नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नगीना लालकुआं में रेलवे की भूमि पर करीब चार हजार लोगों के द्वारा अवैध कब्जा किए जाने के मामले पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने कब्जाधारियों की याचिका को निरस्त करते हुए अवैध कब्जा हटाने के आदेश रेलवे को दिये हैं.
मामले के अनुसार नगीना लालकुआं निवासी आंचल कुमार व चार अन्य ने उच्च न्यायलय में याचिका दायर कर कहा है कि रेलवे ने 3 मई को नोटिस देकर अवैध कब्जा हटाने का आदेश दिया है. जिसकी अंतिम तिथि 18 मई है. इसलिए इसपर रोक लगाई जाये. सुनवाई के दौरान रेलवे के अधिवक्ता राजीव शर्मा ने कोर्ट को अवगत कराया कि 2018 में इस भूमि का राज्य सरकार व रेलवे ने एक साथ जांच शुरू की थी. उस वक्त 84 अतिक्रमण पाए गए.
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इसके बाद रेलवे ने कई बार जांच की. वर्तमान में यहां पर करीब 4 हजार लोगों ने टिन शेड डालकर रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण किया हुआ है. इनको हटाने के लिए रेलवे ने इन्हें दस दिन का समय दिया है. रेलवे की तरफ से यह भी कहा गया कि इनको हटाने के लिए उनके द्वारा जिला प्रसाशन से पुलिस फोर्स मुहैया कराने का पत्र दिया, परन्तु प्रशासन उसमें सहयोग नहीं कर रहा है. लालकुआं रेलवे स्टेशन का अमृत भारत स्कीम के तहत आधुनिकीकरण व विस्तारीकरण होना है. इसलिए यहां से अतिक्रमण को हटाना आवश्यक है.