ETV Bharat / state

उत्तराखंड हाई कोर्ट का आदेशः 6 महीने में नैनीताल का मास्टर प्लान तैयार करे सरकार - नैनीताल हाईकोर्ट

नैनीताल हाईकोर्ट ने नैनीताल की इकोलॉजी के हित में विस्तृत निर्देश जारी किए हैं. आज पारित आदेश में हाईकोर्ट की खंडपीठ ने एक्सपर्ट बॉडीज़ से भी सलाह लेने के निर्देश दिए हैं ताकि नैनीताल की पारस्थितिकी को बिगड़ने से बचाया जा सके.

Nainital High Court
author img

By

Published : Aug 29, 2019, 10:55 PM IST

नैनीतालः हाई कोर्ट ने नैनीताल के शेर का डांडा, सात नंबर समेत नैनीताल के जोन 1 और जोन 2 से अवैध अतिक्रमण को हटाने के निर्देश जिला प्रशासन को दिए हैं. साथ ही कोर्ट ने कहा कि पर्यटकों और स्थानीय जनता की सुविधाओं के अनुसार ट्रैफिक नियंत्रण करें और इस कार्य के लिए आईआईटी दिल्ली की सलाह भी लें. वहीं अवैध रूप से भवन निर्माण करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.

पढ़ें- राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी रेल मंत्री से मिले, काशीपुर से धामपुर तक नई रेल लाइन निर्माण की मांग

नैनीताल निवासी प्रोफेसर अजय रावत ने नैनीताल को इको सेंसेटिव जोन घोषित करने समेत अवैध निर्माण को रोकने व दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी. कोर्ट ने मामले में सात नंबर क्षेत्र में बसे लोगों का पुनर्वास करने और सूखा ताल में हुए अवैध निर्माण को नियमानुसार ध्वस्त करने के आदेश दिए हैं. साथ ही कोर्ट ने नैनीताल की सड़कों को भी अतिक्रमण मुक्त बनाने के आदेश दिए हैं. वहीं कोर्ट ने सूखा ताल क्षेत्र में हो रहे निर्माण पर तत्काल रोक लगाने के आदेश जिला प्रशासन को दिए हैं. कोर्ट ने कहा है कि सूखा ताल के डूब क्षेत्र समेत शहर के अन्य स्थानों से नियम अनुसार अतिक्रमण को हटाएं. कोर्ट ने अतिक्रमण में शामिल अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से दोषी माना है.

नैनीताल की बदहाली के लिए 1993 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि नैनीताल का नया मास्टर प्लान नहीं बना है. जिस पर हाई कोर्ट ने सरकार को 6 महीने के भीतर नैनीताल का मास्टर प्लान तैयार करने का आदेश पारित किया है. इस मास्टर प्लान में नैनीताल भीमताल, कमलताल, सातताल, चेतन खुरपा ताल, मलवा ताल, सूखा ताल को सुधारने की बात कही है.

पढ़ें- उत्तराखंडः लामबगड़ में मलबा आने से बदरीनाथ हाईवे बंद,1500 तीर्थ यात्रियों को रोका गया

वही नैनीताल में ट्रैफिक की समस्या को नियंत्रित करने और पार्क बनाने के लिए सेटेलाइट पार्किंग बाहरी वाहनों को रोकने, नैनीताल शहर में होटल निर्माण पर रोक, 20 से 25 सीटर बसों को हल्द्वानी, कालाढूंगी और भवाली से शुरू करने समेत नो पार्किंग जोन बनाकर शख्ति करने के आदेश दिए हैं, वहीं अपर माल रोड को शीतकाल में 6 से 8 बजे तक और ग्रीष्म काल में 6 से 9 बजे तक बंद करने के भी निर्देश हैं.

कोर्ट ने राज्य ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी को निर्देश दिए हैं कि वह नैनीताल के लिए नई टैक्सियों को परमिट ना दे, हालांकि नैनीताल में पुराने टैक्सी चालकों को इस दायरे से बाहर रखा गया है. वही नैनी झील में चलने वाली 222 नाव और घोड़ों को नए लाइसेंस जारी ना किया जाए. कोर्ट ने नैनीताल में पर्यटकों की संख्या को देखते हुए नए पर्यटक स्थलों को डेवलप करने और वहां पर छोटे होटल और गेस्ट हाउस को बढ़ावा देने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने नैनीताल को इको सेंसेटिव जोन बनाने का मामला वन एवं पर्यावरण मंत्रालय पर छोड़ दिया है.

