नैनीताल: कोटद्वार में ट्रांसजेंडर के साथ हुए रेप मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए प्रदेश के गृह सचिव को व्यक्तिगत रुप से पेश होते हुए 10 दिन के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिये हैं. मामले की अगली सुनवाई 13 मई को होगी.
गौरतलब है कि मुम्बई निवासी ट्रांसजेंडर ने नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि उसके दोस्त ने उसका रेप किया और जब वह अपने रेप की शिकायत लेकर पुलिस के पास गयी, तो पुलिस ने रेप का मामला धारा 377 में दर्ज किया, जबकि उसकी मांग थी कि रेप में धारा 376 दर्ज होनी चाहिए. याचिका कर्ता ने कहा है कि वह एक महिला है, लिहाजा उनके मामले में 376 धारा से ही मामला दर्ज किया जाए.
याचिकाकर्ता ये भी कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के नालसा के आदेश का प्रदेश में पालन नही किया जा रहा है. नालसा का आदेश ट्रांसजेंडरों के अधिकारों के हितो के लिये है, जिसका उत्तराखंड मेम पालन नही किया जा रहा है.
याचिकाकर्ता ने मामले की जांच कर रहे जांच अधिकारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि जांच अधिकारी ने कोर्ट से झूठ बोला है. कोर्ट ने मामले में 5 जांच अधिकारी बदले, जबकि धरातल पर ऐसा हुआ ही नहीं. जांच अधिकारी द्वारा रेप पीड़ित को युवती मानने से भी मना किया गया और चार्जशीट फाइल कर दी. मामले की सुनवाई करते हुए न्यायधीश रविन्द्र मेठाणी की एकल पीठ ने प्रदेश के गृह सचिव को व्यक्तिगत रुप से कोर्ट में पेश होने के आदेश दिये हैं.