नैनीतालः होईकोर्ट ने सहायक समाज कल्याण अधिकारी नंद किशोर शर्मा की गिरफ्तारी पर रोक और एफआईआर निरस्त करने से संबंधित याचिका पर सुनवाई की. होईकोर्ट ने फिलहाल उन्हें कोई राहत नहीं दी है. साथ ही मामले में सरकार से 7 अक्टूबर तक विजिलेंस की जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.
गौर हो कि देहरादून निवासी एसके सिंह ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. उन्होंने कहा था कि नंद किशोर शर्मा के खिलाफ साल 2016 से विजिलेंस की जांच चल रही है. जिसमें अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है. कोर्ट ने याचिका में सुनवाई करते हुए मार्च 2021 में डायरेक्टर विजिलेंस को बुलाकर दो महीने के भीतर जांच पूरी करने के आदेश दिए थे.
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वहीं, कोर्ट के आदेश पर डायरेक्टर विजिलेंस ने दो माह के भीतर जांच पूरी की. जिसमें पाया गया कि नंद किशोर शर्मा ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है. आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने पर शर्मा के खिलाफ सरकार ने प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की.
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याचिकाकर्ता नंद किशोर शर्मा ने की ओर से अपनी गिरफ्तारी पर रोक और एफआईआर को निरस्त करने के लिए याचिका दायर की गई. याचिकाकर्ता ने कोर्ट में कहा कि उन पर लगाए गए आरोप गलत हैं. इसलिए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई जाए और एफआईआर को निरस्त किया जाए.
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वहीं, मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की एकलपीठ में हुई. आज हुई सुनवाई में जनहित याचिका दायर करने वाले एसके सिंह की ओर से इस मामले में खुद को पक्षकार बनाए जाने के लिए प्रार्थना पत्र पेश किया. क्योंकि, उनकी ही जनहित याचिका में कोर्ट ने जांच के आदेश दिए थे. वहीं, अगली सुनवाई के लिए 7 अक्टूबर की तिथि नियत की गई है.