साथ ही वरिष्ठ न्यायाधीश सुधांशु धूलिया और न्यायाधीश लोकपाल सिंह की खंडपीठ ने सचिव आपदा प्रबंधन को निर्देश दिए हैं कि वह नैनीताल में निर्माण और विकास प्लान पर पुनर्विचार करे.

नैनीतालः हाई कोर्ट ने नैनीताल के शेर का डांडा, सात नंबर समेत नैनीताल के जोन 1 और जोन 2 से अवैध अतिक्रमण को हटाने के निर्देश जिला प्रशासन को दिए हैं. साथ ही कोर्ट ने कहा कि पर्यटकों और स्थानीय जनता की सुविधाओं के अनुसार ट्रैफिक नियंत्रण करें और इस कार्य के लिए आईआईटी दिल्ली की सलाह भी लें. वहीं अवैध रूप से भवन निर्माण करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.

पढ़ें- राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी रेल मंत्री से मिले, काशीपुर से धामपुर तक नई रेल लाइन निर्माण की मांग

नैनीताल निवासी प्रोफेसर अजय रावत ने नैनीताल को इको सेंसेटिव जोन घोषित करने समेत अवैध निर्माण को रोकने व दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी. कोर्ट ने मामले में सात नंबर क्षेत्र में बसे लोगों का पुनर्वास करने और सूखा ताल में हुए अवैध निर्माण को नियमानुसार ध्वस्त करने के आदेश दिए हैं. साथ ही कोर्ट ने नैनीताल की सड़कों को भी अतिक्रमण मुक्त बनाने के आदेश दिए हैं. वहीं कोर्ट ने सूखा ताल क्षेत्र में हो रहे निर्माण पर तत्काल रोक लगाने के आदेश जिला प्रशासन को दिए हैं. कोर्ट ने कहा है कि सूखा ताल के डूब क्षेत्र समेत शहर के अन्य स्थानों से नियम अनुसार अतिक्रमण को हटाएं. कोर्ट ने अतिक्रमण में शामिल अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से दोषी माना है.

नैनीताल की बदहाली के लिए 1993 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि नैनीताल का नया मास्टर प्लान नहीं बना है. जिस पर हाई कोर्ट ने सरकार को 6 महीने के भीतर नैनीताल का मास्टर प्लान तैयार करने का आदेश पारित किया है. इस मास्टर प्लान में नैनीताल भीमताल, कमलताल, सातताल, चेतन खुरपा ताल, मलवा ताल, सूखा ताल को सुधारने की बात कही है.

पढ़ें- उत्तराखंडः लामबगड़ में मलबा आने से बदरीनाथ हाईवे बंद,1500 तीर्थ यात्रियों को रोका गया

वही नैनीताल में ट्रैफिक की समस्या को नियंत्रित करने और पार्क बनाने के लिए सेटेलाइट पार्किंग बाहरी वाहनों को रोकने, नैनीताल शहर में होटल निर्माण पर रोक, 20 से 25 सीटर बसों को हल्द्वानी, कालाढूंगी और भवाली से शुरू करने समेत नो पार्किंग जोन बनाकर शख्ति करने के आदेश दिए हैं, वहीं अपर माल रोड को शीतकाल में 6 से 8 बजे तक और ग्रीष्म काल में 6 से 9 बजे तक बंद करने के भी निर्देश हैं.

कोर्ट ने राज्य ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी को निर्देश दिए हैं कि वह नैनीताल के लिए नई टैक्सियों को परमिट ना दे, हालांकि नैनीताल में पुराने टैक्सी चालकों को इस दायरे से बाहर रखा गया है. वही नैनी झील में चलने वाली 222 नाव और घोड़ों को नए लाइसेंस जारी ना किया जाए. कोर्ट ने नैनीताल में पर्यटकों की संख्या को देखते हुए नए पर्यटक स्थलों को डेवलप करने और वहां पर छोटे होटल और गेस्ट हाउस को बढ़ावा देने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने नैनीताल को इको सेंसेटिव जोन बनाने का मामला वन एवं पर्यावरण मंत्रालय पर छोड़ दिया है.

साथ ही वरिष्ठ न्यायाधीश सुधांशु धूलिया और न्यायाधीश लोकपाल सिंह की खंडपीठ ने सचिव आपदा प्रबंधन को निर्देश दिए हैं कि वह नैनीताल में निर्माण और विकास प्लान पर पुनर्विचार करे.

