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ट्रांसजेंडर रेप केस: हाई कोर्ट में गृह सचिव तलब, 10 दिन में मांगा जवाब

कोटद्वार में ट्रांसजेंडर के साथ हुए रेप मामले में नैनीताल हाई कोर्ट सख्त. गृह सचिव को व्यक्तिगत रुप से कोर्ट में पेश होने के आदेश. जांच अधिकारी पर आरोप- रेप पीड़ित को नहीं माना गया युवती.

नैनीताल हाई कोर्ट (फाइल फोटो)
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Published : Apr 30, 2019, 6:57 AM IST

Updated : Apr 30, 2019, 12:51 PM IST

नैनीताल: कोटद्वार में ट्रांसजेंडर के साथ हुए रेप मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए प्रदेश के गृह सचिव को व्यक्तिगत रुप से पेश होते हुए 10 दिन के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिये हैं. मामले की अगली सुनवाई 13 मई को होगी.


गौरतलब है कि मुम्बई निवासी ट्रांसजेंडर ने नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि उसके दोस्त ने उसका रेप किया और जब वह अपने रेप की शिकायत लेकर पुलिस के पास गयी, तो पुलिस ने रेप का मामला धारा 377 में दर्ज किया, जबकि उसकी मांग थी कि रेप में धारा 376 दर्ज होनी चाहिए. याचिका कर्ता ने कहा है कि वह एक महिला है, लिहाजा उनके मामले में 376 धारा से ही मामला दर्ज किया जाए.

याचिकाकर्ता ये भी कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के नालसा के आदेश का प्रदेश में पालन नही किया जा रहा है. नालसा का आदेश ट्रांसजेंडरों के अधिकारों के हितो के लिये है, जिसका उत्तराखंड मेम पालन नही किया जा रहा है.

याचिकाकर्ता ने मामले की जांच कर रहे जांच अधिकारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि जांच अधिकारी ने कोर्ट से झूठ बोला है. कोर्ट ने मामले में 5 जांच अधिकारी बदले, जबकि धरातल पर ऐसा हुआ ही नहीं. जांच अधिकारी द्वारा रेप पीड़ित को युवती मानने से भी मना किया गया और चार्जशीट फाइल कर दी. मामले की सुनवाई करते हुए न्यायधीश रविन्द्र मेठाणी की एकल पीठ ने प्रदेश के गृह सचिव को व्यक्तिगत रुप से कोर्ट में पेश होने के आदेश दिये हैं.

नैनीताल: कोटद्वार में ट्रांसजेंडर के साथ हुए रेप मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए प्रदेश के गृह सचिव को व्यक्तिगत रुप से पेश होते हुए 10 दिन के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिये हैं. मामले की अगली सुनवाई 13 मई को होगी.


गौरतलब है कि मुम्बई निवासी ट्रांसजेंडर ने नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि उसके दोस्त ने उसका रेप किया और जब वह अपने रेप की शिकायत लेकर पुलिस के पास गयी, तो पुलिस ने रेप का मामला धारा 377 में दर्ज किया, जबकि उसकी मांग थी कि रेप में धारा 376 दर्ज होनी चाहिए. याचिका कर्ता ने कहा है कि वह एक महिला है, लिहाजा उनके मामले में 376 धारा से ही मामला दर्ज किया जाए.

याचिकाकर्ता ये भी कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के नालसा के आदेश का प्रदेश में पालन नही किया जा रहा है. नालसा का आदेश ट्रांसजेंडरों के अधिकारों के हितो के लिये है, जिसका उत्तराखंड मेम पालन नही किया जा रहा है.

याचिकाकर्ता ने मामले की जांच कर रहे जांच अधिकारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि जांच अधिकारी ने कोर्ट से झूठ बोला है. कोर्ट ने मामले में 5 जांच अधिकारी बदले, जबकि धरातल पर ऐसा हुआ ही नहीं. जांच अधिकारी द्वारा रेप पीड़ित को युवती मानने से भी मना किया गया और चार्जशीट फाइल कर दी. मामले की सुनवाई करते हुए न्यायधीश रविन्द्र मेठाणी की एकल पीठ ने प्रदेश के गृह सचिव को व्यक्तिगत रुप से कोर्ट में पेश होने के आदेश दिये हैं.

Intro:स्लग-जवाब राज्य सरकार

रेपोर्ट-गौरव जोशी

स्थान-नैनीताल

एंकर- कोटद्वार मे ट्रांसजेंडर के साथ हुए रेप के मामले मे नैनीताल हाई कोर्ट ने सक्त रुप अपनाते हुए प्रदेश के गृह सचिव को 10 दिन के भीतर जवाब पेश करने के भी आदेश दिये है,साथ ही गृह सचिव को व्यक्तिगत रुप से कोर्ट मे पेश होने के आदेश दिये है,मामले कि अगली सुनवाई 13मई को होगी।


Body:आपको बता दे की मुम्बई निवशी युवती ने नैनीताल हाई कोर्ट मे याचिका दायर कर कहा था की उनके दोस्त परीक्षित जोशी ने उसका रेप करा,ओर जो वो अपने रेप की शिकायत लेकर पुलिस के पास गयी तो पुलिस ने रेप का मामला दर्ज ना कर 377 अप्राकर्तीक योन उत्पीडन का मामला दर्ज करा,,,
जिसको यचिककर्ता ने नैनीताल हाई कोर्ट मे चुनौती दी जिसमे याचिका कर्ता ने कहा की वो एक महिला है लिहाजा उनके मामले मे 376रेप का मामला दर्ज करा जाए,,,


Conclusion:साथ ही याचिकाकर्ता कहना है कि प्रदेश मे सुप्रीम कोर्ट के नालसा केआदेश का पालन नही करा जा रहा है,क्योंकि नालसा का आदेश ट्रांसजेनड़रो के अधिकारो के हितो के लिये है,जिसका उत्तराखंड मे पालन नही करा जा रहा है।
वही याचिकाकर्ता ने मामले कि जाँच कर रही जाँच अधिकारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि जाँच अधिकारी ने कोर्ट से झुट बोलाहै कि कोर्ट ने मामले मे 5जाँच अधिकारी बदले है,जबकी कोर्ट ने आज तक कोई जाँच अधिकारी नही बदले,साथ ही जाँच अधिकारी द्वारा रेप पीडित को युवती मानने से मना करते हुए मामले मे चार्ट शीट भी दायर कर दी।

आज मामले कि सुनवाई करते हुए न्यायधीश रविन्द्र मेठाणी कि एकल पीठ ने प्रदेश के गृह सचिव को व्यक्तिगत रुप से कोर्ट मे पेश होने के आदेश दिये है।

बाईय-यचिकाकर्ता
Last Updated : Apr 30, 2019, 12:51 PM IST
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