में क्षतिग्रस्त हुई आदि शंकाराचार्य की समाधि के निर्माण न करने के मामले पर सख्त रुख अपनाया है. हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार को जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. साथ ही कोर्ट ने सरकार से पूछा है क्यों न आपके खिलाफ कोर्ट के आदेश का पालन न करने पर अवमानना की कार्यवाही की जाए.

बता दें कि याचिककर्ता ने हाईकोर्ट में एक प्रार्थना पत्र दायर कर कहा था कि हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 2018 में राज्य सरकार को एक साल के भीतर शंकराचार्य की समाधि का निर्माण करने के आदेश दिए थे. मगर, एक साल बीत जाने के बाद भी राज्य सरकार ने ऐसा नहीं किया.

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दिल्ली निवासी अजय गौतम ने हाईकोर्ट में पत्र भेज कर कहा है कि जून 2013 में केदारनाथ में आयी आपदा के दौरान आदिशकराचार्य की समाधि पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गयी थी. साथ ही याचिकर्ताकर्ता का कहना है कि शकराचार्य महान दार्शनिक व हिंदू विचारक थे, उन्होंने सनातन धर्म के प्रचार व प्रसार के लिए दस मठों का निर्माण किया था.

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इस लिहाज से शंकराचार्य की समाधि महत्वपूर्ण है. मामले की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश रवि विजय कुमार मलिमथ की खंडपीठ ने राज्य सरकार को 2 सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

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