नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड के आरोपी पुलकित आर्य, अंकित और सौरभ भास्कर के खिलाफ दर्ज एफआईआर और उन पर लगे गैंगस्टर की धाराओं को निरस्त करने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी की एकलपीठ ने उनको कोई राहत नहीं दी. साथ ही इस याचिका को निरस्त कर दिया गया है.
दरअसल, अंकित और सौरभ भास्कर की तरफ से कहा गया था कि उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है. वो रिजॉर्ट में मैनेजर और सहायक मैनेजर के पद पर थे. दोनों रोजी-रोटी के लिए यहां कार्य करते थे. दोनों का नौकर और मालिक का संबंध है इसलिए उनपर गैंगस्टर एक्ट नहीं लगाया जा सकता. वहीं, पुलकित आर्य ने कहा कि उनके इस केस के अलावा दो अन्य केस हैं जो बहुत पुराने हैं और लंबित चल रहे हैं. पहला नो पार्किंग में गाड़ी खड़ी करने को लेकर है, दूसरा उनका मेडिकल कॉलेज एडमिशन को लेकर मामला है, जो अभी विचाराधीन है. इन दोनों केसों में गैंगस्टर की धारा नहीं बनती है इसलिए इसे निरस्त किया जाए. पुलिस ने इस केस में पहले उनपर मुकदमा दर्ज किया, बाद में गैंगस्टर की धारा जोड़ी गई है.
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घटना के अनुसार, पौड़ी जिले के डोभ श्रीकोट की अंकिता भंडारी वनंत्रा रिजॉर्ट में नौकरी करती थी. अंकिता की हत्या आरोपी पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित ने चीला बैराज में धक्का देकर कर की थी. अंकिता की डूबकर मौत हो गई थी. मामले की छानबीन के बाद तीनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. आज ही इस मामले में कोटद्वार अपर जिला जज न्यायालय ने भी तीनों आरोपियों की जमानत याचिका को खारिज किया है.