Intro:summary

नैनीताल हाईकोर्ट ने दिया सूखाताल,शेर का डांडा, सात नंबर समेत जोन 1 जोन 2 से अतिक्रमण हटाने के निर्देश।

intro

नैनीताल हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश सुधांशु धूलिया और न्यायाधीश लोकपाल सिंह की खंडपीठ ने नैनीताल के शेर का डांडा, सात नंबर समेत नैनीताल के जून 1 और जून 2 से अवैध अतिक्रमण को हटाने के निर्देश जिला प्रशासन को दिए हैं साथ ही कोर्ट ने कहा कि पर्यटकों और स्थानीय जनता की सुविधाओं के अनुसार ट्रैफिक नियंत्रण करें और इस कार्य के लिए आईआईटी दिल्ली की सलाह भी ले वहीं अवैध रूप से भवन निर्माण करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी करें।



Body:आपको बता दें कि नैनीताल निवासी प्रोफेसर अजय रावत ने नैनीताल को इको सेंसेटिव जोन घोषित करने समेत नैनीताल में हो रहे अवैध निर्माण को रोकने व दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी।
कोर्ट ने मामले में सात नंबर क्षेत्र में बसे लोगों का पुनर्वास करने और सूखा ताल में हुए अवैध निर्माण को नियमानुसार ध्वस्त करने के आदेश दिए हैं, साथ ही कोर्ट ने नैनीताल की सड़कों को भी अतिक्रमण मुक्त बनाने के आदेश दिए हैं, वहीं कोर्ट ने सूखा ताल क्षेत्र में हो रहे निर्माण पर तत्काल रोक लगाने के आदेश जिला प्रशासन को दिए हैं,, वही कोर्ट ने कहा है कि सूखा ताल के डूब क्षेत्र समेत शहर के अन्य स्थानों से नियम अनुसार अतिक्रमण को हटाए, वही कोर्ट ने अतिक्रमण में शामिल अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से दोषी माना है।

नैनीताल की बदहाली के लिए 1993 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि नैनीताल का नया मास्टर प्लान नहीं बना है जिसे राज्य सरकार 6 महीने के भीतर तैयार करें इस मास्टर प्लान में नैनीताल भीमताल कमल ताल सातताल 9 को चेतन खुरपा ताल मलवा ताल सूखा ताल आंधी जिलों को सुधारने और सब आने की योजना पर भी अमल किया जाए।


Conclusion:वही नैनीताल में ट्रैफिक की समस्या को नियंत्रित करने और पाक बनाने के लिए सेटेलाइट पार्किंग बाहरी वाहनों को रोकने नैनीताल शहर में होटल निर्माण पर रोक 20 से 25 सीटर बसों को हल्द्वानी, कालाढूंगी,और भवाली से शुरू करने समेत नो पार्किंग जोन बनाकर शक्ति करने के आदेश दिए हैं, वहीं अपर माल रोड को शीतकाल में 6 से 8 बजे तक और ग्रीष्म काल में 6 से 9 बजे तक बंद करने के भी निर्देश हैं।
कोर्ट ने राज्य ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी को निर्देश दिए हैं कि वह नैनीताल के लिए नई टैक्सियों को परमिट ना दे, हालांकि नैनीताल में टैक्सी चला रहे हैं पुराने टैक्सी चालकों को इस दायरे से बाहर रखा गया है।
वही नैनी झील में चलने वाली 222 नाव और घोड़ों के नए लाइसेंस जारी ना करे जाए,
वहीं कोर्ट ने नैनीताल मैं बड़े पर्यटकों की संख्या को देखते हुए नैनीताल के आसपास के नए पर्यटक स्थलों को डिवेलप करने और वहां पर छोटे होटल और गेस्ट हाउस को बढ़ावा देने के निर्देश दिए हैं।
कोर्ट ने नैनीताल को इको सेंसेटिव जो बनाने का मामला वन एवं पर्यावरण मंत्रालय पर छोड़ दिया है।
साथ ही वरिष्ठ न्यायाधीश की खंडपीठ ने सचिव आपदा प्रबंधन को निर्देश दिए हैं कि वह नैनीताल में निर्माण और विकास प्लान पर पुनर्विचार करें और नियमानुसार कार्यों पर विचार करे,


ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.