नैनीतालः प्रदेश में लंबे समय से बंद स्लॉटर हाउस के मामले में हाईकोर्ट ने सचिव शहरी विकास और नैनीताल डीएम को नोटिस भेजा है. साथ ही उन्हें व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं. वहीं, कोर्ट ने पूछा है कि कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने पर क्यों न इन सभी के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए.
बता दें कि, कोर्ट के आदेश के बाद से ही प्रदेश में स्लॉटर हाउस बंद हैं. स्लॉटर हाउस को खुलवाने के लिए महबूब कुरैसी और अन्य लोगों ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि प्रदेश में बीते लंबे समय से स्लॉटर हाउस के बंद होने की वजह से मीट कारोबारियों के व्यवसाय पर प्रभाव पड़ रहा है.
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साथ ही कहा है कि राज्य सरकार ने साल 2011 में कोर्ट की ओर से दिए गए आदेश का आज तक पालन नहीं किया है. जिस वजह से अभी तक प्रदेश में वैध स्लॉटर हाउस नहीं बन पाए हैं. जिससे मीट कारोबारियों का काम पूरी तरह चौपट हो गया है. लिहाजा, राज्य सरकार को जल्द से जल्द वैध स्लॉटर हाउस पर निर्णय लेने के आदेश दिए जाएं.
इससे पहले रुड़की निवासी परवेज आलम ने भी नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर कहा था कि प्रदेश में अवैध रूप से स्लॉटर हाउस चलाए जा रहे हैं. साथ ही कई जगहों पर खुले में जानवर काटे जा रहे हैं, जो गलत हैं और इस पर पूरी तरह से पाबंदी लगनी चाहिए.
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इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने खुले में काटे जा रहे जानवरों, खुले में बेचे जा रहे मीट की दुकानों को 72 घंटे के भीतर बंद करने के आदेश दिए थे. साथ ही राज्य सरकार को प्रदेश में 4 महीने में नियमानुसार स्लॉटर हाउस बनाने को कहा था, लेकिन आज तक प्रदेश में कोई स्लॉटर हाउस नहीं बनाया गया है.
इसी कड़ी में प्रदेश में वैध स्लॉटर हाउस खोलने के मामले में हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने सचिव शहरी विकास, डीएम नैनीताल, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका नैनीताल और नगर आयुक्त नगर निगम हल्द्वानी को नोटिस जारी कर व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं.
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वहीं, स्लॉटर हाउस के मामले में सुनवाई के दौरान नैनीताल नगर पालिका ने कोर्ट को बताया कि नैनीताल में वैध स्लॉटर हाउस का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है. राज्य सरकार को लाइसेंस के लिए आवेदन किया गया है, लेकिन राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति अभी नहीं मिली है. जिस वजह से स्लॉटर हाउस शुरू नहीं हो सका है.