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फर्जी राशन कार्ड का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, 3 हफ्ते के भीतर रिपोर्ट पेश करने का आदेश

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Published : Nov 21, 2019, 10:30 PM IST

लक्सर निवासी रेनू ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है, जिसमें राशन विक्रेताओं पर फर्जी राशन कार्ड बनाने और उपभोक्ताओं को कम राशन देने का आरोप लगाया है.

फर्जी राशन कार्ड का मामला पहुंचा हाईकोर्ट

नैनीताल: हरिद्वार के लक्सर में राशन विक्रेता द्वारा फर्जी राशन कार्ड बनाया जा रहा था. वहीं, इस मामले में नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने गुरुवार को सुनवाई की, जिसमें जिलाधिकारी को फर्जी राशनकार्ड मामले की जांच तीन हफ्ते के भीतर पूरी कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए.

बता दें कि लक्सर निवासी रेनू ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें जिसके द्वारा राशन विक्रेताओं पर ये आरोप लगाया गया कि हरिद्वार, लक्सर और उसके आस-पास के क्षेत्रों में फर्जी राशन कार्ड बना कर गरीब लोगों को मिलने वाले राशन की कालाबाजारी की जा रही है. साथ ही विक्रेताओं द्वारा एपीएल और बीपीएल कार्डों की जानकारी भी नहीं रखी गई है. वहीं, गरीब परिवारों को दिए जाने वाले राशन को अन्य लोगों में वितरित किया जा रहा है.

फर्जी राशन कार्ड का मामला पहुंचा हाईकोर्ट

ये भी पढ़ें: देशभर से लोग इन गांवों के गेहूं की करते हैं डिमांड, बिन सिंचाई-बिन खाद होती है पैदावार

याचिका में कहा गया है कि सरकार द्वारा करीब 35 किलो राशन गरीब लोगों को दिया जाता है, लेकिन राशन विक्रेता उपभोक्ताओं को केवल 6 किलो राशन ही दे रहा है. जबकि, बाकी राशन कालाबाजारी की जा रही है. याचिकाकर्ता ने बताया कि राशन विक्रेता से आरटीआई के तहत सूचना मांगी गई तो उसने रिकॉर्ड बुक खो जाने की बात कही. ऐसे में याचिकाकर्ता ने नैनीताल हाईकोर्ट की शरण ली है.

नैनीताल: हरिद्वार के लक्सर में राशन विक्रेता द्वारा फर्जी राशन कार्ड बनाया जा रहा था. वहीं, इस मामले में नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने गुरुवार को सुनवाई की, जिसमें जिलाधिकारी को फर्जी राशनकार्ड मामले की जांच तीन हफ्ते के भीतर पूरी कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए.

बता दें कि लक्सर निवासी रेनू ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें जिसके द्वारा राशन विक्रेताओं पर ये आरोप लगाया गया कि हरिद्वार, लक्सर और उसके आस-पास के क्षेत्रों में फर्जी राशन कार्ड बना कर गरीब लोगों को मिलने वाले राशन की कालाबाजारी की जा रही है. साथ ही विक्रेताओं द्वारा एपीएल और बीपीएल कार्डों की जानकारी भी नहीं रखी गई है. वहीं, गरीब परिवारों को दिए जाने वाले राशन को अन्य लोगों में वितरित किया जा रहा है.

फर्जी राशन कार्ड का मामला पहुंचा हाईकोर्ट

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याचिका में कहा गया है कि सरकार द्वारा करीब 35 किलो राशन गरीब लोगों को दिया जाता है, लेकिन राशन विक्रेता उपभोक्ताओं को केवल 6 किलो राशन ही दे रहा है. जबकि, बाकी राशन कालाबाजारी की जा रही है. याचिकाकर्ता ने बताया कि राशन विक्रेता से आरटीआई के तहत सूचना मांगी गई तो उसने रिकॉर्ड बुक खो जाने की बात कही. ऐसे में याचिकाकर्ता ने नैनीताल हाईकोर्ट की शरण ली है.

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हरिद्वार के लक्सर में फर्जी राशन कार्ड के मामला पहुंचा नैनीताल हाई कोर्ट।

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हरिद्वार के लकशर में राशन विक्रेता द्वारा बनाए गए फर्जी राशन कार्ड के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए डीएम हरिद्वार को फर्जी राशनकार्ड मामले की जांच 3 सप्तहा में पूरी कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं।


Body:आपको बता दें कि लक्सर निवासी रेनू ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि हरिद्वार समेत लक्सर उसके आसपास के क्षेत्रों में सस्ते गल्ले के राशन विक्रेताओं द्वारा फर्जी राशन कार्ड बना कर गरीब लोगों को मिलने वाले राशन की कालाबाजारी की जा रही है, और इन राशन विक्रेताओं के द्वारा एपीएल और बीपीएल कार्डों की जानकारी भी नहीं रखी गई है और गरीब लोगों को दिए जाने वाले राशन तो गरीबों को ना देकर अन्य लोगों को बेचा जा रहा है।




Conclusion:वही याचिका में कहा गया है कि सरकार द्वारा करीब 35 किलो राशन गरीब लोगों को दिया जाता है लेकिन राशन विक्रेता उपभोक्ताओं को केवल 6 किलो राशन ही दे रहा है और बाकी राशन बाजार में औने पौने दाम पर बेच रहा है, और जब याचिकाकर्ता द्वारा आरटीआई से सूचना मांगी गई तो राशन विक्रेता द्वारा राशन की जानकारी यह कहते हुए नहीं दी गई कि उनके रिकॉर्ड बुक खो गई है।
जिसके बाद याचिकाकर्ता रेनू ने मामले की जांच के लिए नैनीताल हाईकोर्ट की शरण ली और आज मामले में सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने डीएम हरिद्वार को मामले में 3 सप्ताह के भीतर जांच पूरी कर कोर्ट में रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं।

बाइट- बिलाल अहमद अधिवक्ता याचिकाकर्ता।
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